Sansar Daily Current Affairs, 24 August 2019
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : WTO reforms
संदर्भ
पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सुझाव दिया कि विश्व व्यापार संगठन में सुधार किया जाए और यह विषय सभी सदस्य देशों को उठाना चाहिए.
WTO के समक्ष समस्याएँ
- विवादों के निपटारे से सम्बंधित मामले अभी भी दायर हो रहे हैं और कानूनी पचड़े में फँसे हुए हैं.
- संगठन के समक्ष जो चुनौतियाँ हैं उनका सामना करने के लिए वर्तमान तकनीकी कार्य अपर्याप्त प्रतीत हो रही है.
- विश्व व्यापार संगठन के ढाँचे और कार्यकलाप के आयाम दुर्बल हैं और इनमें आती हुई गिरावट स्पष्ट रूप से दिख रही है.
- देश के स्तर पर वाणिज्यिक गतिविधियों में लिप्त प्रतिष्ठानों के कार्य GATT/WTO की मूल भावना पर आघात पहुँचा रहे हैं.
- खेती और उद्योग में कई देश सब्सिडी दे रहे हैं जिसकी प्रतिक्रिया में अन्य देश व्यापार के विषय में सुरक्षात्मक नीति अपनाने को विवश हो रहे हैं.
- अपीलीय निकाय के स्तर संगठन में विवाद निष्पादन का कार्य अवरुद्ध पड़ा है.
- WTO के गठन का उद्देश्य आर्थिक सुधार को सहारा देना और उसे सुदृढ़ बनाना था जिससे व्यापार में सुरक्षावाद (protectionism) न पनपे, परन्तु जो भी कुछ हो रहा है वह उसके प्रतिकूल है.
- बहुत वर्षों से व्यापार विवादों के निष्पादन की बहुपक्षीय प्रणाली आलोचना का शिकार रही है. अमेरिका जान-बूझकर नए अपीलीय निकाय के सदस्यों की नियुक्ति को रोके हुए है जिससे WTO की अपीलीय प्रणाली बाधित हो रही है.
क्या करना चाहिए?
- यदि WTO को सक्षम बनाना है तो उसे परस्पर विरोधी आर्थिक मॉडलों को अपनी प्रक्रिया में स्थान देना चाहिए.
- खेती से सम्बंधित सब्सिडी और बाजार की उपलब्धता जैसे आपस में उलझे प्रश्नों के समाधान के लिए संवाद किया जाना चाहिए और इस सन्दर्भ में इस बात का ध्यान रखा जाए कि खाद सुरक्षा पर इसका कोई विपरीत न पड़े.
- व्यापार से सम्बंधित वादों के निपटारे के लिए एक ऐसी प्रणाली बनाई जाए जो सबके लिए स्वीकार्य हो.
- GATT/WTO की नियमावली पुरानी हो चुकी है. बाजार और तकनीक में हो रहे परिवर्तनों के साथ चलने के लिए आज नए नियमों की आवश्यकता है.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.
Topic : South-South and Triangular Cooperation
संदर्भ
पिछले दिनों नई दिल्ली में दक्षिण-दक्षिण एवं त्रिकोणात्मक सहयोग के विषय में एक अंतर्राष्ट्रीय संवाद आयोजित हुआ.
दक्षिण-दक्षिण सहयोग क्या है?
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग एक विस्तृत सहयोगात्मक ढाँचा है जिसके अंतर्गत दक्षिणी गोलार्द्ध के विकासशील देश आपस में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणगत एवं तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग करते हैं.
- इस सहयोग के कई आयाम हो सकते हैं, जैसे – द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, अन्तःक्षेत्रीय अथवा क्षेत्रान्तरिक.
- आपसी संवाद में विकासशील देश अपने-अपने विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आपस में जानकारी, कौशल, विशेषज्ञता एवं संसाधनों को साझा करते हैं.
त्रिकोणात्मक सहयोग क्या है?
