Sansar Daily Current Affairs, 13 August 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Syllabus : Issues related to health.
Topic : Rotavirus
संदर्भ
भारत की नवनिर्वाचित सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक योजना बनाई है जिसके अंतर्गत सितम्बर 2019 तक भारत के एक-एक बच्चे को रोटावायरस टीका लगा दिया जाएगा. यह टीका देश में ही निजी-सार्वजनिक भागीदारी से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने तैयार किया है.
रोटावायरस क्या है?
रोटावायरस एक ऐसा वायरस है जिससे पाँच वर्ष से नीचे के बच्चों में भयंकर अतिसार हो जाता है और मृत्यु भी हो जाती है. देश में प्रत्येक वर्ष 10% बच्चों की मृत्यु का कारण यही वायरस है.
रोटावायरस संक्रमण के लक्षण
- इसमें बच्चे को ज्वर, मिचली और उलटी होती है जिसके पश्चात् पेट में पीड़ा के साथ-साथ पतला मल होता है.
- बच्चे को खाँसी और नजला भी हो सकता है.
- कभी-कभार अतिसार इतना भयंकर हो जाता है कि शरीर का पानी तेजी से समाप्त होने लगता है.
- अन्य वायरसों के समान रोटावायरस के भी संक्रमण के समय कम अथवा शून्य लक्षण प्रकट होते हैं, विशेषकर वयस्कों में.
फैलाव
रोटावायरस का फैलाव निम्न प्रकार से होता है –
- उलटी या मल से
- संक्रमित हाथों, सतहों और वस्तुओं को छूने से.
- साँस के माध्यम से.
इससे होने वाला अतिसार बहुत तेजी से संक्रमित होता है.
पृष्ठभूमि
अन्य वायरसों की तुलना में रोटावायरस से बच्चों में सबसे अधिक अतिसार होता है. देखने में यह अतिसार अन्य अतिसार के सामान्य ही होता है, परन्तु इसे रोटावायरस टीके से रोका जा सकता है. दूसरी ओर, अन्य अतिसारों के लिए कोई टीका नहीं है और उनके रोकथाम के लिए ये उपाय अपनाए जाते हैं – साफ़ सफाई, बार-बार हाथ धोना, निरापद पानी पीना, निरापद भोजन लेना, केवल स्तनपान कराना और विटामिन A की गोली लेना.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.
Topic : What is Simla Agreement?
संदर्भ
पिछले दिनों भारतीय संविधान की धारा 370 के अनेक प्रावधानों के निरस्त हो जाने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो बुतेरस ने जम्मू-कश्मीर की परिस्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान द्वारा 1972 में हस्ताक्षरित शिमला समझौते के अनरूप कश्मीर की समस्या का समाधान शान्तिपूर्वक और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुकूल होना चाहिए.
शिमला समझौता क्या है?
- 1971 का भारत-पाक युद्ध के बाद भारत के शिमला में एक संधि पर हस्ताक्षर हुए. इसे शिमला समझौता कहते हैं.
- इसमें भारत की ओर से इंदिरा गांधी और पाकिस्तान की तरफ से ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो सम्मिलित थे.
- शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में हुए युद्ध के पश्चात् किया गया था, जिसमें पाकिस्तान के 93000 से अधिक सैनिकों ने अपने लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी के नेतृत्व में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान को बंगलादेश के रूप में पाकिस्तानी शासन से मुक्ति प्राप्त हुई थी.
- यह समझौता करने के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो अपनी पुत्री बेनज़ीर भुट्टो के साथ 28 जून 1972 को शिमला पधारे. ये वही भुट्टो थे, जिन्होंने घास की रोटी खाकर भी भारत से हजार साल तक जंग करने की कसमें खायी थीं.
- 28 जून से 1 जुलाई तक दोनों पक्षों में कई दौर की वार्ता हुई परन्तु किसी समझौते पर नहीं पहुँच सके. इसके लिए पाकिस्तान की हठधर्मी ही मुख्य रूप से जिम्मेदार थी. तभी सहसा 2 जुलाई को लंच से पहले ही दोनों पक्षों में समझौता हो गया, जबकि भुट्टो को उसी दिन वापस जाना था.
- इस समझौते पर पाकिस्तान की ओर से बेनजीर भुट्टो और भारत की ओर से इन्दिरा गाँधी ने हस्ताक्षर किये थे. यह समझना कठिन नहीं है कि यह समझौता करने के लिए भारत के ऊपर किसी बड़ी विदेशी ताकत का दबाव था.
