UPSC Prelims परीक्षा 2019 के लिए Important Topics को highlight करते हुए आपको Quick Links update कर रहा हूँ. पिछले साल की ही तरह इस साल भी Sansar Guess Series (SGQ) में काफी देरी हो गई और सारा कुछ incomplete रह गया. मगर कोई बात नहीं मैं टॉपिक के साथ-साथ लिंक भी दे रहा हूँ. आप लिंक को ओपन कर के जल्दी-जल्दी टॉपिक कवर लें.
यह रहा Part 11 >>>>
- केप टाउन अभिसमय – नागर विमानन मंत्रालय ने केपटाउन अभिसमय बिल, 2018 का मसौदा प्रस्तुत किया. मसौदा पत्र भारत में केप टाउन अभिसमय (मोबाइल उपकरण में अंतर्राष्ट्रीय हितों से सम्बंधित अभिसमय) और प्रोटोकॉल (विमान उपकरण सम्बन्धी विशिष्ट मामलों पर अभिसमय के लिए प्रोटोकॉल) को कार्यान्वित करने का प्रयास करता है. केप टाउन अभिसमय को केप टाउन में नवम्बर 2001 में अपनाया गया था. भारत जुलाई, 2008 में इस अभिसमय का एक पक्षकार बना. इसका प्राथमिक उद्देश्य परिचालन लागत को प्रभावी और वहनीय बनाने हेतु उच्च मूल्य वाले मोबाइल/विमान उपकरण जैसे एयरफ्रेम, हेलीकॉप्टर और इंजन हेतु आवश्यक वित्तपोषण प्राप्त करना है.
- ब्लू कार्बन पहल – यह एक वैश्विक कार्यक्रम है जो तटीय और समुद्री पारिस्थितिकी तन्त्र के पुनःस्थापन एवं संधारानीय उपयोग के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए शुरू की गई है. यह पहल वर्तमान में मैन्ग्रोव, ज्वारीय कच्छ भूमि और समुद्री घास पर केन्द्रित है. यह पहल विश्व-भर की सरकारों, अनुसंधान संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों को एक साझा मंच प्रदान करती है. इस पहल को IUCN, CI, IOC-UNESCO द्वारा संचालित किया जा रहा है.
- उद्यम अभिलाषा अभियान
- राष्ट्रीय स्वच्छ विकास तंत्र (CDM) – भारत स्वच्छ विकास तंत्र का एक बहुत बड़ा लाभार्थी रहा है. क्योटो प्रोटोकॉल के अनु. 12 में परिभाषित सीडीएम क्योटो प्रोटोकॉल के तहत उत्सर्जन में कमी या उत्सर्जन के नियंत्रण के लिये एक प्रतिबद्ध राष्ट्र को विकसित देशों में कम उत्सर्जन वाली परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति देता है. कार्बन क्रेडिट्स की बिक्री और खरीद के माध्यम से वैश्विक स्तर पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिये कार्बन बाज़ारों की स्थापना की गई. स्वच्छ विकास तंत्र, वैश्विक कार्बन बाज़ार के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से को प्रदर्शित करता है. भारत में स्वच्छ विकास तंत्र की संभाव्यता पर विचार करते हुए सरकार तथा उद्योग, स्वच्छ विकास तंत्र की शुरुआत (वर्ष 2003) से ही अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाज़ार में अग्रसक्रिय रहे हैं. वर्ष 2014 के अंत तक सीडीएम कार्यकारी बोर्ड द्वारा पंजीकृत कुल 7589 परियोजनाओं में से 1541 परियोजनाएँ भारत से हैं, जो कि पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर था. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राष्ट्रीय सीडीएम अथॉरिटी ने579306 करोड़ रुपए से अधिक के संभाव्य निवेश के साथ 2691 परियोजनाओं को मेजबान देश द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है. ये परियोजनाएँ स्वच्छ ऊर्जा, किफायती ईंधन, औद्योगिक प्रक्रियाओं में ग्रीन टेक्नॉलाजी के प्रयोग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा वानिकी जैसे क्षेत्रें में है जो पूरे देश में फैली है.
- फ्यूजन एनर्जी कांफ्रेंस – 2018
- वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट, 2018 (GCR Report 2018) – विश्व आर्थिक मंच वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट, यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट (GCR) जारी करता है. ऐसा यह 2004 से प्रतिवर्ष कर रहा है. 140 देशों की सूची में USA प्रथम स्थान पर है. फिर सिंगापुर और जर्मनी का स्थान है. 2018 में 0 के स्कोर के साथ भारत का स्थान 58वाँ रहा.
