कोविड-19 महामारी के चलते मार्च 24 से अचानक पूरे देश में तालाबंदी हो गई जिस कारण प्रवासी मजदूरों को बहुत कष्ट झेलना पड़ा. ऐसी स्थिति में लोगों का ध्यान 1979 में पारित अंतर-राज्य प्रवासी मजदूर अधिनियम (Inter-State Migrant Workmen Act, 1979) की ओर गया है.
लोगों का मानना है कि एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाले मजदूरों के रोजगार और काम करने की दशाओं से सम्बंधित यह अधिनियम अभी तक गंभीरतापूर्वक लागू नहीं हो सका है.
अंतर-राज्य प्रवासी मजदूर अधिनियम, 1979 के मुख्य प्रावधान
- अधिनयम में मजदूरों की पंजी बनाने का निर्देश है.
- इस पंजीकरण के बिना कोई भी मुख्य रोजगारदाता किसी प्रवासी मजदूर को नौकरी पर नहीं रख सकता है. इसके लिए उसे पंजीकरण का प्रमाण-पत्र देना होगा.
- जो ठेकेदार एक राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी के लिए मजदूर लाता है उसके पास भी एक लाइसेंस होना आवश्यक है.
- ठेकेदार को यह बताना होगा कि वे मजदूरों को जो नौकरी दिलाते हैं उसकी शर्तें आदि क्या होंगी.
यह कानून कहाँ पर लागू होता है?
- जो भी प्रतिष्ठान दूसरे राज्यों के पाँच या अधिक प्रवासी मजदूर को रखता है, उस पर यह कानून लागू होता है. पिछले 12 महीनों में किसी एक दिन भी उस प्रतिष्ठान ने पाँच या अधिक प्रवासी मजदूर रखे हैं तो वह भी अधिनियम के दायरे में आ जाएगा.
- पाँच या उससे अधिक दूसरे राज्यों के मजदूरों को नौकरी पर लगाने वाले ठेकेदार पर भी यह अधिनियम लागू होता है.
अधिनियम का महत्त्व
- प्रवासी मजदूरों को रखने वाले प्रतिष्ठानों के पंजीकरण से प्रतिष्ठान की जिम्मेवारी सुनिश्चित होती है.
- पंजीकरण से सरकार यह पता लगा लेती है कि कितने बाहरी मजदूर किसी राज्य में काम कर रहे हैं.
- प्रवासी मजदूरों की दशा को नियमित करने के लिए यह पंजीकरण एक कानूनी आधार प्रदान करता है.
- अधिनियम कहता है कि यदि काम की प्रकृति एक जैसी हो तो प्रवासी मजदूर को वही मजदूरी मिलेगी और अन्य सुविधाएँ, जैसे – छुट्टी, काम के घंटे आदि मिलेंगे जो उस राज्य के स्थानीय मजदूरों को मिलती हैं.
संशोधन के प्रस्ताव
वर्तमान सरकार का लक्ष्य है कि श्रम से सम्बंधित सभी कानूनों को एक जगह लिया जाए और उनमें सुधार लाया जाए. इसके लिए एक विधेयक भी संसद में लाया गया है जिसका नाम Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2019 रखा गया है. इस प्रस्तावित संहिता में 13 श्रम कानूनों को एक कानून का रूप दे दिया जा रहा है. अंतर-राज्य प्रवासी मजदूर अधिनियम 1979 भी इन्हीं कानूनों में से एक है.
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