Sansar Daily Current Affairs, 17 December 2019
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.
Topic : Odisha- JAGA mission
संदर्भ
ओडिशा को उसकी “जग मिशन” योजना के लिए वैश्विक निवास पुरस्कार (World Habitat Award) मिला है. पिछले दिनों इसी परियोजना को इंडिया जिओस्पेशल एक्सीलेंस अवार्ड भी मिला था जो शहर के निर्धनों के जीवन में बदलाव लाने से जुड़े तकनीकी नवाचार के लिए दिया जाता है.
जग मिशन क्या है?
जग मिशन ओडिशा की एक योजना है जो निवास योग्य बस्तियों से सम्बंधित है. यह योजना वहाँ का आवास एवं शहरी विकास विभाग चलाता है.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य सचिव करते हैं और इसके लिए सदस्य सचिव का काम आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव करते हैं.
जग मिशन के उद्देश्य
- झुग्गी-झोपड़ियों में उसी शहरी स्थानीय निकाय के अन्दर आने वाले अन्य अच्छे क्षेत्रों की भाँति आवश्यक अवसंरचना और सेवा देकर उन्हें निवास योग्य बनाना.
- इन बस्तियों की अवसंरचना और सेवाओं तथा आजीविका के अवसरों की उपलभ्यता में लगातार सुधार लाना.
- विभिन्न विभागों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग करते हुए सरकार की विविध योजनाओं, कार्यक्रमों और वित्त पोषण के माध्यम से “जग मिशन” को लाभ पहुँचाना
- ओडिशा सरकार को शहरी निर्धनों के जीवन में सतत बदलाव लाने के लिए आवश्यक नीतिगत सुधारों पर परामर्श देना.
वैश्विक निवास पुरस्कार क्या है?
यह पुरस्कार यूनाइटेड किंगडम की संस्था वर्ल्ड हेबिटेट द्वारा यूनाइटेड नेशन्स हेबिटेट के सहयोग से प्रतिवर्ष नवाचारी, उत्कृष्ट एवं क्रांतिकारी विचारों के साथ-साथ आवासीय अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए दिया जाता है.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.
Topic : Breast Milk Banks
संदर्भ
भारत में इस समय 60 से अधिक ब्रेस्ट मिल्क बैंक काम कर रहे हैं. परन्तु देश में माँ के दूध की माँग को देखते हुए यह संख्या पर्याप्त नहीं है.
ब्रेस्ट मिल्क बैंक क्या हैं?
- ब्रेस्ट मिल्क बैंक दुग्धपान करवाने वाली महिलाओं को जोड़ते हैं. उनका दूध एकत्रित करते हैं, इसके बाद प्रोसेसिंग, स्टोरेज के बाद जरूरतमंद शिशिओं को सुलभ कराते हैं.
- मिल्क बैंक अस्पतालों में स्तनपान केंद्र के तौर पर कार्य करते हैं. अस्पताल माताओं को स्तनपान कराने, मिल्क बैंकिंग सेवाएँ संचालित करने में सहयोग करते हैं और माताओं और परिवारों को कंगारू मिल्क केयर (बच्चे को सीने से चिपकाकर दूध पिलाने) के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
ब्रेस्ट मिल्क बैंक की आवश्यकता
- माँ का दूध एकत्रित करने और वितरित करने के अकेले मॉडल पर फोकस करने के बजाय समग्र दृष्टिकोण का शिशुओं की पौष्टिकता और स्वास्थ्य पर ज्यादा अच्छा असर पड़ता है. कम समय में जन्मे और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों के लिए माँ का दूध बहुत अनिवार्य होता है.
- माँ का दूध न मिलने से शिशुओं को बीमारी का ज्यादा खतरा होता है और बीमारी होने पर मौत भी हो सकती है. इसके बावजूद अनेक शिशुओं को माँ का दूध नहीं मिल पाता है. कभी-कभी बच्चे माँ का दूध पीने में अक्षम रहते हैं या फिर माँ के स्तनों में दूध नहीं उतरता है.
- इसके अतिरिक्त बच्चे को माँ से दूर करके आइसीयू में रखने, बच्चे को छोड़ने या माँ की बीमारी अथवा मौत की स्थिति में भी बच्चों को माँ का दूध नहीं मिल पाता है. माँ के दूध को निकालने और स्टोर करने की सुविधाएं न होेने से भी यह समस्या होती है. जिन बच्चों को माँ का दूध नहीं मिल पाता है, उन्हें वैकल्पिक रूप से मां का दूध सुलभ कराने के लिए ब्रेस्ट ब्रेस्ट मिल्क बैंक सबसे उपयुक्त माध्यम है.