- अपना सब कुछ लेकर पाकिस्तान ने एक अधमरा-सा आश्वासन भारत को दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सहित जितने भी विवाद हैं, उनका समाधान आपसी बातचीत से ही किया जाएगा और उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर नहीं उठाया जाएगा. परन्तु इस अकेले आश्वासन का भी पाकिस्तान ने सैकड़ों बार उल्लंघन किया है और कश्मीर विवाद को पूरी निर्लज्जता के साथ अनेक बार अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाया है.
- वास्तव में उसके लिए किसी समझौते का मूल्य उतना भी नहीं है, जितना उस कागज का मूल्य है, जिस पर वह समझौता लिखा गया है. इस समझौते में भारत और पाकिस्तान के मध्य यह भी तय हुआ था कि 17 दिसम्बर 1971 अर्थात् पाकिस्तानी सेनाओं के आत्मसमर्पण के बाद दोनों देशों की सेनायें जिस स्थिति में थीं, उस रेखा को ”वास्तविक नियंत्रण रेखा“ माना जाएगा और कोई भी पक्ष अपनी ओर से इस रेखा को बदलने या उसका उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करेगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : World Biofuel day
संदर्भ
प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया गया. इस बार की की थीम थी – उपयोग हो चुके खाद्य तेल से जैव डीजल का उत्पादन (Production of Biodiesel from Used Cooking Oil)
10 अगस्त ही क्यों?
विश्व जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त को इसलिए मनाया जाता है कि इसी दिन 1893 में डीजल ईंधन के आविष्कारक सर रुडोल्फ डीजल ने पहली बार मूंगफली के तेल से एक यांत्रिक इंजन को सफलतापूर्वक चलाया था. उनकी भविष्यवाणी थी कि अगली शताब्दी में यांत्रिक इंजनों में प्रयुक्त होने वाले जीवाश्म ईंधनो का स्थान वानस्पतिक तेल ले लेगा.
जैव ईंधन के प्रयोग को लेकर सरकार के प्रयास
2014 से भारत सरकार ने जैव ईंधनो के मिश्रण को बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं. इनमें कुछ प्रमुख कदम ये हैं – एथनोल के लिए प्रशासनिक प्रणाली निर्धारित करना, उद्योग (विकास एवं नियंत्रण) अधिनियम 1951 के प्रावधानों में सुधार करना तथा एथनोल के क्रय के लिए lignocellulosic route को सुचारू बनाना.
- जून 2018 में भारत सरकार ने जैव ईंधनो के बारे में एक राष्ट्रीय नीति का अनुमोदन किया. इस नीति में यह लक्ष्य निर्धारित किया गया कि 2030 तक 20% एथनोल के मिश्रण तथा 5% जैव डीजल के मिश्रण का कार्य पूरा कर लिया जायेगा. इस नीति में सामान्य एथनोल एवं उन्नत जैव ईंधनो के उत्पादन को गति दी जायेगी.
- सरकार ने C-Heavy खांड-से बने (C-heavy molasses-based) एथनोल का मूल्य 85 रु. से बढ़ाकर 43.70 रु. कर दिया है जिससे कि एथनोल मिश्रण कार्यक्रम (Ethanol Blending Programme – EBP) को बढ़ावा मिल सके. पहली बार B-Heavy खांड से बने एथनोल तथा गन्ने के रस से बने एथनोल का दाम 47.40 रु. निर्धारित कर दिया गया है.
- सरकार ने ईंधनो में मिलाये जाने वाले एथनोल के लिए GST 18% से घटाकर 5% कर दिया है.
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय यह सुनश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि पेट्रोल के लिए एथनोल की आपूर्ति बढ़ाई जाए.
परिणाम
- सरकार की ओर से किये गये प्रयासों के फलस्वरूप कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं.
- पेट्रोल में मिलाये जाने वाले एथनोल की आपूर्ति पिछले 4 वर्षों में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर अनुमानतः 141 करोड़ लीटर हो गयी है.
- ज्ञातव्य है कि बायो-डीजल मिश्रण का काम देश में 10 अगस्त, 2015 से शुरू हुआ था और 2018-19 में तेल का वितरण करने वाली कंपनियों ने अभी तक 6 करोड़ लीटर बायो-डीजल आवंटित किये हैं.