जब परम्परागत दाता देश और बहु-पक्षीय सन्गठन दक्षिण-दक्षिण पहलों के लिए कोष, प्रशिक्षण, प्रबंधन और तकनीकी प्रणालियों की सुविधा जुटाते हैं तो इस व्यवस्था को त्रिकोणात्मक सहयोग कहा जात है.
दक्षिण-दक्षिण सहयोग के उद्देश्य
- विकासशील देशों को अपने विकासात्मक लक्ष्यों को पाने में आत्म-निर्भर बनाना.
- विकासशील देशों में तकनीकी क्षमता का संवर्धन एवं सुदृढ़ीकरण करना.
- विकासशील देशों के बीच परस्पर संवाद बढ़ाना जिससे कि वे सामान्य समस्याओं के बारे में जान सकें और एक-दूसरे की क्षमताओं और अनुभवों से अवगत हो सकें.
- अल्प-विकसित देशों, स्थल-निरुद्ध देशों, छोटे द्वीपीय देशों और प्राकृतिक आपदाओं तथा अन्य संकटों को झेलने वाले देशों की समस्याओं और आवश्यकताओं के अनुसार कार्रवाई करना.
- विकासशील देशों को इस योग्य बनाना कि वे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक गतिविधियों में पहले से अधिक प्रतिभागिता करें और इस प्रकार विकास से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को विस्तार दें.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Infrastructure- energy.
Topic : Ocean energy declared as Renewable Energy
संदर्भ
भारत सरकार ने सामुद्रिक ऊर्जा (ocean energy) को नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के रूप में घोषित करने से सम्बंधित एक प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस निर्णय के आलोक में सभी हितधारकों को स्पष्ट कर दिया है कि सामुद्रिक ऊर्जा के विभिन्न रूपों, जैसे – ज्वारीय, तरंगीय, समुद्री ताप ऊर्जा परिवर्तन आदि का प्रयोग करके उत्पन्न की गई ऊर्जा को अब नवीकरणीय ऊर्जा माना जाएगा और यह ऊर्जा अ-सौर नवीकरणीय क्रय दायित्व (Renewable Purchase Obligations – RPO) के लिए योग्य माना जाएगा.
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के रूप में समुद्रों की सम्भावना
- धरातल के 70% भाग पर समुद्र फैले हुए हैं और इस प्रकार ये विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा के संग्राहक हैं.
- समुद्र से दो प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है – तापीय ऊर्जा (सूर्य के ताप से) और यांत्रिक ऊर्जा (ज्वारों और तरंगों से). ये ऊर्जाएँ प्रदूषणकारी नहीं हैं और साथ ही विश्वसनीय एवं बहुत पूर्वानुमेय हैं.
- ज्वार ऊर्जा : ज्वार ऊर्जा को वैकल्पिक ऊर्जा का एक अच्छा साधन माना जाता है. इसमें समुद्र के ज्वार और भाटा का लाभ उठाकर बिजली उत्पन्न की जाती है.
- समुद्री तरंग ऊर्जा : इसमें समुद्र की तरंगों की शक्ति का उपयोग कर बिजली बनाई जाती है. समुद्र की सतह पर पानी का अनुदैर्घ्य संचलन होता है. तरंग ऊर्जा के लिए इसी संचलन का उपयोग किया जाता है.
- समुद्री तापीय ऊर्जा : गहरे समुद्र की तुलना में उसकी बाहरी सतह सूरज की धूप से अधिक गर्म होती है. इस प्रकार दोनों में तापान्तर देखा जाता है. इसी तापान्तर से तापीय ऊर्जा बनती है.
- समुद्री धारा ऊर्जा : इस ऊर्जा को उत्पन्न करने के लिए समुद्र के अन्दर टर्बाइन लगा दिए जाते हैं जो समुद्री धरातल से जुड़े हुए होते हैं.
- ओस्मोटिक ऊर्जा : यह ऊर्जा लवण जल भंडार एवं मृदु जल भंडार के बीच में एक मेम्ब्रेन डालकर जल की गति से उत्पन्न की जाती है.
