Sansar Daily Current Affairs, 12 April 2019
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Utkarsh Bangla, Sabuj Sathi bag prestigious UN awards
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र का सुप्रतिष्ठित विश्व सूचना सोसाइटी शिखर सम्मेलन पुरस्कार पश्चिम बंगाल की उत्कर्ष बांग्ला और सबूज साथी योजनाओं को मिला है.
मुख्य तथ्य
- उत्कर्ष बांग्ला और सबूज साथी योजनाओं का पुरस्कार हेतु चयन 1,062 नामांकनों में से किया गया था. साथ ही इन योजनाओं ने अपनी-अपनी श्रेणियों में शीर्षस्थ स्थान प्राप्त किये.
- उत्कर्ष बांग्ला को सर्वोच्च पुरस्कार मिला और यह क्षमतावर्धन श्रेणी में विजेता बन कर उभरे.
- सबुज साथी योजना को ICT ऐप : ई गवर्नमेंट श्रेणी के अंतर्गत एक चैंपियन परियोजना के रूप में शीर्षस्थ पाँच योजनाओं में स्थान मिला.
उत्कर्ष बांग्ला क्या है?
उत्कर्ष बांग्ला कौशल विकास के प्रशिक्षण की एक योजना है, जो युवाओं को दिया जाता है. राज्य में इस प्रकार के प्रशिक्षण केंद्र कई स्थानों पर खुले हैं और वहाँ युवा प्रशिक्षित हो रहे हैं. प्रशिक्षण के उपरान्त इन युवाओं को अलग-अलग उद्योगों में नौकरी मिल जाती है.
सबूज साथी क्या है?
सबूज साथी योजना के अंतर्गत सरकारी, सरकार द्वारा सहायता-प्राप्त स्कूलों और मदरसों में कक्षा 9 से लेकर 12 तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को साइकिल बांटी जाती है.
विश्व सूचना सोसाइटी शिखर सम्मेलन पुरस्कार क्या है?
- यह पुरस्कार विकासोन्मुख रणनीतियों को लागू करने में उत्कृष्ट सफलता पाने के लिए दिया जाता है.
- यह पुरस्कार व्यक्तियों के अतिरिक्त इन्हें भी दिया जा सकता है – सरकारें, सिविल सोसाइटी, स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियाँ, शोध संस्थान और निजी प्रक्षेत्र की कंपनियाँ.
विश्व सूचना सोसाइटी शिखर सम्मेलन (WSIS) क्या है?
यह सम्मेलन विकास के लिए निर्मित ICT ऐप से जुड़े समुदाय का विश्व का सबसे बड़ा वार्षिक सम्मेलन है. यह मंच सूचना के आदान-प्रदान, ज्ञान के सृजन तथा उत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर तो प्रदान करता ही है, अपितु यहाँ विश्व में नए उभरते रुझानों की जानकारी मिलती है एवं एक-दूसरे के साथ भागीदारी करने का अवसर भी प्राप्त होता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : RailWire Wi-Fi
संदर्भ
RailTel के RailWire Wi-Fi का विस्तार अब देश के 1,600 रेलवे स्टेशनों तक हो गया है. RailWire Wi-Fi के अन्दर आने वाला 1,600वाँ रेलवे स्टेशन मुंबई में स्थित सांता क्रूज़ रेलवे स्टेशन है.
RailWire क्या है?
RailWire, RailTel का एक खुदरा ब्रॉडबैंड है. इसका उद्देश्य जनसाधारण तक ब्रॉडबैंड और सम्बद्ध सेवाओं को पहुँचाना है. RailTel का लक्ष्य हॉल्ट स्टेशनों को छोड़कर देश के सभी स्टेशनों पर एक वर्ष के अन्दर तेज और निःशुल्क Wi-Fi की सुविधा देना है.
A, A1 और C श्रेणी वाले 415 स्टेशनों पर Wi-Fi लगाने में RailTel ने गूगल को तकनीकी भागीदार बनाया था. 200 स्टेशनों पर Wi-Fi देने में इसने भारत सरकार के सार्वभौम सेवा दायित्व कोष (Universal Service Obligatory Fund) से आर्थिक सहयोग प्राप्त किया है.
RailTel क्या है?
- RailTel निगम रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है जिसे मिनिरत्न (श्रेणी I) की पदवी मिली हुई है. यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम सेवा है जिसके पास सभी शहरों और कस्बों तक पहुँचने वाला ऑप्टिक फाइबर का जाल है. साथ ही कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी पहुँच है. कुल मिलाकर इस जाल के अंतर्गत भारत की 70% जनसंख्या आ जाती है.