- सरकार के तेल उपक्रमों ने बारह सेकंड जनरेशन (2G) जैव-शोधन संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है जिससे कि एथनोल की आपूर्ति बढ़ाई जा सके और पराली को जलाने से उत्पन्न पर्यावरणिक समस्याओं का समाधान हो सके.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Syllabus : Conservation related issues.
Topic : Samagra Shiksha-Jal Suraksha
संदर्भ
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विद्यालयी शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा नामक एक अभियान चलाया है जिसका उद्देश्य देश-भर के विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को जल-संरक्षण के विषय में जागरूक बनाना है.
समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा अभियान के मुख्य उद्देश्य
- छात्रों को जल संरक्षण का ज्ञान देना.
- जल के अभाव से होने वाले प्रभाव के विषय में छात्रों को संवेदनशील बनाना.
- छात्रों को यह सिखाना कि पानी के प्राकृतिक स्रोतों की सुरक्षा कैसे जाए.
- छात्रों को प्रत्येक दिन न्यूनतम एक लीटर पानी बचाने में सहायता करना.
- छात्रों को घर और विद्यालय में पानी का समझदारी से उपयोग करने और कम से कम बर्बाद करने का प्रोत्साहन देना.
लक्ष्य
- एक छात्र – एक दिन – एक लीटर पानी बचाना.
- एक छात्र- एक वर्ष – 365 लीटर पानी बचाना.
- एक छात्र – दस वर्ष – 3650 लीटर पानी बचाना.
GS Paper 3 Source: PIB
Syllabus : Indigenization of technology and developing new technology.
Topic : ICAT – A World Class Automotive Testing Centre
संदर्भ
गुरुग्राम के निकट मानेसर नगर में स्थित अंतर्राष्ट्रीय स्वचालित प्रौद्योगिकी केंद्र (International Centre for Automotive Technology – ICAT) के परिसर में पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय बिजली वाहन सम्मेलन [International Electric Vehicle (EV) Conclave] सम्पन्न हुआ. इस सम्मलेन का उद्देश्य स्वचालित वाहन क्षेत्र के सभी स्तरों के लिए सूचना का आदान-प्रदान करना था.
ICAT क्या है?
ICAT भारी उद्योग विभाग के अंतर्गत आने वाली NATRiP कार्यान्वयन सोसाइटी (NATIS) का एक डिवीज़न है. ICAT के द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्राधिकृत प्रमाणपत्र होता है. यह केंद्र भारत सरकार के भारी उद्योग विभाग के अंतर्गत NATRiP कार्यान्वयन सोसाइटी उपभाग के अन्दर आता है. यह केंद्र स्वचालित वाहन उद्योग को वाहन मूल्यांकन और अवयव निर्माण की आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने में सहायता करता है जिससे कि उनकी विश्वसनीयता, टिकाऊपन और वर्तमान तथा भविष्य के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके.
ICAT के कार्य
- यहाँ सभी प्रकार के वाहनों के परीक्षण, सत्यापन, रूपांकन और समेकीकरण की सुविधा दी जाती है.
- यह केंद्र स्वचालित वाहन उद्योग को वाहन मूल्यांकन और अवयव निर्माण की आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने में सहायता करता है जिससे कि उनकी विश्वसनीयता, टिकाऊपन और वर्तमान तथा भविष्य के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके.
NATRiP क्या है?
राष्ट्रीय स्वचालन परीक्षण एवं अनुसंधान तथा विकास अवसंरचना परियोजना (National Automotive Testing and R&D Infrastructure Project – NATRiP) का उद्देश्य देश में स्वचालन क्षेत्र के अन्दर वैश्विक-स्तर की क्षमताओं का सृजन करना और साथ ही भारत के स्वचालित वाहन उद्योग को विश्व से एकात्म करने में सहायता करना है. इसका लक्ष्य वैश्विक स्वचालन मानचित्र में भारत को प्रतिष्ठित स्थान दिलाना है.
Prelims Vishesh
National Anti-Doping Agency (NADA) :-
- BCCI ने कहा है कि वह राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) की परिधि के अंतर्गत आने के लिए तैयार है.
- NADA एक ऐसी एजेंसी है जिसका कार्य भारत में खेलों को डोप से मुक्त रखना है तथा यहाँ डोपिंग से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और इससे सम्बंधित अनुसंधान आदि आयोजित करवाना है.
Falaq :–
- ईरान ने पिछने दिनों फलक नामक एक उन्नत राडार वायु रक्षा प्रणाली का अनावरण किया है.
- यह राडार 400 किलोमीटर तक देखने की क्षमता रखता है.
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