सिर क्रीक विवाद क्या है?

Sansar LochanIndia and its neighbours

Sir Creek pact Explained in Hindi

वियोन (WION) के द्वारा आयोजित तीसरा वैश्विक शिखर सम्मेलन दुबई में सम्पन्न हुआ. इसकी थीम थी – “विश्व के अत्यावश्यक कार्यों पर विमर्श और समाधान का प्रयास”/Navigating and negotiating global imperatives.

  1. इस सम्मेलन में कई विश्वों के साथ-साथ पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति को संतुलित एवं पुनर्व्यवस्थित करने और लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई.
  2. इस अवसर पर पूर्व पाकिस्तानी मंत्री कसूरी ने सिर क्रीक समझौते के लिए योजना की भी चर्चा की.

सिर क्रीक विवाद क्या है?

  • सिर क्रीक मामले पर विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 के दशक में शुरू हुआ था. दोनों देशों की आजादी से पूर्व यह क्षेत्र ब्रिटिश भारत की बॉम्बे प्रेसिडेंसी का हिस्सा था.
  • सिर क्रीक विवाद दरअसल 96 किलोमीटर लंबी दलदली ज़मीन का विवाद है जो भारतीय राज्य गुजरात और पाकिस्तान के राज्य सिंध के बीच कच्छ के रान में स्थित है.
  • पहले इसे बन गंगा कहा जाता था.
  • सिर क्रीक पानी के कटाव के कारण बना है और यहाँ ज्वार-भाटे के कारण यह तय नहीं होता कि कितने हिस्से में पानी रहेगा और कितने में नहीं.
  • दूसरे शब्दों में सिर क्रीक दोनों देशों के बीच अस्थिर-सी सीमा है.
  • इस कारण दोनों देशों के मछुआरों के लिए अच्छी-ख़ासी मुसीबत बनी हुई है जो असावधानी से सीमा उल्लंघन कर बैठते हैं.
  • इस क्षेत्र को तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध माना जाता है और यह क्षेत्र एशिया के सबसे बड़े मछली उत्पादन क्षेत्रों में से एक है.
  • पाकिस्तान पूरे सिर क्रीक पर अपना दावा करता है और इसके लिए 1914 में सिंध सरकार और कच्छ के राव महराज के बीच हुए एक संकल्प के अनुच्छेद 9 और 10 का हवाला देता है.
  • दूसरी ओर, भारत का दावा है कि इस क्रीक के बीचो-बीचदोनों देशों की सीमा पड़ती है जैसा कि 1925 के एक मानचित्र में दिखाया गया था. उल्लेखनीय है कि इसी मानचित्र के अनुसार, समुद्र के बीचो-बीच खम्बे भी गाड़े गये थे.
  • भारत का यह भी तर्क है कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून में वर्णित थालवेग सिद्धांत (Thalweg Doctrine) के अनुसार दो देशों के बीच पड़ने वाली नदी में सीमा का अंकन उसके बीचो-बीच होना चाहिए.

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