Sansar डेली करंट अफेयर्स, 03 September 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 03 September 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Adjusted Gross Revenue – AGR

संदर्भ

सर्वोच्च न्यायालय ने टेलिकॉम ऑपरेटर (telecos) को समंजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue – AGR) बकाये के भुगतान के लिए 10 वर्ष की समयावधि प्रदान की है.

निर्णय के अंतर्गत दूरसंचार कंपनियों को अपने कुल AGR बकाया राशि का 10 प्रतिशत अग्रिम भुगतान, 31 मार्च 2021 तक करना होगा तथा शेष राशि की चुकौती उन्हें आगामी 10 वर्षों में समान वार्षिक किश्तों में करनी होगी. सर्वोच्च न्यायालय ने दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा भुगतान के लिए की गई 20 वर्षीय मांग को निरस्त कर दिया है और बकाया राशि के पुनर्मूल्यांकन को भी अस्वीकार कर दिया है.

AGR संबंधी विवाद

  • DoT के अनुसार, राजस्व गणना में एक टेलीकॉम कंपनी द्वारा अर्जित सभी प्रकार के राजस्व सम्मिलित होने चाहिए, जिसमें गैर-दूरसंचार स्रोतों जैसे ब्याज जमा और परिसंपत्तियों की बिक्री आदि से प्राप्त राजस्व भी समाहित होना चाहिए.
  • दूरसंचार कंपनियों का मत है कि AGR में केवल दूरसंचार सेवाओं से उत्पन्न राजस्व को ही शामिल किया जाना चाहिए और गैर-दूरसंचार राजस्व को इससे बाहर रखा जाना चाहिए.
  • अक्टूबर 2019 में, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा AGR के हिस्से के रूप में समाप्ति शुल्क (termination fee) और रोमिंग शुल्क (roaming charges) को छोड़कर सभी राजस्व को शामिल करने का आदेश दिया गया था.

समंजित समग्र राजस्व क्या है?

समंजित समग्र राजस्व (AGR) वह लाइसेंस शुल्क है जो दूरसंचार संचालकों द्वारा दूरसंचार विभाग को जमा करना होता है. इसमें 3-5% स्पेक्ट्रम उपयोग का शुल्क होता है और 8% लाइसेंस का शुल्क होता है.

AGR की गणना कैसे होती है?

दूरसंचार विभाग AGR की गणना करते समय दूरसंचार कम्पनी द्वारा अर्जित पूर्ण राजस्व को आधार बनाता है. इसका तात्पर्य यह है कि इसमें दूरसंचार से पृथक स्रोतों, जैसे – जमा ब्याज और सम्पदा विक्रय, से प्राप्त आय को भी जोड़ा जाता है. दूसरी ओर, टेलिकॉम कंपनियों की माँग है कि AGR में केवल दूरसंचार सेवा से जनित राजस्व को ही आधार बनाया जाए.

दूरसंचार क्षेत्र के लिए चुनौतियाँ

दूरसंचार क्षेत्र की लाभप्रद स्थिति को देखते हुए, AGR विवाद ने बैंकिंग उद्योग में दहशत पैदा कर दी है. अकेले वोडाफोन आइडिया पर 2.2 लाख करोड़ रुपये का बकाया है, जिसका उपयोग उसने वर्षों से बुनियादी अवसंरचना का विस्तार करने तथा स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए किया है. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पास वोडाफोन आइडिया के लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये की राशि का ऋण जोखिम  है.


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Pradhan Mantri Kisan SAMPADA Yojana

संदर्भ

प्रधान मंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के अंतर्गत 27 शीत-शृंखला परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है.

मुख्य बिंदु

  • इन परियोजनाओं को PMKSY की एकीकृत शीत शृंखला एवं मूल्यवर्धन अवसंरचना (Integrated Cold Chain and Value Addition Infrastructure) योजना के तहत अनुमोदन प्रदान किया गया है.
  • इससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए आधुनिक, नवीन अवसंरचनात्मक और प्रभावी शीत शृंखला सुविधाओं के निर्माण में सहायता प्राप्त होगी.
  • PMSY का उद्देश्य खेत से लेकर खुदरा बिक्री केंद्रों (retail outlet) तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन से युक्त एक आधुनिक अवसंरचना का निर्माण करना है.

