Sansar Daily Current Affairs, 09 April 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : International Convention on World Homoeopathy Day
संदर्भ
विश्व होमियोपेथी दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ स्वायत्त शोध संगठन – केन्द्रीय होमियोपेथी अनुसंधान परिषद् (Central Council for Research in Homoeopathy – CCRH) – द्वारा एक सम्मेलन आयोजित हो रहा है.
ज्ञातव्य है कि पूरे विश्व में 10 अप्रैल को होमियोपेथी के आविष्कारक डॉ. क्रिस्चियन फ्रेड्रिक सेम्युअल हेहनीमन की जयंती मनाई जाती है.
सेम्युअल हेहनीमन कौन थे?
सेम्युअल हेहनीमन जर्मनी के एक डॉक्टर थे जो एक बड़े विद्वान्, भाषाविद् और जाने-माने वैज्ञानिक भी थे. उन्हें होमियोपेथी का पिता, मानव औषधिशास्त्र का पिता, सूक्ष्म औषधि का पिता और रसायनशास्त्र में अनंत तनुकरण अवधारणा का पिता माना जाता है.
होमियोपेथी के विकास के लिए क्या किया जा सकता है?
होमियोपेथी चिकित्सा करने वाले औसत डॉक्टर की सफलता की दर में सुधार लाने के लिए यह आवश्यक है कि होमियोपेथी चिकित्साशास्त्र की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाये. यह भी आवश्यक है कि बाजार में उच्च गुण वाले होमियोपेथिक दवाएँ उपलब्ध हों. ऐसी दवाओं के उत्पादन को सुनिश्चित करना भी भारत में होमियोपेथी के विकास हेतु अनिवार्य होगा.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : NIRF 2019 Rankings
संदर्भ
हाल ही में 2019 के लिए भारतीय शिक्षा संस्थान की NIRF रैंकिंग प्रकाशित हुई.
शीर्षस्थ पाँच प्रौद्योगिकी संस्थान – 2019
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर
शीर्षस्थ पाँच विश्वविद्यालय – 2019
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
- हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद
- कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता
शीर्षस्थ पाँच महाविद्यालय – 2019
- मिरांडा हाउस, दिल्ली
- हिंदू कॉलेज, दिल्ली
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई
- स्टीफन कॉलेज, दिल्ली
- लेडी श्री राम महिला कॉलेज, नई दिल्ली
NIRF क्या है?
- NIRF का पूरा नाम है – National Institution Ranking Framework
- यह फ्रेमवर्कमानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा देश के संस्थानों को श्रेणीबद्ध करने हेतु तैयार किया गया है.
- NIRF 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था.
- इसमें गत वर्ष से मेडिकल, दंत विज्ञान, वास्तुकला तथा विधि संस्थानों को भी रैंकिंग दी जा रही है.
- शीर्ष विश्वविद्यालयों और संस्थानों के चयन के लिएअपनाई गई पद्धति में विभिन्न मानदंडों का प्रयोग होता है –
- शिक्षण, ज्ञान प्राप्ति और संसाधन
- अनुसंधान और व्यावसायिक पद्धति
- स्नातक के परिणाम
- संस्थान की पहुँच और समावेशता
- दृष्टि (Perception)
माहात्म्य
NIRF की रैंकिंग से विश्वविद्यालयों आदि में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है और वे उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हो जाते हैं. ज्ञातव्य है कि सरकार की उत्कृष्ट संस्थान योजना (Institutions of Eminence Scheme) इस रैंकिंग से जुड़ी होती है अर्थात् किसी संस्थान को उत्कृष्ट घोषित करने में यह रैंकिंग भी एक आधार होती है.
सरकार की उत्कृष्ट संस्थान योजना
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग की इस योजना का उद्देश्य भारतीय संस्थानों को वैश्विक मान्यता दिलाना है.
योजना के मुख्य तथ्य
- इस योजना के अंतर्गत 20 संस्थान चुने जाएँगे जिन्हें शिक्षण और प्रशासन के मामले में पूर्ण स्वायत्तता दी जायेगी.
- सरकार इनमें से दस को स्वयं संचालित करेगी और उन्हें विशेष कोष मुहैया कराया जाएगा.
