आज हम 17 जनवरी से 23 जनवरी, 2019 तक के Sansar Current Affairs Quiz दे रहे हैं. ये सारे Test Series के सवाल Sansar Daily Current Affairs पर आधारित होते हैं. इसलिए जब तक आप हमारा Daily Current Affairs नहीं पढेंगे, इन सवालों का उत्तर देना आपके लिए मुश्किल होगा. जैसा आप जानते हैं कि इस quiz section को daily से बदलकर weekly बना दिया गया है इसलिए आप सारे Quiz को इस लिंक से प्राप्त कर सकते हैं >>> Sansar Weekly Quiz
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2019 QUIZ :- Sansar Current Affairs, 17 January – 23 January
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Question 1 of 10
1. Question
1 pointsपंज तीरथ के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- यह एक प्राचीन पारसी धर्म स्थल है जिसे हाल ही में राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है.
- यह भारत में स्थित है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने पेशावर में स्थित प्राचीन हिन्दू धर्म-स्थल पंज तीरथ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया है.
Incorrect
उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने पेशावर में स्थित प्राचीन हिन्दू धर्म-स्थल पंज तीरथ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया है.
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Question 2 of 10
2. Question
1 pointsलोकपाल की शक्तियों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- लोकपाल CBI को छोड़कर किसी अन्य छानबीन एजेंसी को कोई मामला जाँच के लिए भेज सकता है.
- यदि लोकपाल ने कोई मामला CBI को जाँच-पड़ताल के लिए दिया है तो उस CBI अधिकारी को बिना लोकपाल की अनुमति के बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.
- जाँच एजेंसी को जाँच के काम को छह महीने में पूरा करना होगा और जाँच के काम करने की इस अवधि को लोकपाल किसी भी हाल में नहीं बढ़ा सकता.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
- लोकपाल CBI समेत किसी भी छानबीन एजेंसी को कोई मामला जाँच के लिए भेज सकता है और उसका पर्यवेक्षण और निगरानी कर सकता है.
- जाँच एजेंसी को जाँच का काम छह महीने में पूरा करना होगा. परन्तु लोकपाल सही और लिखित कारण होने पर छह महीने का विस्तार दे सकता है.
Incorrect
- लोकपाल CBI समेत किसी भी छानबीन एजेंसी को कोई मामला जाँच के लिए भेज सकता है और उसका पर्यवेक्षण और निगरानी कर सकता है.
- जाँच एजेंसी को जाँच का काम छह महीने में पूरा करना होगा. परन्तु लोकपाल सही और लिखित कारण होने पर छह महीने का विस्तार दे सकता है.
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Question 3 of 10
3. Question
1 pointsइंडियन साइंस कांग्रेस संघ के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- इसका आरम्भ स्वतंत्रता के पहले हुआ था.
- इसकी स्थापना में भारतमूल के दो रसायनशास्त्रियों का हाथ है.
- यह प्रतिवर्ष भारत में एक उचित स्थान पर एक सम्मेलन आयोजित करता है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
- इंडियन साइंस कांग्रेस संघ का आरम्भ 1914 में कलकत्ता में हुआ था. इस संघ के 30,000 से अधिक वैज्ञानिक सदस्य हैं.
- इसकी स्थापना के पीछे ब्रिटेन के दो रसायनशास्त्रियों – प्रोफेसर जे.एल. साइमन्सन और प्रोफेसर पी.एस. मैकमोहन की दूरदृष्टि और पहल थी. इन दोनों वैज्ञानिकों को लगा था कि उनके देश के ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस की तर्ज पर भारत में भी शोधकर्ताओं की प्रत्येक वर्ष बैठक हो तो यहाँ वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा.
Incorrect
- इंडियन साइंस कांग्रेस संघ का आरम्भ 1914 में कलकत्ता में हुआ था. इस संघ के 30,000 से अधिक वैज्ञानिक सदस्य हैं.