- एक डाटा से पता चलता है कि नवजात आइसीयू में भर्ती शिशुओं में से 30-50 फीसदी और सभी शिशुओं में 10-20 फीसदी को मां का दूध सुलभ नहीं है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.
Topic : Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY)
संदर्भ
प्रधानमन्त्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के कार्यान्वयन में कुछ अड़चनें देखी जा रही हैं. ये अड़चनें इस प्रकार हैं –
- तीन वर्ष पूरे हो जाने के पश्चात् भी यह योजना वास्तविक रूप से सार्वभौम नहीं बन पाई है.
- अनपढ़ लोगों को इससे सम्बंधित लम्बे-लम्बे कागजात पूरे करने में समस्या हो रही है.
- आवेदन की प्रक्रिया में स्त्रियों को घूस देना पड़ता है.
PMMVY क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक मातृत्व लाभ की योजना है जिसका आरम्भ 2010 में इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना के नाम से (IGMSY) हुआ था. इस योजना के अंतर्गत पहले बच्चे के जन्म के लिए 19 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद राशि दी जाती है.इस राशि से बच्चा होने और उसकी देखभाल करने के कारण दिहाड़ी की क्षति का सामना करने वाली महिला को आंशिक क्षतिपूर्ति दी जाती है और साथ ही इससे सुरक्षित प्रसव और उत्तम पोषण का प्रबंध किया जाता है.
- अपवाद :जो महिलाएँ केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में काम करती हैं अथवा जिन्हें इसी प्रकार का लाभ पहले से मिल रहा है, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- वित्त पोषण :यह एक केंद्र संपोषित योजना है जिसमें केंद्र और राज्य की लागत 60:40 होती है. पूर्वोत्तर राज्यों में और तीन हिमालयवर्ती राज्यों में यह अनुपात 90:10 है. जिन केंद्र शाषित क्षेत्रों में विधान सभा नहीं है वहाँ इस योजना के लिए केन्द्रीय योगदान 100% होता है.
प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना का महत्त्व
आज भी महिलाओं में कुपोषण की समस्या है. भारत में हर तीसरी महिला कुपोषित है और हर दूसरी महिला में रक्ताल्पता की शिकायत है. कुपोषित महिला से जन्मे बच्चे का भार भी कम होता है. जब बच्चा पेट में है, उसी समय से पोषाहार मिले तो इसका लाभ बच्चे को जीवन-भर के लिए मिल जाता है. यह योजना इसी समस्या को केंद्र में रखकर पोषाहार पर विशेष बल देती है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.
Topic : Government Instant Messaging System (GIMS)
संदर्भ
भारत सरकार वर्तमान में अपने सुरक्षित संदेश ऐप – GIMs – का परीक्षण कर रही है.
GIMs क्या है?
- GIMs का पूरा नाम है – Government Instant Messaging System अर्थात् सरकारी तत्काल सन्देश प्रणाली है.
- इसका रूपांकन और निर्माण राष्ट्रीय इन्फोर्मेटिक्स केंद्र (NIC) ने किया है.
- यह ऐप केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मियों को पारस्परिक संचार में सहायता करने के लिए बनाया गया है. हम इसे व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे लोकप्रिय सन्देश मंचों का एक भारतीय विकल्प मान सकते हैं.
- विदेशी सन्देश तंत्रों की तुलना में यह एक सुरक्षित प्रणाली होगी क्योंकि इसकी होस्टिंग विदेश में नहीं होती है.
- व्हाट्सऐप के समान GIMs में व्यक्ति से व्यक्ति सन्देश के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पद्धति अपनाई जाती है.
इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?
पिछले दिनों भारतीय उपभोक्ताओं के मोबाइल फोनों पर Pegasus नामक स्पाईवेयर का आक्रमण हुआ था जिस कारण व्हाट्सऐप के साथ भारत का विवाद चला था. इसी संदर्भ में GIMs लाया गया है. इसका सर्वर देश के अन्दर ही है और इसकी सूचनाएँ सरकारी क्लाउड में जमा होंगी. इसलिए हम कह सकते हैं कि यह सन्देश प्रणाली भारतीयों के लिए सुरक्षित और निरापद है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation, environmental pollution and degradation, environmental impact assessment.