- RailTel देश के सभी भागों में ब्रॉडबैंड और मल्टीमीडिया नेटवर्क की सुविधा देता है. साथ ही यह ट्रेन संचालन के आधुनिकीकरण और भारतीय रेल के प्रशासन में भी अपना योगदान देता है.
- पूरे भारत भर में इसके पास उच्च कोटि का नेटवर्क है, अतः RailTel विभिन्न मोर्चों पर ज्ञान सोसाइटी के सृजन में सहायक सिद्ध हुआ है तथा टेलिकॉम क्षेत्र के अन्दर सरकार की मिशन मोड पर चलने वाली परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु इसका चयन हुआ है.
GS Paper 1 and 3 Source: The Hindu
Topic : Namami Gange gets global recognition at world summit
संदर्भ
स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (National Mission for Clean Ganga – NMCG) को लन्दन में हुए विश्व-जल शिखर सम्मेलन में ग्लोबल वाटर इंटेलिजेंस नामक संस्था ने वर्ष की सार्वजनिक जल एजेंसी नामक वैश्विक जल पुरस्कार प्रदान किया है.
वैश्विक जल पुरस्कार क्या है?
यह एक पुरस्कार है जो वैश्विक जल शिखर सम्मेलन के समय प्रदान किया जाता है. विदित हो कि यह शिखर सम्मेलन विश्व के जल उद्योग से सम्बंधित सर्वप्रमुख कारोबारी सम्मलेन है. विश्व जल पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय जल उद्योग में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार जल, अवशिष्ट जल और विलवणीकरण के क्षेत्र में की गई ऐसी पहलों के लिए दिया जाता है जिनसे जनसामान्य के जीवन में उल्लेखनीय सुधार होता है.
वैश्विक जल शिखर सम्मेलन क्या है?
- यह एक वार्षिक सम्मेलन है जिसमें विश्व-भर के जल उद्योग से सम्बंधित कारोबारी इकठ्ठा होते हैं. इस सम्मेलन में जल उद्योग के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त नगरपालिकाओं तथा अंतर्राष्ट्रीय जल कम्पनियों के प्रतिनिधि भी आते हैं. यहाँ आने जल उद्योग से सम्बंधित ऐसे व्यक्तियों से भेंट हो जाती है जो किसी अन्य जल विषयक कार्यक्रम में आया नहीं करते हैं.
- यह शिखर सम्मेलन एक ऐसा मंच है जहाँ सार्वजनिक और निजी दोनों प्रक्षेत्र के लोग आते हैं. यह सम्मेलन जल प्रक्षेत्र में परिवर्तन और नवाचार की गति बढ़ाने को प्रोत्साहन देता है.
नमामि गंगे कार्यक्रम क्या है?
- नमामि गंगे भारत सरकार का एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गंगा नदी को कारगर ढंग से स्वच्छ बनाना है. इस लक्ष्य को पाने के लिए इसमें सभी हितधारकों को भी संलग्न किया गया है, विशेषकर गंगा घाटी के उन पाँच राज्यों के हितधारकों को जो राज्य गंगा की घाटी में स्थित हैं, यथा – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल.
- इस कार्यक्रम में जो कार्य किये जाते हैं, वे हैं – नदी की सतह की सफाई, इसमें गिरने वाले नाली प्रवाह का उपचार, रिवर फ्रंटों का विकास, जैव-विविधता का विकास, वनरोपण एवं जन-जागरूकता के कार्य.
कार्यान्वयन
- इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga – NMCG) और राज्यों में स्थित इसके समकक्ष संगठनों, जैसे – राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूह (State Program Management Groups – SPMGs) द्वारा किया जाता है.
- योजना के सही कार्यान्वयन के लिए एकत्रि-स्तरीय प्रणाली गठित करने का प्रस्ताव है. इस प्रणाली के तीन स्तर होंगे जो निम्नवत हैं –
- a) राष्ट्रीय स्तर पर एक उच्च स्तरीय कार्यदलजिसके अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होंगे जिनकी सहायता NMCG करेगी
- b) राज्य-स्तर पर एक समितिहोगी जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे और जिनकी सहायता SPMG करेगी.
- c)जिला-स्तर पर एक जिला-स्तरीय समितिहोगी जिसकी अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट करेंगे.
इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों/एजेंसियों के मध्य समन्वय के तन्त्र को सुधारने पर बल दिया गया है.
स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन क्या है?