- इसकी स्थापना के पीछे ब्रिटेन के दो रसायनशास्त्रियों – प्रोफेसर जे.एल. साइमन्सन और प्रोफेसर पी.एस. मैकमोहन की दूरदृष्टि और पहल थी. इन दोनों वैज्ञानिकों को लगा था कि उनके देश के ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस की तर्ज पर भारत में भी शोधकर्ताओं की प्रत्येक वर्ष बैठक हो तो यहाँ वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा.
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Question 4 of 10
4. Question
1 pointsजलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2019 (CCPI) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- 2019 में भारत को पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रैंकिंग प्राप्त हुई है.
- पूरे विश्व में सर्वोच्च स्थान स्वीडन का है.
- मोरक्को का स्थान सबसे नीचे है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
- पूरे विश्व में सर्वोच्च स्थान स्वीडन का है जिसके बाद क्रमशः मोरक्को और लिथुएनिया का नाम आता है.
- सूचकांक में जो पाँच देश सबसे नीचे हैं, वे हैं – सऊदी अरब, अमेरिका, दक्षिणी कोरिया और ताइवान.
- 2019 में भारत को 11वीं रैंकिंग मिली है जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन स्थान ऊपर है.
Incorrect
- पूरे विश्व में सर्वोच्च स्थान स्वीडन का है जिसके बाद क्रमशः मोरक्को और लिथुएनिया का नाम आता है.
- सूचकांक में जो पाँच देश सबसे नीचे हैं, वे हैं – सऊदी अरब, अमेरिका, दक्षिणी कोरिया और ताइवान.
- 2019 में भारत को 11वीं रैंकिंग मिली है जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन स्थान ऊपर है.
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Question 5 of 10
5. Question
1 pointsध्रुवीय भँवर (polar vortex) के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- ध्रुवीय भँवर ध्रुवों के ऊपर बनने वाला उच्च-दबाव का एक चक्करदार शंकु होता है जो ग्रीष्म काल में सबसे प्रबल रहता है.
- ध्रुवीय क्षोभ मंडल में चक्कर मारता है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
- ध्रुवीय भँवर ध्रुवों के ऊपर बनने वाला निम्न-दबाव का एक चक्करदार शंकु होता है जो शरत काल में सबसे प्रबल रहता है. इसका कारण ध्रुवीय क्षेत्रों और अमेरिका और यूरोप जैसे मध्य-अक्षांशीय क्षेत्रों के बीच बढ़ा हुआ तापान्तर होता है.
- ध्रुवीय समताप मंडल में चक्कर मारता है. विदित हो कि समताप मंडल वायुमंडल की वह परत है जो भूमि से 10-48 किमी. ऊपर होता है और जिसके नीचे क्षोभमंडल होता है जहाँ कि जलवायु से सम्बंधित घटनाएँ सर्वाधिक होती हैं.
Incorrect
- ध्रुवीय भँवर ध्रुवों के ऊपर बनने वाला निम्न-दबाव का एक चक्करदार शंकु होता है जो शरत काल में सबसे प्रबल रहता है. इसका कारण ध्रुवीय क्षेत्रों और अमेरिका और यूरोप जैसे मध्य-अक्षांशीय क्षेत्रों के बीच बढ़ा हुआ तापान्तर होता है.
- ध्रुवीय समताप मंडल में चक्कर मारता है. विदित हो कि समताप मंडल वायुमंडल की वह परत है जो भूमि से 10-48 किमी. ऊपर होता है और जिसके नीचे क्षोभमंडल होता है जहाँ कि जलवायु से सम्बंधित घटनाएँ सर्वाधिक होती हैं.
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Question 6 of 10
6. Question
1 pointsकर्मचारी चयन आयोग के विषय में निम्नलिखित कथनों पर करें –
- कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की स्थापना संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के भार को कम करने के लिए हुई थी.
- इसको वैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
Incorrect
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Question 7 of 10
7. Question
1 pointsधन लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act – PMLA) के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- यह अधिनियम किसी व्यक्ति को एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) के रूप में घोषित करने की अनुमति देता है, यदि किसी भी निर्दिष्ट अपराध के लिए उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो जहाँ मामला कम से कम 50 करोड़ रु. का हो.