- उत्कृष्ट संस्थान के रूप में चयन के लिए एक अधिकार-प्राप्त विशेषज्ञ समिति होगी जो चुनौती पद्धति (challenge method) से चयन करेगी.
- उत्कृष्ट संस्थान घोषित होने के लिए वही संस्थान आवेदन दे सकते हैं जो उच्चतर शिक्षा संस्थान हैं और वैश्विक रैंकिंग में जिनका स्थान शीर्षस्थ 500 के अन्दर अथवा NIRF रैंकिंग में शीर्षस्थ 50 के अन्दर होंगे.
- कोई निजी संस्थान भी उत्कृष्ट संस्थान की पदवी प्राप्त कर सकता है यदि उससे सम्बंधित सम्पोषक संगठन 15 वर्षों की अपनी ऐसी योजना का खाका प्रस्तुत करे जिससे विशेषज्ञ समिति संतुष्ट हो जाए.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : US to designate Iran Revolutionary Guard a terrorist group
संदर्भ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में यह घोषणा की है कि ईरान के सैन्य इकाई – इस्लामिक रेवल्यूशनरी गार्ड कोर्ज (Islamic Revolutionary Guard Corps – IRGC) – को अमेरिका एक आतंकी संगठन नामित करने जा रहा है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि अमेरिका के प्रशासन ने किसी विदेशी सरकार की एक सम्पूर्ण इकाई को आतंकी करार दे रहा है.
निहितार्थ
- इस प्रकार की घोषणा का अमेरिकी सैनिकों और मध्य-पूर्व तथा अन्यत्र अमेरिकी नीति पर दूरगामी प्रभाव होंगे.
- आतंकी संगठन नामित होने के साथ-साथ कई प्रकार के प्रतिबंध लग जाएँगे. उदाहरण के लिए, कुछ सम्पत्तियों को जब्त किया जा सकता है अथवा अमेरिका के लोगों को प्रतिबंधित संगठन के साथ कारोबार करने से रोक दिया जा सकता है.
- यह अभूतपूर्व निर्णय संदेश देता है कि ईरान न केवल आतंक का सरकारी संपोषक है, अपितु उसकी सेना आतंक में सक्रिय रूप से शामिल है और उसने आतंक को राज्य संचालन का एक साधन बना रखा है.
- ईरानी सेना की इकाई के आतंकी संगठन घोषित होने के उपरान्त विश्व-भर के व्यवसायी और बैंक उन कम्पनियों से बच कर रहेंगे जो IRGC के साथ वित्तीय लेन-देन करते हैं.
- IRGC से सम्पर्क रखने वालों पर अमेरिका आपराधिक कार्रवाई कर सकता है.
- अमेरिका के इस कदम के विरोध में रूस और चीन अमेरिकी एजेंसियों पर दंडात्मक कार्रवाई करना शुरू कर सकते हैं.
- इराक को इससे अधिक कष्ट होगा क्योंकि वह IRGC से जुड़ी इकाइयों से भी बिजली खरीदा करता है.
- अमेरिका के द्वारा इराक में की जाने वाली कारवाई पर भी इसका प्रभाव पद सकता है क्योंकि IRGC से जुड़े शिया विद्रोही इराक में सक्रिय हैं. विदित हो कि लेबनान का हेज़बोल्ला गुट भी IRGC से जुड़ा हुआ है.
- IRGC को आतंकी घोषित करने से ट्रम्प और यूरोपीय संघ की नीतियों का अलगाव बढ़ जाएगा.
पृष्ठभूमि
अमेरिका पहले से ही ईरान के प्रति आक्रामक रवैया अपनाता रहा है. वह 2015 में ईरान के साथ हुए आणविक समझौते से अलग हो गया था. अमेरिका ने IRGC को पहले भी आतंकवाद का समर्थक नामित किया था. यद्यपि उसने इसे आतंकवादी संगठन घोषित नहीं किया था. यह वर्तमान कार्रवाई कदम इसी नीति की अगली कड़ी है.
IRGC क्या है?