भारत में सामुद्रिक ऊर्जा की संभावनाएँ
भारत में अनुमानतः 12,455MW बिजली ज्वार ऊर्जा से उत्पन्न हो सकती है. यह ऊर्जा खम्भात और कच्छ क्षेत्रों और बड़े-बड़े बैकवाटरों में बराज तकनीक के माध्यम से उत्पादित हो सकती है.
जहाँ तक तरंग ऊर्जा का प्रश्न है, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कुल मिलाकर भारत के समुद्री तटों पर कम से कम 40,000MW बिजली बनाई जा सकती है. यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि हम जैसे-जैसे उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों की ओर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे तरंग ऊर्जा की सक्रियता बढ़ती जाती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Indian and its neighbourhood. Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : Financial Action Task Force (FATF)
संदर्भ
आंतकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने में अक्षम रहने के कारण पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force – FATF) से सम्बद्ध संस्था एशिया प्रशांत समूह (Asia Pacific Group – APG) ने काली सूची में डाल दिया है.
इसके लिए यह कारण बताया गया कि आतंकियों को पैसा देने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए निर्धारित 40 अनुपालन मापदंडों (Compliance Parameters) में से पाकिस्तान ने 32 का अनुपालन नहीं किया और साथ ही 11 प्रभावशालिता मापदंडों (Effectiveness Parameters) में से 10 में अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर सका.
भूमिका
जून 2018 में पाकिस्तान को झटका देते हुए वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force – FATF) ने इसे संदिग्ध सूची (‘Grey List’) में रखा था. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आंतकवादियों को धन मुहैया कराता है.
FATF क्या है?
- FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 1989 में G7 की पहल पर स्थापित किया गया है.
- यह एक नीति-निर्माता निकाय है जिसका काम विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी एवं नियामक सुधार लाने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति तैयार करना है.
- FATF का सचिवालय पेरिस के OECD मुख्यालय भवन में स्थित है.
FATF के उद्देश्य
FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है.
ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?
FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं.
एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें.
आज की तिथि में दो ही देश ब्लैक लिस्ट में आते हैं – ईरान और उत्तरी कोरिया. सात देश ग्रे लिस्ट में हैं, जिनके नाम हैं – पाकिस्तान, श्रीलंका, सीरिया और यमन.
एशिया प्रशांत समूह क्या है?
- यह मनी लॉन्ड्रिंग से सम्बंधित एक अंतर्राष्ट्रीय समूह है जो वित्तीय कार्रवाई कार्यदल से सम्बद्ध है.
- इसका काम यह देखना है कि सभी देश मनी लॉन्ड्रिंग के निरोध और आतंकवादियों को पैसा मुहैया करने के विरुद्ध वित्तीय मापदंडों का अनुसरण करते हैं अथवा नहीं. विदित हो कि ये वित्तीय मापदंड FATF द्वारा निर्धारित किये गये हैं.
- APG (Asia-Pacific Group) इन कार्यों में भी कई देशों को सहायता पहुँचाता है – अपराध, सहायता, दंड, विवेचना से सम्बंधित कानूनों का कार्यान्वयन. साथ ही यह समुचित प्रतिवेदन प्रणालियों के निर्धारण के लिए मार्गनिर्देश भी देता है और वित्तीय गुप्त सूचना इकाइयों की स्थापना में भी सहयोग करता है.
- वर्तमान में इस समूह में 41 देश सदस्य के रूप में हैं. इनमें से 11 देश ऐसे हैं जो APG के साथ-साथ FATF के भी सदस्य देश हैं. वे हैं – भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, जापान, कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : FEDOR
संदर्भ
पिछले दिनों रूस ने अन्तरिक्ष में एक मानव-रहित रॉकेट छोड़ा.
मुख्य तथ्य
- इस रॉकेट में FEDOR नामक एक मानवाकार रोबोट है जो अन्तरिक्ष में 10 दिन रहकर अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष केंद्र के अंतरिक्षयात्रियों को सहायता पहुँचाने का काम सीखेगा.