- विशेष अदालत को व्यक्ति को किसी निर्दिष्ट स्थान पर उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी करने से कम से कम छह सप्ताह का समय दिया जाएगा.
- FEO के रूप में घोषित हो जाने पर, किसी व्यक्ति की सम्पत्ति को जब्त किया जा सकता है.
- भगोड़े के रूप में वर्गीकृत व्यक्ति भारत में सिविल केस दायर करने में सक्षम होंगे.
उपर्युक्त कथनों में सही है/हैं?
Correct
- यह अधिनियम किसी व्यक्ति को एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) के रूप में घोषित करने की अनुमति देता है, यदि –
- किसी भी निर्दिष्ट अपराध के लिए उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो जहाँ मामला 100 करोड़ रु. से अधिक का हो, और
- उसने देश छोड़ दिया हो और अभियोजन का सामना करने के लिए वापस लौटने से इन्कार कर दिया हो.
- यह न केवल लोन डिफ़ॉल्टर और फ्रॉडस्टर को शामिल करता है, बल्कि उन व्यक्तियों पर भी लागू होता है जो कर, काले धन, बेनामी सम्पत्तियों और वित्तीय भ्रष्टाचार से सम्बंधित कानूनों का उल्लंघन करते हैं.
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) विधि प्रवर्तन के लिए सर्वोच्च एजेंसी होगी.
- किसी व्यक्ति को FEO घोषित करने के लिए एक विशेष अदालत में एक आवेदन दायर किया जायेगा जिसमें जब्त की जाने वाली सम्पत्ति का वितरण, और व्यक्ति के अता-पता से सम्बंधित जानकारी शामिल होगी.
- विशेष अदालत को व्यक्ति को किसी निर्दिष्ट स्थान पर उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी करने से कम से कम छह सप्ताह का समय दिया जाएगा. यदि वह उपस्थित हो जाता है तो कार्यवाही समाप्त कर दी जायेगी.
- यह अधिनियम विशेष अदालत के समक्ष आवेदन लंबित होने की स्थिति में अधिकारियों को अस्थायी रूप से आरोपी की सम्पत्ति को कुर्क करने की अनुमति प्रदान करता है.
- FEO के रूप में घोषित हो जाने पर, किसी व्यक्ति की सम्पत्ति को जब्त किया जा सकता है.
- भगोड़े के रूप में वर्गीकृत व्यक्ति, जबतक भारत वापस नहीं आते हैं और अभियोजन का सामना नहीं करते हैं, वे भारत में कोई भी सिविल केस दायर करने में सक्षम नहीं होंगे.
Incorrect
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Question 8 of 10
8. Question
1 pointsसंविधान की धारा 21, 38 और 47 के अधीन किन सेवाओं के महत्त्व को दर्शाया गया है?
Correct
संविधान की धारा 21, 38 और 47 के अधीन स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के महत्त्व को दर्शाया गया है. अतः यह सरकार की जिम्मेवारी है कि वह प्रत्येक नागरिक के लिए सुलभ विश्वसनीय और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराए.
Incorrect
संविधान की धारा 21, 38 और 47 के अधीन स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के महत्त्व को दर्शाया गया है. अतः यह सरकार की जिम्मेवारी है कि वह प्रत्येक नागरिक के लिए सुलभ विश्वसनीय और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराए.
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Question 9 of 10
9. Question
1 pointsपोलावरम परियोजना के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- पोलावरम परियोजना एक बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना है.
- यह बाँध तीस्ता नदी पर बनाया जा रहा है.
- यह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों में अवस्थित है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
पोलावरम परियोजना क्या है?
- पोलावरम परियोजना एक बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना है. यह बाँध गोदावरी नदी पर बनाया जा रहा है और यह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों में अवस्थित है.