आवश्यकता

देश में शीत शृंखला अवसंरचना अपर्याप्त होने के साथ-साथ इसके वितरण की स्थिति भी निम्नस्तरीय बनी हुई है, जिसके चलते देश में खाद्य पदार्थों की अत्यधिक बर्बादी होती है. उदाहरण के लिए: शीत शृंखला के अभाव के कारण 4.6-15.9% फल और सब्जियों तथा लगभग 2.7% माँस आदि का व्यर्थ व्यय हो जाता है.  

परियोजनाओं के लाभ

इनसे कृषि आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर सृजित करने, किसानों एवं अंतिम उपयोगकर्ताओं को बेहतर मूल्य प्रदान करने तथा संबद्ध क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने में सहायता प्राप्त होगी.

शीत श्रंखला एवं मूल्यवर्धन तथा परिरक्षण अवसंरचना योजना (Cold Chain, Value Addition and Preservation Infrastructure Scheme)

  • इसका उद्देश्य खेत से लेकर उपभोक्ता तक बिना किसी अवरोध के एकीकृत शीत शृंखला और परिरक्षण अवसंरचना सुविधाएं प्रदान करना है.
  • इसमें संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला के साथ-साथ अवसंरचना सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है, जैसे: पूर्व-शीतलन, भार मापन, पृथक्ककरण, श्रेणीकरण आदि.
  • इस योजना का कार्यान्वयन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जाएगा.

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना

  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की शुरुआत अगस्‍त 2017 में की गई थी. यह योजना पूरी तरह से कृषि केंद्रित योजना है.
  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का उद्देश्‍य कृषि न्‍यूनता पूर्ण करना, प्रसंस्‍करण का आधुनिकीकरण करना और कृषि के दौरान संसाधनों के होने वाले अनावश्यक नुकसान को कम करना है.

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के कार्यान्‍वयन से उत्पादों की आपूर्ति प्रबंधन को सुधारा जा सकता है और एक आधुनिक अवसंरचना का का विकास किया जा सकता है. यह देश में न केवल खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के लिये एक बेहतर प्रयास होगा बल्कि यह किसानों को बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त करने मे भी सहायक होगा. साथ ही यह किसानों की आय को दुगुना करने की दिशा में भी एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests. Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora

Topic : Supply Chain Resilience Initiative : SCRI

संदर्भ

भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर पहल (Supply Chain Resilience Initiative : SCRI) का शुभारंभ किया गया.

SCRI

  • SCRI को भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार हेतु एक त्रिपक्षीय दृष्टिकोण के रूप में जापान द्वारा प्रस्तावित किया गया है.
  • इसका उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना और साझेदार देशों के साथ पारस्परिक रूप से पूरक संबंध स्थापित करना है.
  • वर्ष 2019 में, इन 3 देशों का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 9.3 ट्रिलियन डॉलर तथा उनकी पण्य वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार क्रमशः 2.7 ट्रिलियन डॉलर एवं 0.9 ट्रिलियन डॉलर था.
  • आपूर्ति शृंखला के लचीलेपन पर यह पहल वस्तुतः एक राष्ट्र द्वारा एक या कुछ पर निर्भर होने की बजाय आपूर्ति करने वाले राष्ट्रों के एक समूह की सहायता से आपूर्ति जोखिम को कम करने पर बल देती है.
  • यह प्रतिकूल घटनाओं के बेहतर प्रबंधन और मूल्य अस्थिरता को अनुशासित करने में भी सहायता करेगी.

