Sansar डेली करंट अफेयर्स, 17 June 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 17 June 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Parliament and State Legislatures – structure, functioning, conduct of business, powers & privileges and issues arising out of these.

Topic : Public Accounts Committee- PAC

संदर्भ

संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee- PAC) द्वारा अगले वर्ष के लिए अपना एजेंडा निर्धारित कर लिया गया है.

  1. आम सहमति नहीं बन पाने के चलते, ‘वैक्सीन उत्पादन और वितरण’विषय को लोक लेखा समिति के, इस वर्ष के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया था.
  2. समिति के नियमों के अनुसार, जब तक किसी विषय पर, सभी सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं होती है, उस विषय पर विचार-विमर्श नहीं किया जा सकता.

भारतीय संसद की प्रमुख स्थायी समितियाँ निम्नलिखित हैं – 

लोक लेखा समिति (THE PUBLIC ACCOUNTS COMMITTEE)

लोक लेखा समिति, सदन की समितियों में सबसे पुरानी समिति है. पहली बार लोक लेखा समिति का गठन वर्ष 1921 में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के मद्देनजर किया गया था.

इस समिति का कार्य सरकार के सभी वित्तीय लेन-देन सम्बन्धी विषयों की जांच करना है. समिति में 22 सदस्य होते हैं, जिनमें 15 सदस्य लोकसभा से और 7 सदस्य राज्यसभा से होते हैं. समिति का कार्यकाल 1 वर्ष है और कोई मंत्री इस समिति का सदस्य नहीं होता है. इस समिति की सिफारिशों ने देश के वित्तीय प्रशासन को सुधारने में बहुत अधिक योगदान किया है.

याचिका समिति (THE COMMITTEE ON PETITIONS)

इस समिति में कम से कम 15 सदस्य होते हैं. लोकसभा अध्यक्ष समिति के सदस्यों का नाम-निर्देशन करता है और समिति का कार्यकाल एक वर्ष है. जनता द्वारा सदन के सम्मुख सामान्य हित से सम्बंधित जो याचिकाएँ प्रस्तुत की जाती हैं यह समिति उन याचिकाओं पर विचार कर सदन के सामने रिपोर्ट देती है.

प्राक्कलन समिति (ESTIMATES COMMITTEE)

प्राक्कलन समिति कार्य भी शासन पर वित्तीय नियंत्रण करना है. इस समिति का कार्य विभिन्न विभागों के वित्तीय अनुमानों की जांच करना है और यह फिजूलखर्ची रोकने (to stop wasteful expenditure) के लिए सुझाव देती है. इसकी नियुक्ति प्रति वर्ष प्रथम सत्र के प्रारम्भ में की जाती है. समिति में लोकसभा के 30 सदस्य होते हैं और इसका कार्यकाल 1 वर्ष होता है. कोई मंत्री इसका सदस्य नहीं होता है.

विशेषाधिकार समिति (THE COMMITTEE OF PRIVILEGES)

इस समिति का कार्य सदन और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों की रक्षा करना है. इस उद्देश्य से यह समिति विशेषाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच करती है. इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिन्हें सदन का अध्यक्ष मनोनीत करता है.

सरकारी आश्वासन समिति (THE COMMITTEE ON GOVT. ASSURANCES)

शासन और मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा समय-समय पर जो आश्वासन दिए जाते हैं, इन आश्वासनों को किस सीमा तक पूरा किया जाता है, इस बात की जाँच यह समिति करती है. इस समिति का कार्य सदन की प्रक्रिया तथा उसके कार्य-संचालन के नियमों पर विचार करना तथा आवश्यकतानुसार उनमें संशोधन की सिफारिश करना है.

सदन में अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों सम्बन्धी समिति (THE COMMITTEE ON ABSENCE OF MEMBERS FROM SITTING OF THE HOUSE)

यदि कोई सदस्य सदन की बैठक से 60 या उससे अधिक दिनों तक सदन की अनुमति के बिना अनुपस्थित रहता है, तो उसका मामला समिति के पास विचार के लिए भेजा जाता है. समिति को अधिकार है की सम्बंधित सदस्य की सदस्यता समाप्त कर दे अथवा अनुपस्थिति माफ़ कर दे. इस समिति में 15 सदस्य होते हैं, जिन्हें अध्यक्ष एक वर्ष के लिए मनोनीत करता है.