1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई थी जिसके फलस्वरूप वहाँ के राजा को विदेश की शरण लेनी पड़ी और धार्मिक नेताओं ने सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था. शासन में आये मुल्लों की सुरक्षा के लिए ही IRGC की स्थापना हुई थी. तब से यह ईरान का सर्वाधिक शक्तिशाली सुरक्षा संगठन बन चुका है जो बिना किसी अड़चन के व्यवसाय रियल स्टेट और अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में सक्रिय है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : UK govt released ‘Online Harms White Paper’ to regulate online content
संदर्भ
हाल ही में इंग्लैंड की सरकार ने ऑनलाइन हानियों के बारे में एक श्वेत पत्र निर्गत किया है. इस श्वेत पत्र में हानिकारक ऑनलाइन विषयवस्तु को सीमित करने के उद्देश्य से नए नियम बताये गये हैं. इसमें एक नए नियामक ढाँचे का प्रस्ताव दिया गया है जिसका प्रमुख लक्ष्य पारदर्शिता, विश्वास और उत्तरदायित्व की संस्कृति का निर्माण करना है.
श्वेत पत्र के मुख्य तथ्य
- सरकार एक इन्टरनेट नियामक बनाएगी जिसके पास यदि आवश्यक हो तो जुर्माना लगाने और किसी वेबसाइट तक जाने पर अवरोध लगाने की शक्ति होगी. यह नियामक किसी कार्यकारी अधिकारी को उसके मंच के माध्यम से प्रसारित हानिकारक सामग्री के लिए उसे कानूनी रूप से जिम्मेवार बना सकता है.
- कंपनियों को हानिकारक विषयवस्तु के विषय में अधिक से अधिक जिम्मेवारी लेनी होगी.
- कंपनियों को एक कर्तव्य संहिता दी जायेगी जिससे वे अपने कर्तव्यों का उचित पालन कर सकें.
- नियामक सम्बंधित कम्पनियों से वार्षिक पारदर्शिता प्रतिवेदन माँग सकेगा और इस प्रतिवेदन को ऑनलाइन प्रकाशित कर सकेगा जिससे उपभोक्ता और अभिवावक नियामक के निर्णयों से अवगत रहें.
नए मार्गनिर्देश की आवश्यकता क्यों पड़ी?
आज पूरे विश्व में गैर-कानूनी और अस्वीकार्य विषयवस्तु ऑनलाइन प्रकाशित हो रही हैं. इसका विशेषकर बच्चों और युवाओं पर अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ता है और उनके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर खतरा उपस्थित हो जाता है. इसलिए इंग्लैंड की सरकार ने ऑनलाइन हानिकारक सामग्री के लिए अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान के तहत यह श्वेतपत्र जारी हुआ है जिसके अन्य उद्देश्य व्यतिगत डाटा को सुरक्षित करना, डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा को समर्थन देना एवं जिम्मेवार डिजिटल डिजाईन को बढ़ावा देना है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : No end to discolouration of river Periyar in Kerala
संदर्भ
पठलम नियामक-सह-पुल के पास केरल की पेरियार नदी का रंग काला हो गया है, ऐसी सूचना है.
पृष्ठभूमि
विगत कुछ वर्षों से पेरियार नदी का रंग बदल रहा है और वहाँ मछलियाँ मर रही हैं. कहा जाता है कि उसके पानी में ऑक्सीजन की मात्रा घट गई है जिसके चलते मछलियों के मरने की घटनाएँ घटती रहती हैं. पर्यावरणकार्यकर्ता नदी के बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध आवाज़ उठाते रहते हैं और उसकी सुरक्षा के लिए उपाय निकालने की माँग करते रहते हैं. कई बार तो इसको लेकर हिंसक आन्दोलन भी चुके हैं.
रंग बिगड़ने का कारण क्या है?
- पेरियार नदी के रंग का बिगड़ना उसके जल की गुणवत्ता में यूट्रोफीकेशन के परिमाणस्वरूप होने वाली गिरावट के चलते है. होता यह है कि जब किसी जलाशय में पोषक पदार्थ बहुत मात्रा में प्रवेश कर जाते हैं तो उसमें काई की भरमार हो जाती है. कुछ दिनों के बाद यह काई सड़ कर मर जाती है, परन्तु तब तक पानी में दुर्गन्ध उत्पन्न हो जाती है और उसका रंग बिगड़ जाता है.
- पानी की गुणवत्ता खराब होने का एक और कारण यह है कि पेरियार नदी में कहीं-कहीं पानी लगभग स्थिर हो गया है और उसका प्रवाह घट गया है.