SCRI का महत्व

  • चीन पर निर्मरता कम होगी.
  • भागीदार देशों के मध्य सहयोग में वृद्धि होगी. ज्ञातव्य है कि ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत पहले से ही अमेरिका के साथ चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (Quadrilateral Security Dialogue) के भागीदार देश के रूप में संलग्न हैं.
  • भारत-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति शृंखलाओं को पुन: प्रारंभ करना सुविधाजनक होगा.
  • SCRI, सुदृढ़ आपूर्ति और विनिर्माण शृंखलाओं के निर्माण हेतु आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) के साथ मिलकर कार्य कर सकती है, जो बाह्य आघात एवं प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करना सक्षम हैं.
  • SCRI से भारत को प्राप्त होने वाले लाभ: यह भारत को ‘मेक फॉर वर्ल्ड” (विश्व के लिए विनिर्माण) के अनुरूप आपूर्ति हब के रूप में उभरने में सहायता प्रदान करेगी, जापान के साथ व्यापार घाटे को कम करने में सहयोग करेगी आदि.

सप्लाई चैन रेज़ीलिएंस का अर्थ

  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में सप्लाई चैन रेज़ीलिएंस (Supply Chain Resilience) एक दृष्टिकोण है जो किसी देश को यह सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि वह अपनी संपूर्ण आपूर्ति के लिये किसी एक देश पर निर्भर होने के बजाय अपने आपूर्ति के जोखिम का विस्तार अलग-अलग आपूर्तिकर्त्ता देशों तक करे.
  • इस प्रकार के दृष्टिकोण को अपनाने का मुख्य कारण यह है कि किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना, चाहे वह प्राकृतिक हो (जैसे ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी, भूकंप अथवा महामारी) या मानव निर्मित (जैसे एक क्षेत्र विशिष्ट में सशस्त्र संघर्ष) के कारण किसी विशेष देश से आने वाली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे गंतव्य देश में आर्थिक गतिविधि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
  • इसलिये यह जरूरी होता है कि कोई देश अपनी आपूर्ति श्रृंखला को केवल एक देश तक सीमित न करे, बल्कि भिन्न-भिन्न देशों तक उसका विस्तार करे.

GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Science and Technology.

Topic : Smart meter

संदर्भ

विद्युत‌ की बढ़ती मांग के परिप्रेक्ष्य में समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (aggregate technical and commercial : AT&C) हानियों के समाधान के लिए स्मार्ट मीटरों का सुझाव दिया गया है. ज्ञातव्य है कि वर्ष 2030 तक विद्युत्‌ की मांग के लगभग दोगुना होने की संभावना व्यक्त की गई है.

मुख्य बिंदु

  • AT&C हानियों के कारण, वितरण निकायों को उनके द्वारा क्रय की गई विद्युत्‌ की प्रति यूनिट लगभग 72 पैसे की क्षति हो रही है.
  • भारत का लक्ष्य AT&C हानियों को वर्ष 2022 तक 12 प्रतिशत और वर्ष 2027 तक 10 प्रतिशत तक कम करना है. वर्तमान में यह क्षति 20 प्रतिशत तक आंकलित की गई है.
  • स्मार्ट मीटर दिन के भिन्‍न-भिन्‍न समय में उपभोक्ताओं के विद्युत्‌ के उपयोग का मापन एवं उसको रिकॉर्ड करते हैं और इस सूचना को ओवर-द-एयर (आभासी) संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ऊर्जा आपूर्तिकर्ता को प्रेषित करते हैं.

स्मार्ट मीटर क्या है?

स्मार्ट मीटर विद्युत मीटर का एक उन्नत रूप है. अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित स्मार्ट मीटर की कार्य-प्रणाली एक छोटे से कंप्यूटर के जैसा ही है. जिस उपभोक्ता के यहाँ स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा उसे मीटर से संबंधित पूरी जानकारी मीटर स्क्रीन पर हर समय मिलती रहेगी. नई व्यवस्था के अनुसार, स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता को अपना बिल जानने, बिल भुगतान करने या फिर किसी अन्य जानकारी के लिये इधर- उधर नहीं भटकना होगा. यह सारी जानकारी उपभोक्ता स्मार्ट मीटर की स्क्रीन पर आराम से पढ़ सकता है.