- FEDOR का पूरा नाम है – Final Experimental Demonstration Object Research.
- इस प्रकार का रोबोट रूस द्वारा पहली बार अन्तरिक्ष में भेजा गया है.
- अन्तरिक्ष यात्रा के समय बाह्य अन्तरिक्ष में मानवों को कई ऐसे काम करने पड़ते हैं जो विशेष रूप से खतरनाक होते हैं. इस रोबोट का प्रयोग मुख्य रूप से इन्हीं कामों को करने में किया जाएगा.
- यह रोबोट एक व्यस्क मानव के आकार का है और मानव शरीर की गतिविधियों की नक़ल करने में सक्षम है.
माहात्म्य
मानव गतिविधियों की नक़ल करने में सक्षम होने के कारण FEDOR में यह कौशल है कि वह न केवल अन्तरिक्षयात्रियों को दूर से सहायता कर सकता है, अपितु पृथ्वी पर ऐसे लोगों को काम करने में सहयोग कर सकता है जो किसी एक्सोस्केलटन (exoskeleton) से बंधकर कोई काम कर रहे हों. विदित हो कि एक्सोस्केलटन एक प्रकार का सुरक्षात्मक कवच होता है. इसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी उच्च विकरण वाले वातावरण में अथवा खतरनाक राहत अभियानों में या किसी विस्फोटक सुरंग को निरस्त करने में कोई व्यक्ति लगा होता है.
पृष्ठभूमि
FEDOR अन्तरिक्ष में जाने वाला पहला रोबोट नहीं है. 2011 में नासा ने भी जनरल मोटर्स के द्वारा निर्मित एक मानव सदृश – Robonaut 2 – अन्तरिक्ष में भेजा था. इसका भी काम खतरनाक वातावरण में काम करने से सम्बंधित था. 2013 में जापान ने भी Kirobo नाम का एक छोटा रोबोट भेजा था.
Prelims Vishesh
What is Floccinaucinihilipilification? :-
- पिछले दिनों कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने भारत की GDP से सम्बंधित अनुमानों पर शंका जताते हुए एक टिपण्णी की थी जिसमें अंग्रेजी के एक असाधारण शब्द का प्रयोग किया गया था. यह शब्द है – Floccinaucinihilipilification.
- इसका अर्थ होता है – किसी वस्तु को निरर्थक जतलाने के लिए की गई कार्रवाई अथवा आदत.
Bavin Award :-
- पिछले दिनों संरक्षणवादी कार्यकर्ता विवेक मेनन को क्लार्क बेविन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- एनिमल वेलफेयर इंस्टिट्यूट फॉर वाइल्डलाइफ के द्वारा स्थापित यह पुरस्कार वन्यजीवों के प्रति अपराध रोकने के क्षेत्र में किये गये असाधारण कार्य के लिए दिया जाता है.
Kerala Cabinet approves appointment of women drivers for Govt, PSU vehicles :-
- केरल सरकार ने पिछले दिनों राज्य के सरकारी परिवहन वाहनों तथा विभिन्न विभागों में वाहन चालक के पदों पर स्त्रियों की नियुक्ति से सम्बन्धित कानून बनाने के एक प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है.
- ऐसा करने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया है.
Report on illegal global trade in tigers by TRAFFIC :-
- TRAFFIC नामक एक स्वयंसेवी संस्था ने विश्व-भर में बाघों के अवैध व्यापार के विषय में एक प्रतिवेदन प्रकाशित किया है.
- इसके अनुसार, 2000 से 2018 के बीच में 32 देशों में 2,359 बाघ के अवैध व्यापार के संदर्भ में जब्ती हुई.
- ऐसी जब्तियाँ सबसे अधिक भारत (463/40.5%), चीन (126/11.0%) और इंडोनेशिया (119/10.5%) में हुईं.
- अकेले भारत में 38% बाघ की छालें, 28% हड्डियाँ और 42% दांत-जबड़े जब्त किये गए.
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