स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (NMCG) भारत सरकार का एक मिशन है जो विश्व-भर में उपलब्ध ज्ञान और संसाधनों का प्रयोग कर गंगा के कायाकल्प हेतु प्रयासरत है. इस मिशन से विश्व के ऐसे कई देश जुड़ चुके हैं जिनके पास नदी-कायाकल्प के विषय में विशेषज्ञता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : India’s Official Secrets Act
संदर्भ
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार के इस तर्क को परे रखते हुए कि याचिकाकर्ताओं ने भारतीय सरकारी रहस्य अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए गोपनीय दस्तावेज चुराए हैं और इसलिए ये न्यायालय द्वारा विचारित नहीं हो सकते हैं तथा अब समय आ गया है कि भारतीय सरकारी रहस्य अधिनियम, 1904 की समीक्षा की जाए, यह व्यवस्था दी है कि राफेल युद्धक विमान के बारे में मीडिया द्वारा हस्तगत किये गये वर्गीकृत प्रलेखों को साक्ष माना जा सकता है और इसलिए वह इस सम्बन्ध में उसके द्वारा पूर्व में दिए गये अपने ही आदेश की समीक्षा करना चाहेगा.
भारतीय सरकारी रहस्य अधिनियम, 1904 क्या है?
- यह अधिनियम सरकारी कामकाज में, विशेषकर राष्ट्रीय सुरक्षा और गुप्त सूचनाओं के विषय में, गोपनीयता बनाए रखने के लिए पारित हुआ था.
- यह अधिनियम1904 में पारित हुआ था जब लॉर्ड कर्जन भारत का वायसराय था (1899-1905).
- इस अधिनियम को मुख्यतः इसलिए लाया गया था कि राष्ट्रवादी प्रकाशनों के स्वर को दबाया जा सके.
- 1904 के अधिनियम के स्थान पर1923 में एक नया अधिनियम पारित हुआ जिसका नाम था – भारतीय सरकारी रहस्य अधिनियम. इस अधिनियम के द्वारा गोपनीयता का दायरा बढ़ाकर उसके अंदर प्रशासन से सम्बंधित सभी गुप्त मामलों को शामिल कर लिया गया था.
अधिनियम का दायरा
भारतीय सरकारी रहस्य अधिनियम, 1904 मोटे तौर पर इन दो पहलुओं पर विचार करता है – जासूसी और गुप्त-सूचना का प्रकटन. अधिनियम के क्रमशः अनुभाग 3 और 5 में इस विषय में प्रावधान दिए गये हैं. अधिनियम के अनुसार इन सूचनाओं का प्रकटन दंडनीय है – सरकारी कोड, पासवर्ड, खाका, योजना, प्रतिरूप, प्रलेख, टिपण्णी, दस्तावेज अथवा सूचना.
समीक्षा की आवश्यकता क्यों?
- पुराने अधिनियम में गोपनीय सूचना का वर्गीकरण इतना विस्तृत है कि बहुत जगहों पर यह सूचना अधिकार अधिनियम से टकराता दिखता है.
- इसकेअनुभाग 5 में यह प्रावधान है कि जो व्यक्ति सूचना देगा और जो व्यक्ति सूचना लेगा, दोनों को दण्डित किया जा सकता है.
- SAARC के एक प्रतिवेदन में कहा गया है कि यह अधिनियम उस उपनिवेशवाद के एक विरासत के रूप में है जिसमें लोगों पर विश्वास नहीं किया जाता था और सरकारी कर्मचारियों को महत्त्व दिया जाता था.
- इस औपनिवेशिक अधिनियम के अनुभाग 5 में राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में संभावित उल्लंघनों की चर्चा है जिसको लेकर अलग-अलग मत रहे हैं. इस अनुभाग में शत्रु देश को सहायता पहुँचाने वाली सूचना के आदान-प्रदान को दंण्डणीय बनाया गया है. अतः इसका प्रयोग कर पत्रकारों को सरलता से इस आरोप पर गिरफ्तार किया जा सकता है कि उन्होंने ऐसी सूचना छाप दी है जिससे सरकार अथवा सैन्य बलों को परेशानी हो सकती है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : e-cigarettes
संदर्भ
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह देश में ई-सिगरेट के निर्माण और विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाए, अन्यथा इन सिगरेटों के आयात पर सम्पूर्ण प्रतिबंध लगाना संभव नहीं होगा.
ई-सिगरेट क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट अथवा ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाली एक वाष्पोत्सर्जक (vaporizer) है जिसे देखने से लगता है कि उपभोक्ता तम्बाकू का सेवन कर रहा है. यह वाष्प ई-सिगरेट के अन्दर स्थित तरल निकोटिन (juice) के गर्म होने से निकलता है.
निकोटिन जूस भाँति-भाँति के स्वाद के होते हैं और इनमें निकोटिन की मात्रा भी कम-ज्यादा होती है. इस जूस में प्रमुख्य रूप से दो अवयव होते हैं – i) वेजिटेबल ग्लीसरिन (जो टूथपेस्ट और कई भोज्य पदार्थों में प्रयुक्त होता है) और ii) प्रोप्लीन ग्लाईकोल (propylene glycol) (जो fog machines में प्रयुक्त होता है).
