परीक्षा की तैयारी के लिए समय का सदुपयोग कैसे करें?

Sansar LochanSuccess Mantra

time_management

इस high-tech युग में हम सुबह उठते ही अक्सर क्या करते हैं? एक तो मोबाइल साथ लेकर सोते हैं और सुबह उठकर ही व्हाट्सएप, फेसबुक पर क्या notification आया है, वह देखते हैं. फिर करवट बदलकर धीरे-धीरे पलंग से उतरते हैं और फिर अपने नित्य कार्य में लग जाते हैं. शाम को कहीं बाहर निकल जाते हैं और रात को टीवी देखकर अपना मन बहला लेते हैं….और इसी बीच कभी समय मिल गया तो पढ़ाई भी कर लेते हैं. इतने सुस्त time-table में भी हमारा एक schedule बँधा है. उठने से सोने तक हम कुछ न कुछ करते रहते हैं.

समय मुठ्ठी में लिए हुए बालू के समान है. यह सरकता रहता है. मुठ्ठी बँधी रह जाती है और सारा बालू नीचे गिर जाता है. दिन भी वही है, हालात भी वही हैं…पर समय रुकता नहीं और न किसी का इंतज़ार करता है. देखते ही देखते जनवरी, फिर मई और फिर अंततः परीक्षा का महीना आ जाता है. समय यह नहीं देखता कि आप उसका दुरूपयोग कर रहे हैं या सदुपयोग. आप अपने काम में विलम्ब जरुर कर सकते हैं मगर समय कभी विलम्ब नहीं करेगा. वह तो बस बहता है…बहते रहता है.

How did it get so late so soon? Its night before its afternoon. December is here before its June. My goodness how the time has flewn. How did it get so late so soon? 

जैसे हमारे जीवन में अपना कोई ख़ास होता है. समय का भी कोई ख़ास होता है. जो कड़ी मेहनत करते हैं, समय उनके लिए हमेशा एक अच्छा मित्र बन कर रहता है. कड़ी मेहनत करने वालों को समय कभी निराश नहीं करता. पता नहीं आपने यह कभी अनुभव किया है या नहीं, पर जिस दिन मैं काफी व्यस्त रहता हूँ तो दिन के लम्बा होने का अनुभव करता हूँ. लगता है दिन ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. किसी ने सही ही कहा है— [Tweet “Time is not an enemy unless you kill it”]

बचपन से ही हम अक्सर सुनते आये हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है. पर मैं इस कहावत के पक्ष में नहीं हूँ. मेहनत का फल मीठा भी हो सकता है और तीता भी. मेहनत यदि सही ढंग से नहीं की जाए तो आपको फल हमेशा तीता ही खाने को मिलेगा. मैंने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हुए बहुत लोगों को देखा है. पर अधिकांश सफल नहीं हो पाते क्योंकि कड़ी मेहनत सही दिशा में होनी चाहिए. जब तक आपको सही guidance, सही किताब, सही माहौल नहीं मिले, कड़ी मेहनत भी आपका भला नहीं कर सकती. कड़ी मेहनत और समय का सदुपयोग एक chemistry combination की तरह है, जिसको समझने में काफी समय लग जाता है. यह भी देखा जाता है कि जो समय का ज्यादा दुरूपयोग करते हैं वही समय की कमी की अधिक शिकायत करते हैं.

समय का सदुपयोग तभी होगा जब हम कोई अपना सुनियोजित time-table बनायेंगे. इसे बनाने में शर्माने की कोई जरुरत नहीं. हमारे बचपन में जो स्कूल का 8 पीरियड का टाइम टेबल होता था, ठीक उसी तरह हमें आज भी अपना time-table बनाने की आवश्यकता है. अक्सर time-table बनाते वक़्त हम अति-उत्साहित हो जाते हैं. उसमें इतना कुछ लिख डालते हैं जिसको follow सिर्फ एक रोबोट कर सकता है, मानव के बस की बात नहीं. अपनी समय सारणी ऐसी बनाइये जिसे आप निभा सकें. जैसे रविवार को मैथ्स का कोई ख़ास चैप्टर पढ़ लिया और शाम के वक़्त एक mock test दे दिया. अन्य दिनों में दूसरे  विषयों को पढ़ लिया.

आपने जो समय नष्ट कर दिया है वह भले ही वापस कभी नहीं आयेगा मगर उसके लिए अपने भविष्य के समय को नष्ट करना बहुत बड़ी मूर्खता है. मैंने अफ़सोस अक्सर कायर लोगों को करते देखा है. अफ़सोस वही करते हैं जो भविष्य में भी मेहनत करने के लिए इच्छुक नहीं होते. एक बात तो आपको जानना होगा कि आप अपने अतीत को बदल नहीं सकते. हाँ अवश्य अपने वर्तमान को अपने अतीत और भविष्य की चिंता में नष्ट कर सकते हैं. बीता हुआ कल आपका past है और आने वाला कल आपका future है. यदि आपको जीना है तो आज में जिएँ जो आपके लिए एक present है…एक गिफ्ट है.

परीक्षा में हमारे पास सिर्फ दो घंटे होते हैं. दो घंटे में इतने कड़े प्रश्नों को हल करने में पसीने छूट जाते हैं. पर आपने यदि कई सारे mock tests घर में या coaching classes में दिए हैं तो आपके लिए वह परीक्षा भी एक mock test ही लगेगी. आगे के लेख में बताऊँगा कि mock test का अभ्यास कैसे करना चाहिए.

Exam-stress से बिल्कुल दूरी बनाये रखें. १० घंटे पढ़ने से अच्छा है कि आप तीन से चार घंटा ही पढ़िए. मगर याद रखें, यह ३-४ घंटा सिर्फ आपका होना चाहिए. Full focused होकर पढ़ें और अपनी कमियों पर ध्यान दें.

सुबह उठकर योग करने से दिमाग दिन भर शांत बना रहता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. आपका ध्यान गलत चीजों की तरफ नहीं भटकता.

 

सुबह की पढ़ाई अच्छी मानी जाती है क्योंकि सुबह में की हुई पढ़ाई long-term याद रहती है. हाँ, जरुर आजकल जो young generations का schedule है वो किल्विष की तरह हो गयी है. अँधेरा कायम रहे .आजकल लोग 3-4 बजे रात तक पढ़ते रहते हैं और ठाठ से 9-10 बजे सुबह उठते हैं. Parents भी अandhera kayamपने बच्चों को सुबह में देर तक सोने देते हैं और अन्दर से गद्गद रहते हैं कि बेटे/बेटी ने देर रात तक पढ़ाई की है. इनका देर से उठना लाजिमी है. रात की पढ़ाई में एकांत तो जरुर मिलता है मगर दिन भर नींद आती रहती है और किसी काम में मन नहीं लगता, freshness का नामो-निशान नहीं रहता. दिन भर जँभाई आती है और कार्य करने की क्षमता घट जाती है. एक शोध से पता चला है कि देर रात तक जागने वाले अपने life के 10 साल घटा लेते हैं. Late night studies से अच्छा है कि आप रात जल्दी सो कर सुबह 4-5 बजे ही उठ जाएँ. 2 घंटे course का पढ़ने के बाद आप newspapers पढ़ लीजिये. रोज एक mock test दीजिये. 4 घंटे से ज्यादा नहीं पढ़ने की कसम खा लीजिये. किसी को डिस्टर्ब मत करने दीजिये. अकेले रहिये, library जा कर पढ़िए….मगर यह समय आपका है. इसे गँवाने का सीधा मतलब है कि आप अपने भविष्य को लेकर serious नहीं हैं.

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