- अटल ज्योति योजना (AJAY) – वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए अटल ज्योति योजना (AJAY) के द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया गया. इसकी शुरुआत सितम्बर 2016 में नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा की गई थी. इसका उद्देश्य सार्वजनिक उपयोग हेतु, प्रदर्शन के लिए और अनुसरण किये जाने हेतु, “सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम्स” उपलब्ध कराना है.
- राजकोषीय फिसलन (Fiscal slippage) – इसका आशय सरकार के अपेक्षित व्यय में होने वाले किसी भी प्रकार के विचलन से है. जब सरकार का खर्च अपेक्षित या अनुमानित स्तर से व्यापक स्तर पर अधिक हो जाता है तो देश के समक्ष राजकोषीय फिसलन का खतरा उत्पन्न हो जाता है. फार्मूला > बजट घाटा = कुल बजट व्यय-कुल बजट प्राप्तियां और राजकोषीय घाटा = कुल बजट व्यय – (कुल बजट प्राप्तियां – उधारियाँ).
- चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ अवार्ड – हाल ही में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान – Champions of the Earth Award – दिया गया. यह संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है. 2005 से आरम्भ हुआ. यह सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र तथा सिविल सोसाइटी के ऐसे उत्कृष्ट कार्यों को समानित करता है, जिनके जरिये पर्यावरण पर परिवर्तनकारी सकरात्मक प्रभाव उत्पन्न हुआ हो.
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना – कार्ययोजना में सौर, संवर्धित ऊर्जा दक्षता, सतत आवास, जल, हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने, हरित भारत, सतत कृषि और जलवायु परिवर्तन पर रणनीतिक ज्ञान पर आठ प्रमुख मिशन शामिल हैं. जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) के तहत नेशनल मिशन फॉर सस्टेनिंग द हिमालयन इको-सिस्टम (NMHSE) का आरम्भ किया गया है. इसका उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का निरंतर आकलन करना और नीति निर्माण निकायों को इस हेतु नीति-निर्माण कार्यों में सक्षम बनाना है. इससे सम्बंधित और पहलों के बारे में भी पढ़ लें – Click
- निक्षय पोषण योजना (NPY)
- COMCASA
- राष्ट्रीय विस्तारित ऊर्जा दक्षता मिशन (NMEEE)
- अभीष्ट राष्ट्रीय स्तर निर्धारित अंशदान (INDCs)
- प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण के लिए सम्मेलन (CMS) या बॉन कन्वेंशन
- क्लाइमेट न्यूट्रल नाउ पहल – यह पहल 2015 में यू एन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC सचिवालय) द्वारा प्रारम्भ की गई एक पहल है. इसका उद्देश्य जलवायु सम्बन्धी कार्यवाही करने के लिए समाज के सभी स्तरों को प्रोस्त्साहन एवं समर्थन प्रदान करना है.
- GSAT – 7A
- अस्ताना घोषणा – हाल ही में, कजाकिस्तान के अस्ताना में अक्टूबर, 2018 में “ग्लोबल कांफ्रेंस ऑन प्राइमरी हेल्थकेयर” का आयोजन किया गया था. इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर अस्ताना घोषणा को अपनाया गया. इस घोषणा को WHO के सभी सदस्य देशों द्वारा सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया गया.
- STAPCOR – 2018
- सलीम अली पक्षीविज्ञान और प्राकृतिक इतिहास केंद्र (SACON) – SACON भारत में पक्षी-विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास से सम्बन्धित सूचना, शिक्षा एवं अनुसंधान का राष्ट्रीय केन्द्र है. इसका नामकरण प्रसिद्ध पक्षी-विज्ञानी सालिम अली के नाम पर किया गया है। यह तमिलनाडु के कोयम्बतूर नगर में स्थित है.
- UN-REDD कार्यक्रम – UN-REDD कार्यक्रम विकासशील देशों में वनोन्मूलन और वन निम्नीकरण के कारण होने वाले उत्सर्जन में कमी (REDD+) करने का संयुक्त राष्ट्र का सहयोग आधारित कार्यक्रम है. यह कार्यक्रम 2008 में प्रारम्भ किया गया था. FAO, UNDP, UNEP इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में शामिल हैं.
