आपका ज्यादा समय नहीं लूँगा. पर बहुत दिनों से आपसे कुछ कहा नहीं है, न आपकी मैंने सुनी है. आज कहना जरूरी समझ रहा हूँ.
क्या आप जानते हैं कि मैंने इस ब्लॉग की शुरुआत किन परिस्थितियों में की थी और कब की थी? जो हमारे पुराने सब्सक्राइबर हैं वो तो जानते ही होंगे और जो नए हैं वे शायद नहीं जानते होंगे. मैं भी आपके तरह ही एक छात्र था और यहाँ पर अपने ही नोट्स अपलोड करता था.
पहले यह ब्लॉग इंग्लिश में हुआ करती थी किसी दूसरे नाम से. फिर मैंने 2015 में इस ब्लॉग की शुरुआत की.
उस समय यही टॉपिक लिखता था कि –
आदि…
धीरे-धीरे मैं कुछ सामाजिक कार्यों में व्यस्त होता चला गया और इस ब्लॉग पर बहुत कम लिखने लगा.
आज की तिथि में मैं करंट अफेयर्स और कुछ कंटेंट अपलोड किये जा रहा हूँ…कई सालों से यही कर रहा हूँ.
पर अब वो बात नहीं रही…जो पहले के ब्लॉग में हुआ करती थी. पहले मैं आपसे दिल की बात कर पाता था जो इस ब्लॉग के लिए आत्मा थी.
आप भी ढेरों कमेंट किया करते थे और मुझसे परीक्षा की टिप्स एंड ट्रिक्स पूछा करते थे और मैं यथासंभव आपके हर कमेंट का जवाब देता था.
और आज क्या? आज मैं एक रोबोट बन चुका हूँ. करंट अफेयर्स को डेली अपलोड करना मैं अपनी ड्यूटी समझ बैठा हूँ. एक दिन भी विलम्ब हो जाए तो बैचैन हो जाता हूँ कि छात्र मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे. 2017 से Sansar DCA लगातार डाले जा रहा हूँ. ऐसा लगता है कि मैं इंसान से कोई कृत्रिम बुद्धि का अंग बन चुका हूँ जो स्वतः काम करता है और PDF आदान-प्रदान करता है.
मेरा प्रयास निरर्थक नहीं है. हजारों छात्र मेरे बनाए PDF मटेरियल को डाउनलोड और खरीदते हैं. शायद मैं उनके काम ही आ रहा हूँ..पर मेरा क्या?
मैं कोई संस्थान नहीं हूँ. मैं इंसान हूँ. कई छात्र संसार लोचन को किसी पत्रिका का नाम समझ बैठते हैं…या कई लोग समझते हैं कि संसार लोचन नाम का कोई संस्थान है जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराता है.
मेरे पास भी हृदय है और मैं आपकी पीड़ा समझता हूँ. परीक्षा में आपको सफलता प्राप्त हो उसके लिए हर संभव प्रयास करना चाहता हूँ इसलिए तो इतिहास, भूगोल आदि के हज़ारों आर्टिकल मैंने लिख डाले.
मैं नहीं चाहता कि आप परीक्षा को लेकर स्ट्रेस लें. मैं नहीं चाहता कि आप बार-बार विफल हों. मैं नहीं चाहता कि आप कोचिंग क्लास में लाखों-लाखों खर्च करो और बदले में आपको विफलता मिले.
मेरे अन्दर कहने के लिए बहुत कुछ है. मैं आपकी हर तरह से मदद कर सकता हूँ और करना चाहता भी हूँ. मैं दिखलाता नहीं और न ही मैं शो-ऑफ़ करने में विश्वास रखता हूँ. ऐसे कई सफल छात्र हैं, कई हिंदी माध्यम के IAS हैं जो मुझे आज भी धन्यवाद करते हैं, बस इसलिए कि मैंने उन्हें थोड़ी-बहुत गाइडेंस दी. सच तो यह है कि उन्हें पूर्ण रूप से पढ़ाया भी नहीं मैंने. पर मैंने उनकी तैयारी के प्रारम्भिक दिनों में ऐसे सुझाव दिए जो उनके लिए अमृततुल्य थे (ऐसा वे कहते हैं, मैं नहीं).
आज की तिथि में मेरे ब्लॉग पर इतनी ट्रैफिक है जो बड़े-बड़े संस्थानों की वेबसाइट के पास भी नहीं है. ओह! क्षमा कीजिए. मुँह मियाँ मिट्ठू बन गया!
खैर! बस इतना कहना चाहता हूँ कि आप मुझसे बात करें. आप हैं…तो मैं हूँ. आप अपनी तकलीफ मुझे बताएँ. मैं एक अच्छा स्पीकर हूँ. मुझे अध्ययन, अन्वेषण और चिंतन में गहरी रूचि है. मैं आपकी हर तरह से मदद कर सकता हूँ. आप मुझसे खुल कर सवाल पूछें.
मैं इस ब्लॉग को फिर उसी तरह बनाना चाहता हूँ जैसा यह पहले था. जहाँ मैं आपसे खुल कर बात करता था. नए-नए छात्र हमसे रोजाना जुड़ते थे. घबराइये मत…मैं किसी भी सेवा को बंद नहीं करने वाला. इस साल कोशिश यह है कि मुझे लोग चेहरे से भी पहचानें. लोग यह जानें कि मैं कोई संस्थान नहीं हूँ, मैं इंसान हूँ. मैं कोई करंट अफेयर्स का जनरेटर बन कर नहीं रहना चाहता. असली उपलब्धि तो मेरी तब होगी जब मैं आपको व्यक्तिगत रूप से पहचानूँ. आपको मैं जानूँ और आप मुझे. तभी तो आप कहाँ गलत कर रहे हो कहाँ सही, यह जान सकूँगा.
इस प्रकार से रोजाना कंटेंट अपलोड कर के मैं भले ही आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहा हूँ मगर आपसे दूरी मेरी बढ़ती जा रही है. कुछ इसी तरह से रोज लिखना चाहता हूँ. आपको सफलता के शिखर पर देखना चाहता हूँ और एक शिक्षक के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं कि उसका कोई छात्र ऐसे स्थान पर पहुँच जाए जहाँ शिक्षक को भी सर उठा कर बात करनी पड़े.
जय हिन्द!