और अधिक जानकारी के लिए पढ़ेंस्थायी समिति


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : WHO Global Tuberculosis Programme

संदर्भ

हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक क्षय रोग कार्यक्रम (WHO Global Tuberculosis Programme) द्वारा क्षय रोग रोकथाम में तेजी लाने हेतु वैश्विक अभियान’ (Global Drive to Scale up TB Prevention) पर आभासी प्रारूप में एक उच्चस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था.

इस विशेष उच्चस्तरीय आयोजन का उद्देश्य, टीबी निवारक उपचार पर संयुक्त राष्ट्र उच्चस्तरीय बैठक के लक्ष्य 2022 को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए देश और वैश्विक स्तर पर टीबी रोकथाम की रणनीतियों को तेज करने हेतु आवश्यक कार्रवाईयों पर चर्चा करना था.

तपेदिक क्या है?

  • यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, साधारणतः माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों के कारणों से होती है.
  • क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं.
  • यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं.

चिंता का विषय

  • पिछले दशकों में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद टीबी विश्वभर में मृत्यु के शीर्ष दस कारणों में से एक है. वैश्विक स्तर पर टीबी के कारण अनुमानित 3 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई तथा वर्ष 2017 में 9.0–11.1 मिलियन लोगों में टीबी रोग विकसित हुआ. वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट, वर्ष 2018 के अनुसार भारत में वर्ष 2017 के दौरान विश्व टीबी के मामलों की भागीदारी 27% है.
  • तपेदिक (टीबी) बैक्टीरिया (मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होने वाला एक संचारी (संक्रामक) रोग है, जो कि फेफड़ो को प्रभावित करता है, लेकिन यह अन्य हिस्सों (एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी/इतर फुफ्फुसीय तपेदिक) को भी प्रभावित करता है. तपेदिक उपचार और निवारण योग्य है.

संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (REVISED NATIONAL TUBERCULOSIS CONTROL PROGRAMME – RNTCP)

  • RNTCP देश में टीबी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का एक कार्यक्रम है. इसमें वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन की ओर बढ़ने के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना वर्ष 2017-2025 (नेशनल स्ट्रेटेजिक प्लान 2017-2025) के अंतर्गतपता लगाना (डिटेक्ट)- उपचार (ट्रीट)- रोकथाम (प्रिवेंट)– निर्माण (बिल्ड)” (डीटीपीबी)के चार रणनीतिक स्तंभों का एकीकरण किया गया है.
  • वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए आह्वान किया गया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) से पांच वर्ष पहले प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है.

RNTCP के पहल

  • निजी क्षेत्रों की भागीदारी –निजी स्वास्थ्य प्रदाता (प्राइवेट हेल्थ प्रोवाइडर इंगेजमेंट) को रोग का पता लगाने एवं टीबी के रोगियों का उपचार करने में शामिल किया गया है.
  • सक्रिय टीबी के मामलों की खोज (एसीएफ) –वर्ष 2017 में उच्च जोखिम वाली जनसंख्या में एसीएफ के तीन चरणों के माध्यम से टीबी रोगियों का पता लगाया गया था.
  • दैनिक उपचार पद्यति –दवा के बोझ को कम करने के लिए निश्चित दवा संयोजक की शुरुआत की गयी.
  • सार्वभौमिक दवा संवेदनशीलता परीक्षण –पर्याप्त उपचार के लिए सभी टीबी रोगियों में दवा प्रतिरोधिकता की जांच.
  • नयी दवा की शुरूआत –बेडाकूलाइन एवं डेलामिनिड जैसी नई विकसित दवाओं की शुरुआत को सात राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में की गयी.
  • पोषण सहयोग –सभी टीबी रोगियों को टीबी उपचार की अवधि के दौरान पोषण संबंधी सहायता के लिए प्रति माह 500 रुपये प्रदान किए जाते है.
  • डिज़िटल पहल –निक्षय, 99 डॉट्स, निक्षय औषधि.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

विश्व टीबी दिवस :-

विश्व टीबी दिवस या विश्व तपेदिक दिवस या विश्व क्षयरोग दिवस या विश्व यक्ष्मा दिवस’ वैश्विक तपेदिक महामारी समाप्त करने तथा तपेदिक (टीबी) के स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता प्रसारित करने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है. डॉ॰ रॉबर्ट कॉख ने इस दिन वर्ष 1882 में टीबी के जीवाणु की खोज की थी, जिसके कारण टीबी होता है.