- K-9 वज्र होवित्जर तोप
- दोहरे संतुलन-पत्र की समस्या (Twin Balance Sheet : TBS)
- तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य
- शैलेश नायक समिति
- मदर ऑफ़ आल बॉम्ब्स
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (Accelerated Irrigation Benefit Programme : AIBP) – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) पहले से चली आ रही कई अलग-अलग योजनाओं को मिलाकर तैयार की गई है. ये योजनाएँ हैं – जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प मंत्रालय का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (Accelerated Irrigation Benefit Programme – AIBP) भूमि संसाधन विभाग का समेकित जलछादन प्रबन्धन कार्यक्रम ( Integrated Watershed Management Programme – IWMP) कृषि एवं सहकारिता विभाग का कृषि क्षेत्रोपरि जल प्रबन्धन परियोजना (On Farm Water Management – OFWM). त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम 1996 में बाँधों और नहरों के निर्माण सहित बड़ी सिंचाई परियोजनाओं (विशेष रूप से राज्यों की संसाधन क्षमता से बाहर) के कार्यान्वयन को गति प्रदान करने के लिए एक केन्द्रीय परियोजना के रूप में किया गया था. इसके कार्यान्वयन के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश तैयार करने का उत्तरदायित्व केन्द्रीय जल संसांधन मंत्रालय को सौंपा गया है. AIBP के अंतर्गत शामिल परियोजनाओं की आवधिक निगरानी केन्द्रीय जल आयोग द्वारा जल आयोग द्वारा सम्पूर्ण देश में स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालयों की सहायता से की जाती है. यह केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने वाली सभी परियोजनाओं की निगरानी करता है.
- ग्रैंडफादरिंग क्लॉज़ – यह एक ऐसी छूट है जो व्यक्ति या संस्थाओं को उन गतिविधियों या कार्यों को जारी रखने की अनुमति प्रदान करती है जिन्हें नए नियमों, विनियमों या कानूनों के कार्यान्वयन से पूर्व अनुमोदित किया गया हो. सामान्यतः यह क्लॉज़ केवल नए नियमों से पूर्व की निर्दिष्ट गतिविधियों में संग्लन व्यक्तियों या संस्थाओं को छूट प्रदान करता है, अन्य सभी पक्षों को नए नियमों का अनुपालन करना अनिवार्य होता है.
- गोवा का “ओपिनियन पोल डे”
- बेसल नियम
- अनियमित जमा योजना अध्यादेश
- अल्टिमा थूले
- E-way Bill
- FRBM समीक्षा समिति – यह समिति एन.के. सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई थी जो एक पाँच सदस्यीय समिति थी. समिति ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 (FRBM अधिनियम) को प्रतिस्थापित करने के लिए ऋण प्रबंधन और राजकोषीय उत्तरदायित्व विधेयक, 2017 के एक मसौदे का प्रस्ताव किया है. इसकी अनुशंसाएँ हैं – i) 2019-20 तक राजकोषीय घाटे का GDP से अनुपात के 3% तक बनाए रखकर राजकोषीय समेकन के लिए केंद्र को लचीलापन प्रदान करना ii) राजकोषीय घाटों के लक्ष्यों में कमी करना iii) एस्केप क्लॉज़ की अनुशंसा जो सरकार को किसी भी विशेष वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को छोड़ने की अनुमति देगा. इसके अंतर्गत यह निर्धारित राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से GDP के 5% तक के विचलन का प्रावधान करती है. इसके अनुसार मौजूदा FRBM अधिनियम को समाप्त किया जाना चाहिए और एक नया ऋण एवं राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम अपनाया जाना चाहिए. इसकी अनुशंसा है कि राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटे के आँकड़ों पर ध्यान देने के बजाय सरकार को 2023 तक ऋण-जीडीपी अनुपात में सार्वजनिक ऋण को 60% (केंद्र सरकार के लिए 40% और राज्य सरकारों के लिए 20%) करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए. वर्तमान में यह 68% है. यह दिवालियापन का एक सरल मापक है जिसका उपयोग रेटिंग एजेंसियों द्वारा भी किया जाता है.
- हल्का लड़ाकू विमान “तेजस” – यह भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित पहला उन्नत फ्लाई-बाई-वायर (FBW) लड़ाकू विमान है. इस विमान को एयरोनौटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है तथा HAL द्वारा उत्पादित किया गया है. यह एक सुपरसोनिक, सिंगल-सीट, सिंगल-इंजन हल्का लड़ाकू विमान है.
- 2020 के लिए वर्ल्ड कैपिटल ऑफ़ आर्किटेक्चर – UNESCO ने हाल ही में ब्राजील के नगर रियो-द-जेनेरो को 2020 के लिए विश्व स्थापत्य राजधानी घोषित किया है. विश्व स्थापत्य राजधानी घोषित होने के कारण अब यहाँ शहरी योजना निर्माण और स्थापत्य के विषय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा और विमर्श होंगे. यह कार्यक्रम प्रत्येक तीन वर्षों में आयोजित किया जाता है.
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF)
- रेणुकाजी बहुउद्देशीय परियोजना
- एंजेल टैक्स
- ODF++
- ब्रैकेट क्रीप (Bracket Creep) (1st question of Quiz)
- ट्यूलिप मेनिया (4th question of Quiz)
- G-Secs (1st question of Quiz)
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