स्मार्ट मीटर के लाभ

  • DISCOMs के लिए: AT&C घाटे को कम करना, वित्त व्यवस्था में सुधार करना, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करना, बिल भुगतान में सुगमता को बढ़ाना और बिलिंग की सटीकता सुनिश्चित करना.
  • उपभोक्ताओं के लिए: उपयोग की निगरानी और बिलों के भुगतान में सुगमता प्रदान करना तथा उपभोक्ता संतुष्टि, प्रणाली की स्थिरता, विश्वसनीयता एवं पारदर्शिता में वृद्धि करना.

चुनौतियाँ

  • उच्च अग्रिम लागत, साइबर सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां, नई प्रणालियों के साथ सॉफ्टवेयर एकीकरण आदि.
  • एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) द्वारा प्रारंम किए गए स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम का उद्देश्य भारत में 25 करोड़ पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट मीटरों से प्रतिस्थापित करना है.

GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Infrastructure- Railways.

Topic : RORO service of South Western Railway

संदर्भ

हाल ही में, दक्षिण पश्चिम रेलवे के नेलमंगला (बेंगलुरु के निकट) से बेल (सोलापुर के निकट) तक पहली बार रोल ऑन रोल ऑफ़ (Roll on Roll off- RORO) सेवा प्रारम्भ की गयी है.

बेंगलुरू – सोलापुर खंड पर रो-रो रेल सेवाएं भारतीय रेलवे में मात्र निजी तौर पर संचालित RORO ट्रेन सेवाएं होंगी.

RORO क्या है?

  1. रोल ऑन रोल ऑफ़ (Roll on Roll off- RORO) विभिन्न वस्तुओं से भरे सड़क वाहनों को खुले समतल रेलवे वैगनों पर ले जाने की एक अवधारणा है.
  2. रो-रो सेवाएँ इस अर्थ में सड़क और रेल परिवहन की सर्वोत्तम विशेषताओं का संयोजन हैं कि वे बड़े और प्रत्यक्ष रेल लिंक द्वारा न्यूनतम हैंडलिंग के साथ घर-घर सेवाएँ प्रदान करती हैं.

RO-RO के लाभ

रो-रो सेवा एक मल्टीमॉडल डिलीवरी मॉडल है, तथा इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं :-

  1. माल और आवश्यक वस्तुएँ लाने-ले जाने की तीव्र गतिविधि, शहरों के बीच सड़कों पर जाम के कारणट्रकों का गंतव्य तक पहुंचने में लगने वाले समय को कम करता है.
  2. सड़कों पर भीड़ को कम करता है.
  3. कीमती ईंधन बचाता है.
  4. कार्बन उत्सर्जन को घटाता है.
  5. ट्रक के चालक दल के लिए राहत क्योंकि यह लंबी दूरी की ड्राइविंग से बचाता है.
  6. चेक पोस्ट / टोल गेट आदि का कोई झंझट नहीं.
  7. वर्तमान मानक पर रोडवेज और रेलवे-इंटर-मोडल परिवहन के बीच निर्बाध अंतर-संचालन.
  8. आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना.
  9. किसानों को उनकी उपज के लिए सही बाजार और सही मूल्य को सुनिश्चित करता है.
  10. वस्तुओं की कमी वाले और अधिकता वाले बाज़ारों को आपस में जोड़ता है और दोनों में संतुलन बनाए रखता है.

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Baltic Nations :-

  • ज्ञातव्य है कि यूरोप में स्थित लिथुएनिया, लेतविया और एस्टोनिया को बाल्टिक देश कहा जाता है क्योंकि ये तीनों बाल्टिक सागर के किनारे-किनारे अवस्थित हैं.
  • ये देश यूरोपीय संघ, नाटो, यूरो जोन और OECD के सदस्य हैं.
  • इन देशों की अर्थव्यवस्था ऊँची आय वाली है और इनका स्थान मानव विकास सूचकांक के हिसाब से बहुत ऊँचा है.

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