ई-सिगरेट के पक्षधर यह पक्ष देते हैं कि इसे पीना सामान्य सिगरेट की तुलना में अधिक स्वास्थ्यकर है क्योंकि इसमें उपभोक्ता के शरीर में मात्र जलवाष्प और निकोटिन ही जाता है.
ई-सिगरेट और उसके दुष्प्रभाव पर WHO का रिपोर्ट
- इस रिपोर्ट के अनुसार e-cigarette में प्रयोग होने वाला निकोटिन गर्भावस्था में भ्रूण के विकास पर बुरा प्रभाव डालता है. इससे दिल के रोग की भी संभावना होती है. इसको पीने से इसकी लत पड़ जाती है.
- WHO रिपोर्ट के अनुसार निकोटिन कैंसरकारी नहीं है, परन्तु इसके कारण किसी ट्यूमर में वृद्धि हो सकती है और नसों को क्षति पहुँच सकती है.
- भ्रूणावस्था और किशोरवस्था में निकोटिन लेने से मस्तिष्क का विकास अवरुद्ध हो जाता है और उपभोक्ता को अत्यधिक चिंता करने की आदत पड़ जाती है.
आगे की राह
सरकार को चाहिए कि वह ई-सिगरेट के ऑनलाइन अथवा अन्य प्रकार से विक्रय और विज्ञापन पर उचित प्रतिबंध लगाये तथा इस विषय में स्वास्थ्य से सम्बंधित चेतावनी तत्काल प्रकाशित करे. सरकार इन सिगरेटों से होने वाले खतरों के बारे में स्वतंत्र रूप से वैज्ञानिक शोध करवाए.
Prelims Vishesh
GIC India chief awarded Freedom of the City of London :–
भारत और इंग्लैंड के बीच बीमा से सम्बंधित सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करने हेतु फ्रीडम ऑफ़ द सिटी ऑफ़ लन्दन नामक संस्था ने भारतीय सामान्य बीमा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को पुरस्कृत किया है.
Hong Kong Overtakes Japan as World’s Third Largest Stock Market :–
- हांगकांग का शेयर बाजार अब अमेरिका और चीन के पश्चात् विश्व का तीसरा सर्वाधिक मूल्य वाला शेयर बाजार बन गया है.
- पहले यह स्थान जापान को मिला हुआ था.
International Day of Human Space Flight :-
- अप्रैल 12, 2019 को मानव द्वारा अन्तरिक्ष की यात्रा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया.
- विदित हो कि इसी दिन रूस के यूरी गागरिन ने पहली बार अन्तरिक्ष यात्रा की थी और पृथ्वी की परिक्रमा की थी.
SpaceX launches its first commercial flight with Falcon Heavy :–
अमेरिका की अन्तरिक्ष यात्रा कम्पनी SpaceX ने हाल ही में Falcon Heavy राकेट के माध्यम से अपना पहला वाणिज्यिक प्रक्षेपण किया और सऊदी अरब के 13,000 पौंड भार वाले एक अन्तरिक्षयान को अन्तरिक्ष में स्थापित किया.
Google ‘Wing’ launches first drone delivery service in Australia :–
- गूगल के अधीनस्थ अल्फ़ाबेट नामक कम्पनी के स्वामित्व वाली वायु डिलीवरी सेवा विंग ने ड्रोन के माध्यम से डिलवरी शुरू कर दी है.
- इस कम्पनी का ऐसा पहला ग्राहक ऑस्ट्रेलिया का कैनबरा शहर रहा.
Bamboo rice :–
- ओडिशा में चार दशकों के बाद बाँस का चावल (bamboo rice) दिखाई दिया है.
- विदित हो कि ऐसा चावल पिछली बार 1979 में चंडक-दम्पाड़ा वन्यजीव आश्रयणी में उगाया गया था.
- बाँस का चावल एक शताब्दी में दो-तीन ही बार फलता है.
- जब कोई बाँस मरता है तो इसकी फुनगी से यह विरल चावल निकलता है.
त्रुटियाँ
पिछले DCA में कुछ त्रुटियाँ रह गई थीं
- Date 5 April, 2019 Error :- 1 NOVEMBER AIDS DAY, RIGHT :- 1 DECEMBER
- Date 11 April, 2019 Error :- चुनाव आयुक्त का वेतन संचित निधि पर भारित होता है और अन्य सदस्यों की अधिकतम आयु 62 वर्ष होती है. RIGHT :- चुनाव आयुक्त का वेतन संचित निधि पर भारित नहीं होता है और अन्य सदस्यों की अधिकतम आयु भी चुनाव आयुक्त के समान ही 65 वर्ष ही होती है.
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