कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 के प्रमुख प्रावधान

RuchiraBills and Laws: Salient Features

Pesticides Management Bill 2020 Explained in Hindi

जैव कीटनाशकों को देश में बढ़ावा देने के लिए तैयार कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 (Pesticides Management Bill) के प्रारूप को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है.

कीटनाशक प्रबंधन विधेयक के प्रमुख प्रावधान

  1. देश की सभी भाषाओं में डिजिटल रूप से कीटनाशकों के बारे में यह जानकारी सार्वजनिक रूप से किसानों को उपलब्ध कराई जाए कि इन कीटनाशकों के गुण-अवगुण क्या हैं और इनके व्यवहार में क्या जोखिम हो सकता है और इनके क्या विकल्प हो सकते हैं.
  2. नकली और बुरी गुणवत्ता वाले कीटनाशकों के प्रयोग से होने वाली क्षति के लिए किसानों को क्षतिपूर्ति राशि दी जायेगी.
  3. इस क्षतिपूर्ति को मुहैया करने के लिए भारत सरकार एक केन्द्रीय कोष बनाएगी.
  4. जो व्यक्ति कीटनाशकों का आयात, निर्माण अथवा निर्यात करना चाहता है तो विधेयक के अनुसार उसे अपने-आप को पंजीकृत करना होगा और सम्बंधित कीटनाशक की क्षमता, प्रदर्शन, सुरक्षात्मकता, प्रयोग की विधि और भंडारण के लिए उपलब्ध अवसंरचना के बारे में जानकारी देनी होगी. जानकारी में यह भी बताया जाएगा कि उस कीटनाशक से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है.
  5. कीटनाशक प्रबंधन विधेयक कीटनाशकों के विज्ञापनों को भी नियमित करेगा जिससे उनके बारे में निर्मातागण कोई गलत दावा नहीं कर सकें.

पेस्टीसाइड मैनेजमेंट बिल की आवश्यकता क्यों?

वर्तमान में कीटनाशकों की बिक्री और प्रयोग कीटनाशक अधिनियम, 1968 (Insecticides Act 1968) से शाषित होते हैं. यह अधिनियम अब पुराना पड़ चुका है क्योंकि इसके पारित होने के बाद कीट प्रबंधन विज्ञान बहुत आगे बढ़ चुका है और रासायनिक कीटनाशकों के दुष्प्रभाव के विषय में हजारों वैज्ञानिक साक्ष्य आ चुके हैं. इसलिए इस विषय में एक नए कानून की आवश्यकता आन पड़ी है.

आये दिन समाचार आते रहते हैं कि कीटनाशकों के कारण किसान विषाक्तता के शिकार हो जाते हैं और मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं. यहाँ तक कि जंगली जीव और घरेलू मवेशी भी इस गति को प्राप्त होते हैं.

भारत में कीटनाशकों का प्रयोग

विश्व में कीटनाशकों के निर्माण करने वाले देशों में भारत चौथा सबसे बड़ा निर्माता है. कहा जाता है कि भारत के आठ राज्य देश में प्रयोग होने वाले कीटनाशकों के 70% की खपत कर डालते हैं. जहाँ तक फसलों का प्रश्न है, सबसे अधिक (26-28%) कीटनाशक का प्रयोग धान की खेती में होता है. उसके पश्चात् कपास (18-20%) का स्थान आता है.

देश में 292 कीटनाशक पंजीकृत हैं और अनुमान है कि लगभग 104 कीटनाशक ऐसे हैं जिनपर विश्व के दो या अधिक देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है, पर इनका उत्पादन भारत में हो ही रहा है. सच पूछा जाए तो भारत का कीटनाशक उद्योग 20,000 करोड़ रु. का व्यवसाय है जिसमें 57% बाजार का हिस्सा मात्र शीर्षस्थ तीन कम्पनियों के हाथ में है.

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