Topic : Namami Gange
संदर्भ
अभी पिछले दिनों नमामि गंगे कार्यक्रम की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय गंगा परिषद् (National Ganga Council – NGC) की बैठक सम्पन्न हुई.
नमामि गंगे कार्यक्रम क्या है?
- नमामि गंगे भारत सरकार का एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गंगा नदी को कारगर ढंग से स्वच्छ बनाना है. इस लक्ष्य को पाने के लिए इसमें सभी हितधारकों को भी संलग्न किया गया है, विशेषकर गंगा घाटी के उन पाँच राज्यों के हितधारकों को जो राज्य गंगा की घाटी में स्थित हैं, यथा – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल.
- इस कार्यक्रम में जो कार्य किये जाते हैं, वे हैं – नदी की सतह की सफाई, इसमें गिरने वाले नाली प्रवाह का उपचार, रिवर फ्रंटों का विकास, जैव-विविधता का विकास, वनरोपण एवं जन-जागरूकता के कार्य.
नमामि गंगे कार्यक्रम के मुख्य स्तम्भ
- अपशिष्ट जल को साफ़ करने की अवसंरचना
- नदी की सतह को साफ़ करना
- वनरोपण
- औद्योगिक कचरे पर नजर रखना
- रिवर फ्रंट का विकास
- जैव-विविधता
- जन जागरूकता
- गंगा ग्राम
कार्यान्वयन
- इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga – NMCG) और राज्यों में स्थित इसके समकक्ष संगठनों, जैसे – राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूह (State Program Management Groups – SPMGs) द्वारा किया जाता है.
- योजना के सही कार्यान्वयन के लिए एक त्रि-स्तरीय प्रणाली गठित करने का प्रस्ताव है. इस प्रणाली के तीन स्तर होंगे जो निम्नवत् हैं –
- राष्ट्रीय स्तर पर एक उच्च स्तरीय कार्यदल जिसके अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होंगे और जिनकी सहायता NMCG करेगी.
- राज्य-स्तर पर एक समिति होगी जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे और जिनकी सहायता SPMG करेगी.
- जिला-स्तर पर एक जिला-स्तरीय समिति होगी जिसकी अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट करेंगे.
इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों/एजेंसियों के मध्य समन्वय के तन्त्र को सुधारने पर बल दिया गया है.
राष्ट्रीय गंगा परिषद् क्या है?
- राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (National Ganga River Basin Authority) को भंग कर के अक्टूबर, 2016 में गंगा नदी प्राधिकरण आदेश (कायाकल्प, संरक्षण एवं प्रबंधन) [River Ganga (Rejuvenation, Protection and Management) Authorities Order] के द्वारा राष्ट्रीय गंगा परिषद् का गठन हुआ था.
- इसकी अध्यक्षता प्रधानमन्त्री करते हैं.
- इस परिषद् में गंगा घाटी में स्थित पाँच राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और प. बंगाल) के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ कई केन्द्रीय मंत्री सदस्य होते हैं.
- इसकी बैठक प्रत्येक वर्ष किये जाने का प्रावधान है.
Prelims Vishesh
Exercise ‘Apharan’ :-
- पिछले दिनों केरल में अपहरण अभ्यास सम्पन्न हुआ.
- यह अभ्यास भारतीय नौसेना ने भारतीय तटरक्षक के साथ मिलकर किया.
- इसका उद्देश्य किसी वाणिज्यिक जलयान को अपहरण करने के प्रयास को विफल करना और भारत के बंदरगाहों में गलत जलयानों को आने से रोकना है.
Houbara bustard :–
- पिछले दिनों पाकिस्तान ने क़तर के अमीर और उसके परिवार के 9 अन्य सदस्यों को हुबारा बस्टर्ड का शिकार करने की अनुमति दे दी जबकि यह पक्षी एक अंतर्राष्ट्रीय रूप से संरक्षित पक्षी है.
- यह पक्षी उत्तरी अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है.
- अफ्रीकी हुबारा बस्टर्ड को Chlamydotis undulata कहते हैं और इसकी एशियाई प्रजाति को Chlamydotis macqueenii कहा जाता है.
- IUCN के अनुसार यह पक्षी संकटग्रस्त (Vulnerable) पक्षी माना गया है.
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