USCIRF 2020 वार्षिक रिपोर्ट – भारत के सन्दर्भ में

Sansar LochanGovernance

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता से सम्बंधित अमेरिकी आयोग (US Commission on International Religious Freedom – USCIRF) ने 2020 का अपना प्रतिवेदन निर्गत कर दिया है.

USCIRF

USCIRF

  • विदित हो कि यह आयोग 1998 में निर्मित एक स्वतंत्र, द्विपक्षीय अमेरिकी संघीय सरकारी आयोग है.
  • यह आयोग विदेशों में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की समीक्षा करता है और अमेरिका के राष्ट्रपति, विदेशमंत्री और कांग्रेस के लिए नीतियों की सिफारिश करता है.

भारत के सन्दर्भ में प्रतिवेदन में क्या कहा गया है?

  • इस प्रतिवेदन में भारत को निम्नतम स्थान पर रखते हुए ऐसे देशों के साथ रखा गया है जो विशेष चिंता के विषय (countries of particular concern” – CPC) हैं.
  • इससे पहले 2004 में भारत को CPC श्रेणी में रखा गया था.
  • जिन देशों के साथ भारत को श्रेणीबद्ध किया गया है, वे हैं – चीन, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, पाकिस्तान आदि.
  • पिछले वर्ष भारत को टियर 2 कंट्री श्रेणी में डाला गया था.

भारत की श्रेणी नीची क्यों की गई?

  • नागरिकता संशोधन अधिनियम, प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी, धर्म परिवर्तन विरोधी कानून और जम्मू कश्मीर की स्थिति.
  • केंद्र और कई राज्य सरकारों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा होने दी और घृणात्मक भाषा और हिंसा के प्रयोग को बढ़ावा दिया.

अमेरिकी सरकार को USCIRF ने क्या सुझाव दिया?

  • यह सुझाव दिया गया कि भारत के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (International Religious Freedom Act – IRFA) के अंतर्गत कार्रवाई होनी चाहिए.
  • धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की दोषी भारतीय एजेंसियों और अधिकारियों को अमेरिका में आने से रोक देना चाहिए और उनकी संपत्तियों को फ्रीज़ कर देना चाहिए.

प्रतिवेदन में अन्य देश कहाँ पर हैं?

  1. इस प्रतिवेदन में CPC के अन्दर 14 देश रखे गये हैं.
  2. इन 14 देशों में 9 देश वैसे हैं जो पिछले वर्ष भी CPC में रखे गये थे. ये हैं – बर्मा, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान.
  3. धार्मिक स्वतंत्रता के भीषण उल्लंघन के लिए USCIRF ने इस बार टियर-2 श्रेणी के स्थान पर एक नई श्रेणी बनाई है जिसका नाम विशेष निगरानी सूची (Special Watch List SWL) रखा है जिसमें 15 देशों डाला गया है. ये देश हैं – क्यूबा, ​​निकारागुआ, सूडान, उजबेकिस्तान, अफगानिस्तान, अल्जीरिया, अजरबैजान, बहरैन, मध्य अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर), मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, कजाकिस्तान, मलेशिया और तुर्की.
  4. इसी प्रतिवेदन में छह गैर-सरकारी इकाइयों के लिए विशेष चिंता के योग्य इकाइयाँ (entities of particular concern – EPCs) श्रेणी बनाई गई है जिनपर धार्मिक उत्पीड़न का आरोप है. ये इकाइयाँ हैं – सोमालिया का अल-शबाब, नाइजीरिया का बोको हराम, यमन का हौथिस, अफगानिस्तान का खुरासान इस्लामिक राज्य (ISKP), अफगानिस्तान का तालिबान तथा सीरिया का हयात तहरीर अल-शाम (HTS).

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