Molecular mechanism behind latent TB :–

  • कलकत्ता के वैज्ञानिकों ने उस आणविक तन्त्र का पता लगाया है जिसके कारण गुप्त तपेदिक होती है.
  • उन्होंने बताया है कि मानव शरीर के भीतर तपेदिक बैक्टीरिया का एक भंडार होता है जहाँ से उनका स्राव होता है.
  • खोज में पता चला है कि जोमैक्रोफेज नामक सूक्ष्म जीवाणु बैक्टीरिया, वायरस, फंफूद, परजीवियों आदि से शरीर की रक्षा करते हैं, वही तपेदिक की बैक्टीरिया को मारने के बजाय उनके चारों ओर एक थैली बना देते हैं जिसको ग्रेन्यूलोमा कहते हैं.
  • इस प्रकार तपेदिक का बैक्टीरिया एक जगह बंध जाता है और कुछ नहीं कर पाता है. परन्तु कई दशकों के बाद ऐसा हो सकता है कि यह थैली टूट जाए और तपेदिक के बैक्टीरिया बाहर आकर शरीर को बीमार कर दे.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : ASEAN Defence Ministers’ Meeting Plus

संदर्भ

हाल ही में, आठवीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी. इस वर्ष ADMM-Plus फोरम की अध्यक्षता ब्रुनेई कर रहा है. ब्रुनेई, इस वर्ष आसियान समूह का अध्यक्ष भी है.

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 ADMM-PLUS क्या है?

  • ADMM-Plus का पूरा नाम है – ASEAN Defence Ministers’ Meeting Plus
  • ADMM-Plus की स्थापना के लिए सिंगापुर में 2007 में सम्पन्न ADMM की दूसरी बैठक में अवधारणा पत्र अंगीकृत किया गया था.
  • ADMM-Plus वह रक्षा मामलों से सम्बंधित मंच है जो क्षेत्रीय सुरक्षा से सम्बन्धित हैं. इसके माध्यम से आसियान देशों और उनके आठ संवाद भागीदारों के बीच सामरिक संवाद एवं व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है.
  • इसका पहला सम्मेलन 2010 में वियतनाम की राजधानी हनोई में हुआ था. उस सम्मलेन में रक्षा मंत्रियों ने आपस में व्यवहारिक सहयोग के लिए पाँच विषयों पर सहमति दी थी. ये विषय हैं – सामुद्रिक सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, शान्ति बनाए रखने की कारर्वाइयाँ, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत तथा सैन्य औषधियाँ.
  • 2013 में इस सूची में एक नया क्षेत्र भी जोड़ा गया जो है – मानवीयता पर आधारित खदान सुरक्षा.

उद्देश्य

  • यह देखते हुए भी कि अलग-अलग आसियान देशों की अपनी-अपनी क्षमता है, ADMM –Plus आसियान देशों को लाभ पहुँचाने और साझा सुरक्षा चुनौतियों से निबटने के लिए क्षमता वर्धन का काम करता है.
  • आसियान देशों के रक्षा स्थापनाओं के बीच पारस्परिक विश्वास और भरोसा बढ़ाने के लिए संवाद और पारदर्शिता पर बल देना.
  • क्षेत्र के समक्ष उपस्थित अंतर्देशीय सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए रक्षा और सुरक्षा में सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता को बढ़ावा देना.
  • बाली समझौता 2 में वर्णित क्षेत्र में शान्ति, स्थिरता व लोकतंत्र और समृद्धि विषयक आसियान की आकांक्षा को देखते हुए आसियान सुरक्षा समुदाय को साकार करने में योगदान करना.
  • शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध आसियान बनाने तथा संवाद भागीदारों एवं अन्य मित्रों के साथ बाह्य सम्बन्धों की अग्रगामी रणनीतियाँ अंगीकृत करने के लिए Vientiane Action Programme का कार्यान्वयन करने में सहायता करना.

GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Infrastructure.

Topic : Chennai–Kanyakumari Industrial Corridor- CKIC

संदर्भ

हाल ही में, एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारत सरकार के मध्य तमिलनाडु के ‘चेन्नई-कन्याकुमारी औद्योगिक गलियारे’ (Chennai–Kanyakumari Industrial Corridor- CKIC) में परिवहन कनेक्टिविटी सुधार और औद्योगिक विकास को सुगम बनाने हेतु लिए 484 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

CKIC, भारत के ‘पूर्वी तट आर्थिक गलियारे’ (East Coast Economic Corridor- ECEC) का हिस्सा है, जोकि पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु तक विस्तारित है.

औद्योगिक गलियारा’ क्या होता है?

  1. औद्योगिक गलियारा (Industrial Corridor), मूल रूप से, मुख्य मार्ग के रूप में राज्यों से होकर गुजरने वाला मल्टी मॉडल परिवहन सेवाओं से युक्त गलियारा होता है.
  2. सरल शब्दों में कहा जाए तो औद्योगिक गलियारा मूल रूप से मल्टी-मॉडल परिवहन सेवाओं से युक्त गलियारा होता है, जो कि विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए दो विशिष्ट स्थानों को जोड़ता है.
  3. औद्योगिक गलियारे, उद्योग और अवसंरचनाओं के मध्य प्रभावी समेकन उपलब्ध कराते हैं, जिससे समग्र रूप से आर्थिक और सामाजिक विकास में वृद्धि होती है.
  4. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं और औद्योगिक गलियारे इस परस्पर-निर्भरता के लिये उद्योग एवं बुनियादी ढाँचे के बीच प्रभावी एकीकरण सुनिश्चित करते हैं, ताकि समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास हो सके.

औद्योगिक गलियारों में विश्व स्तरीय अवसंरचनाओं का निर्माण किया जाता हैयथा:

  1. द्रुतगति परिवहन नेटवर्क – रेल और सड़क.
  2. अत्याधुनिक कार्गो हैंडलिंग उपकरणों सहित बंदरगाह.
  3. आधुनिक हवाई अड्डे.
  4. विशेष आर्थिक क्षेत्र / औद्योगिक क्षेत्र.
  5. लॉजिस्टिक पार्क / ट्रांसशिपमेंट हब.
  6. औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉलेज पार्क.
  7. टाउनशिप / रियल एस्टेट जैसी पूरक अवसंरचनाएं.

Prelims Vishesh

Wholesale Price Index :-

  • WPI के संशोधन के लिए कार्य समूह (रमेश चंद की अध्यक्षता में) ने एक नया आधार वर्ष 2017-18 (वर्तमान 2011-12) निर्धारित करने और बास्केट में शामिल मदों को दोगुना कर 1,196 (वर्तमान में 692 वस्तुओं से) करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है.
  • थोक स्तर पर सामानों की कीमतों का आकलन करने के लिए थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index-WPI) का प्रयोग किया जाता है. दरअसल थोक मूल्य सूचकांक भारत में व्यापारियों द्वारा थोक(Wholesale) में बेचे गए सामानों की कीमतों में परिवर्तन को मापता है.

Study maps Vidarbha tiger corridors :-

  • अपनी तरह की प्रथम परियोजना में, बाघों द्वारा उपयोग किए जाने वाले गलियारों की पहचान करने के लिए रेडियो टेलीमेट्री को परिनियोजित किया गया है.
  • यह परियोजना वर्ष 2017 व वर्ष 2020 के बीच महाराष्ट्र वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा कार्यान्वित की गई थी.
  • अध्ययन से संकेत मिलता है कि बाघ पहले से ही ज्ञात क्षेत्रों की तुलना में संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बहुत व्यापक क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं.

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