- इस परियोजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले एवं पूर्वी गोदावरी जिले में गोदावरी नदी पर एक बाँध का निर्माण चल रहा है.
- इस बाँध के लिए बनाया गए विशाल जलाशय के कुछ अंश छतीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में भी पड़ते हैं.
- इस प्रयोजना के अधीन सिंचाई, पनबिजली एवं पेय-जल की सुविधा आंध्र प्रदेश के पूर्वी-गोदावरी, पश्चिमी-गोदावरी एवं कृष्णा जिले के अतिरिक्त विशाखापत्तनम को मुहैया की जायेगी.
- इस परियोजना के चलते 222 गाँवों के 1 लाख 88 हजार लोग विस्थापित हो गये हैं. इनमें से 1,730 लोगों का पुनर्वास किया जा चुका है.
Incorrect
पोलावरम परियोजना क्या है?
- पोलावरम परियोजना एक बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना है. यह बाँध गोदावरी नदी पर बनाया जा रहा है और यह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों में अवस्थित है.
- इस परियोजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले एवं पूर्वी गोदावरी जिले में गोदावरी नदी पर एक बाँध का निर्माण चल रहा है.
- इस बाँध के लिए बनाया गए विशाल जलाशय के कुछ अंश छतीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में भी पड़ते हैं.
- इस प्रयोजना के अधीन सिंचाई, पनबिजली एवं पेय-जल की सुविधा आंध्र प्रदेश के पूर्वी-गोदावरी, पश्चिमी-गोदावरी एवं कृष्णा जिले के अतिरिक्त विशाखापत्तनम को मुहैया की जायेगी.
- इस परियोजना के चलते 222 गाँवों के 1 लाख 88 हजार लोग विस्थापित हो गये हैं. इनमें से 1,730 लोगों का पुनर्वास किया जा चुका है.
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Question 10 of 10
10. Question
1 pointsचक्रवात की विभिन्न चेतावनियों का उनके निर्गत करने के समय के साथ सही-सही मिलान करें –
चक्रवात ——–
- चक्रवात पूर्व सावधानी (PRE CYCLONE WATCH) —–A. चक्रवात के 72 घंटे पहले निर्गत की जाती है.
- चक्रवात चौकसी (Cyclone Alert)—–B. चक्रवात के 24 घंटे पहले निर्गत की जाती है.
- चक्रवात चेतावनी (Cyclone Warning)——C. चक्रवात के 12 घंटे पहले निर्गत की जाती है.
- भूमिपात उपरान्त का परिदृश्य (Post Landfall Outlook)——D. चक्रवात के 48 घंटे पहले निर्गत की जाती है
Correct
राज्य सरकार के अधिकारी किसी भी चक्रवात के लिए चार चरणों में चेतावनियाँ निर्गत करते हैं.
पहला चरण – इस चरण की चेतवानी को चक्रवात पूर्व सावधानी (PRE CYCLONE WATCH) कहते हैं जो चक्रवात के 72 घंटे पहले निर्गत की जाती है. इसमें उत्तरी हिन्द महासागर में बनने वाले चक्रवातीय क्षोभ के बारे में चेतावनी देते हुए यह बताया जाता है कि यह तेज होते हुए और उष्ण कटिबंधीय चक्रवात का रूप लेते हुए तटीय पट्टी के मौसम को खराब कर सकता है.
दूसरा चरण – इस चरण की चेतावनी को चक्रवात चौकसी (Cyclone Alert) कहा जाता है. यह चेतावनी तटीय क्षेत्रों में मौसम के खराब होना आरम्भ होने के 48 घंटे पहले निर्गत की जाती है. इसमें यह सूचना दी जाती है कि यह चक्रवात कहाँ बन रहा है और इसकी तीव्रता बढ़ रही है अथवा नहीं. साथ ही, इसकी दिशा बताते हुए यह सूचित किया जाता है कि किन तटीय जिलों में यह तबाही मचाएगा. मछुआरों, सामान्य लोगों, मीडिया और आपदा प्रबंधकों को भी सावधान किया जाता है.