- निकटवर्ती शहरों के नालों से बहुत मात्रा में जैव पदार्थ नदी में पहुँच जाता है. इससे पानी के बहाव में कमी आती है और वह दूषित हो जाता है.
- कल-कारखानों से भी अपशिष्ट पदार्थ प्रवाहित होकर बिना उपचारित हुए नदी में प्रवेश कर जाते हैं जिसके चलते पानी का रंग खराब हो जाता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Small finance banks
संदर्भ
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्गत किये गये डाटा से विदित होता है कि लघु वित्तीय बैंकों के जमा में दिसम्बर में समाप्त होने वाली तृतीय त्रैमासिकी में विगत त्रैमासिकी की तुलना में 31.6% की वृद्धि हुई.
लघु वित्तीय बैंक क्या है?
ये वैसे बैंक हैं जिनका प्रमुख कार्य छोटे व्यवसायों, लघु एवं सीमान्त किसानों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों तथा असंगठित कारोबारों को सामान्य बैंकिंग सुविधाएँ देना है, जैसे – जमा लेना और ऋण देना.
ये क्या-क्या कर सकते हैं?
- ये बैंक छोटे-छोटे जमा ले सकते हैं और ऋण दे सकते हैं.
- लघु वित्त बैंक सभी बैंकों की तरह पैसा जमा करने और ऋण देने का कार्य करता है पर उसको मुख्य रूप से अपनी सेवाएँ छोटे व्यवसाइयों, छोटे एवं सीमांत किसानों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों और असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को देनी होती हैं.
- इन्हीं लोगों को यह अपना75% ऋण देता है.
- इन बैंकों द्वारा दिए गए आधे ऋण25 लाख रु. तक के ही होते हैं.
- यदि एक व्यक्ति को ऋण देना है तो ऐसे बैंक अपनी पूँजी का अधितम 10% ऋण के रूप में दे सकते हैं. यदि ऋण लेने वाला कोई समूह हो तो यह ऋण 15% तक हो सकता है.
- ऐसे बैंक म्यूच्यूअल फंड, बीमा उत्पाद और अन्य साधारण तृतीय पक्ष वाले वित्तीय उत्पादों का वितरण कर सकते हैं.
ये बैंक (Small Finance Banks) क्या नहीं कर सकते हैं ?
- बड़े निगमों और समूहों को उधार नहीं दे सकते.
- अपनी स्थापना के पहले पाँच वर्षों में आरबीआई के अनुमोदन के बिना ये अपनी शाखाएँ नहीं खोल सकते हैं.
- यह बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए अलग से सहायक कार्यालय की स्थापना नहीं कर सकता है.
- यह किसी भी बैंक के व्यवसायिक सहायक नहीं बनेंगे.
लघु बैंक के लिए दिशा-निर्देश
- लघु बैंक को स्थापित करने वाले को शेयर पूँजी का कम से कम 40% देना होगा जिसको दस वर्षों में घटाकर 30% किया जा सकता है.
- ऐसे बैंक के लिए न्यूनतम भुगतान की गई पूँजी 100 करोड़ रु. होनी चाहिए.
- जोखिम वाली संपत्तियों के लिए पूँजी पर्याप्तता अनुपात 15% होना चाहिए और टियर – 1 के लिए यह अनुपात 5% होना चाहिए.
- भुगतान की गई पूँजी के लिए विदेशी धारण अधिकतम 74% होना चाहिए और FPIs 24% से अधिक नहीं होना चाहिए.
- शुद्ध बैंक ऋण का 75% ऋण केवल प्राथमिकता प्रक्षेत्र को दिया जाएगा.
Prelims Vishesh
Dhanush artillery guns :–
- धनुष तोपों की पहली बैच भारतीय सेना में शामिल हो गई है.
- इस तोप का मुहाना 155x45mm है. इतने बड़े मुहाने की स्वदेश में बनने वाली यह पहली तोप है जिसका निर्माण आयुध कारखाना बोर्ड की जबलपुर स्थित गन-कैरिज कारखाने ने किया है.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA
[vc_row][vc_column][vc_message message_box_color=”orange” icon_fontawesome=”fa fa-file-pdf-o”]March, 2019 Sansar DCA is available Now, Click to Download[/vc_message][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text]