Sansar Daily Current Affairs, 05 January 2018
GS Paper 3:
Topic: The Negotiable Instruments (Amendment) Bill, 2017
- हाल ही में लोकसभा में यह विधेयक पेश किया गया था.
- यह बिल Negotiable Instruments Act, 1881 में संशोधन करना चाहता है.
- Negotiable instrument एक ऐसा दस्तावेज है जो निर्दिष्ट व्यक्ति को भुगतान करने का वादा करता है जैसे चेक.
- इस अधिनियम के अनुसार negotiable instrument के अन्दर हुंडी (promissory notes), विनिमय बिल (bills of exchange) और चेक आते हैं.
- इसमें चेक के बाउंस होने तथा negotiable instruments के नियमों के उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान किया गया है.
GS Paper 3:
Topic: जोजिला सुरंग
- यह जम्मू और कश्मीर की एक आगामी परियोजना है जिसका लक्ष्य है कि श्रीनगर, करगिल और लेह के बीच सभी मौसम में आवागमन बना रहे.
- इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की समिति द्वारा मंजूरी मिली है.
- हिमस्खलन के खतरे के कारण लेह में अक्सर आवागमन बाधित हो जाता है. Zojila tunnel के माध्यम से आना-जाना आसान हो जायेगा.
- यह परियोजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRT&H) द्वारा निष्पादित की जाएगी.
GS Paper 3:
Topic: नया बचत बांड
- केंद्र ने हाल ही में नए बचत बांड (saving bond) की शुरूआत करने की घोषणा की है.
- यह सात साल के बाद भुनाने योग्य होगा.
- इसमें प्रतिवर्ष 7.75% सूद (interest) मिलेगा पर इस सूद का भुगतान 6-6 महीने पर होगा.
- बाजार में इसका लेन-देन नहीं हो सकता.
- इसको लोन के लिए बैंक में गिरवी के रूप में नहीं रखा जा सकता है.
- बांड पर जो ब्याज मिलेगा उसमें आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कर लगाया जायेगा.
- इस बांड पर संपत्ति कर अधिनियम, 1957 के तहत संपत्ति कर (wealth tax) नहीं लगेगा.
- NRI इन बांड्स पर निवेश नहीं कर सकते हैं.
GS Paper 3:
Topic: नो डेवलपमेंट जोन
- गंगा नदी प्राधिकरण आदेश 2016 के अनुसार गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों के तट अथवा वह क्षेत्र जहाँ तक ये नदियाँ बाढ़ के समय पहुँच जाती हैं, निर्माण कार्य से मुक्त होगा.
- प्रतिबंधित निर्माण कार्य में ये सब कार्य भी आते हैं – आवासों का निर्माण, औद्योगक निर्माण, व्यावसायिक निर्माण आदि.
- National Green Tribunal ने आदेश दिया है कि हरिद्वार से उन्नाव तक गंगा नदी के बाढ़ क्षेत्र का पता लगाया जाए और उसको चिन्हित कर दिया जाए ताकि वहां निर्माण कार्य रोका जा सके.
- नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल एक संवैधानिक संस्था है.
- इसके दायरे में देश में लागू पर्यावरण, जल, जंगल, वायु और जैवविवधता के सभी नियम-कानून आते हैं.
- नदी तटों के 100 मीटर तक कोई भी निर्माण-कार्य प्रतिबंधित होगा.
- भारत के जल संसाधन मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को इस विषय से सम्बन्धित कानून बनाने को कहा है पर अभी तक केवल उत्तराखंड, राजस्थान और मणिपुर ही कानून बना सके हैं.
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