तीसरा चरण – इस चरण की चेतावनी को चक्रवात चेतावनी (Cyclone Warning) कहते हैं. यह चेतावनी तटीय क्षेत्रों में मौसम बिगड़ने के न्यूनतम 24 घंटे पहले जारी होती है. इस चरण में बताया जाता है कि चक्रवात किस स्थान पर समुद्र पार कर भूभाग पर पहुंचेगा. इस चरण में हर तीन घंटे पर चक्रवात की स्थिति, तीव्रता, भूखंड पर आने के समय, साथ-साथ होने वाली भारी वर्षा, प्रबल पवनों और आंधियों के बारे में भी सूचना दी जाती है.
चौथा चरण – इस चरण को भूमिपात उपरान्त का परिदृश्य (Post Landfall Outlook) कहते हैं. चक्रवात के भूभाग पर आने के 12 घंटों के पहले यह चेतावनी दी जाती है. इसमें भी चक्रवात की दिशा, भुमिपात और मौसम के बारे में सूचना दी जाती है.
Incorrect
राज्य सरकार के अधिकारी किसी भी चक्रवात के लिए चार चरणों में चेतावनियाँ निर्गत करते हैं.
पहला चरण – इस चरण की चेतवानी को चक्रवात पूर्व सावधानी (PRE CYCLONE WATCH) कहते हैं जो चक्रवात के 72 घंटे पहले निर्गत की जाती है. इसमें उत्तरी हिन्द महासागर में बनने वाले चक्रवातीय क्षोभ के बारे में चेतावनी देते हुए यह बताया जाता है कि यह तेज होते हुए और उष्ण कटिबंधीय चक्रवात का रूप लेते हुए तटीय पट्टी के मौसम को खराब कर सकता है.
दूसरा चरण – इस चरण की चेतावनी को चक्रवात चौकसी (Cyclone Alert) कहा जाता है. यह चेतावनी तटीय क्षेत्रों में मौसम के खराब होना आरम्भ होने के 48 घंटे पहले निर्गत की जाती है. इसमें यह सूचना दी जाती है कि यह चक्रवात कहाँ बन रहा है और इसकी तीव्रता बढ़ रही है अथवा नहीं. साथ ही, इसकी दिशा बताते हुए यह सूचित किया जाता है कि किन तटीय जिलों में यह तबाही मचाएगा. मछुआरों, सामान्य लोगों, मीडिया और आपदा प्रबंधकों को भी सावधान किया जाता है.
तीसरा चरण – इस चरण की चेतावनी को चक्रवात चेतावनी (Cyclone Warning) कहते हैं. यह चेतावनी तटीय क्षेत्रों में मौसम बिगड़ने के न्यूनतम 24 घंटे पहले जारी होती है. इस चरण में बताया जाता है कि चक्रवात किस स्थान पर समुद्र पार कर भूभाग पर पहुंचेगा. इस चरण में हर तीन घंटे पर चक्रवात की स्थिति, तीव्रता, भूखंड पर आने के समय, साथ-साथ होने वाली भारी वर्षा, प्रबल पवनों और आंधियों के बारे में भी सूचना दी जाती है.
चौथा चरण – इस चरण को भूमिपात उपरान्त का परिदृश्य (Post Landfall Outlook) कहते हैं. चक्रवात के भूभाग पर आने के 12 घंटों के पहले यह चेतावनी दी जाती है. इसमें भी चक्रवात की दिशा, भुमिपात और मौसम के बारे में सूचना दी जाती है.
Sansar Weekly Quiz : Topics included :-
- पंज तीरथ
- लोकपाल की शक्तियाँ
- इंडियन साइंस कांग्रेस संघ
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2019 (CCPI)
- ध्रुवीय भँवर (polar vortex)
- कर्मचारी चयन आयोग
- धन लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act – PMLA)
- संविधान की धारा 21, 38 और 47
- पोलावरम परियोजना
- चक्रवात की विभिन्न चेतावनियाँ