Sansar Daily Current Affairs, 09 July 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Gujarat government grants religious minority status to Jews
- गुजरात सरकार ने राज्य में रहने वाले यहूदियों को धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दिया है.
- इस फैसले के उपरान्त यहूदी समुदाय के लोगों को राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे.
- इस प्रकार गुजरात यहूदियों को धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा प्रदान करने वालापश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के बाद तीसरा राज्य बन गया है.
- ज्ञातव्य है कि यहूदियों के लिए दिल्ली में स्थित Synagogue Judah Hyam Hall पूजा हेतु एकमात्र स्थान है.
- भारत में केंद्र सरकार द्वारा छह धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया है, वे समुदाय हैं – मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन.
- भारतीय संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का विवरण धारा 29 से लेकर 30 तक और 350A से लेकर 350B तक वर्णित है. इसकी परिभाषा कहीं भी नहीं दी गई है.
- भारतीय संविधान की धारा 29 में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का अभिप्राय जनसंख्या के उस भाग से है जिसकी भाषा, लिपि अथवा संस्कृति अलग हो.
- भारतीय संविधान की धारा-30 के अंतर्गत अल्पसंख्यकों को दो श्रेणियों में बाँटा गया है – धार्मिक और भाषाई.
- अन्य दो धाराएँ – 350A और 350B सिर्फ भाषायी अल्पसंख्यकों से ही संबंधित हैं.
यहूदी कौन हैं?
- यहूदी धर्म का उदय 3500 साल पूर्व मध्य पूर्व (Middle east) में हुआ था.
- यहूदी धर्म की स्थापना मूसा (Moses) ने की थी, हालाँकि यहूदी अपने इतिहास को और पीछे लेजाकर स्वयं को अब्राहम से जोड़ते हैं.
- यहूदी केवल एक ही भगवान को मानते हैं.
- यहूदी धर्म में धार्मिक दस्तावेजों का समृद्ध इतिहास है लेकिन उनका सबसे महत्त्वपूर्ण धार्मिक दस्तावेज तोरा (Torah) है.
- तोरा में दिए गए नियमों की व्याख्या को Halakhah कहा जाता है.
- वे हिब्रू पंचांग का पालन करते हैं.
- उनके द्वारा मनाये जाने वाले एक समारोह का नाम है – Eliyahoo-ha-Nabiore.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : ‘Institutions of Eminence’
1. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 6 शैक्षणिक संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान (Institutions of Eminence) का दर्जा दिया है जिनमें से 3 संस्थान सार्वजनिक क्षेत्र के हैं और 3 संस्थान निजी क्षेत्र के हैं.
2. चयनित संस्थान निम्नलिखित हैं: –
सार्वजनिक क्षेत्र: (i) भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, कर्नाटक; (ii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे, महाराष्ट्र; और (iii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली.
निजी क्षेत्र: (i) जियो इंस्टीट्यूट (रिलायंस फाउंडेशन), पुणे; (ii) बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज, पिलानी, राजस्थान; और (iii) मणिपाल अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल, कर्नाटक.
3. ‘उत्कृष्ट संस्थान’ के रूप में चुने गए प्रत्येक ‘सार्वजनिक संस्थान’ को पाँच साल की अवधि में 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी. निजी संस्थानों को यह वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी.
4. इन संस्थानों को विदेशी छात्रों को प्रवेश देने के लिए, विदेशी अध्यापकों को भर्ती करने के सन्दर्भ में अधिक स्वायत्तता प्रदान की जाएगी.
5. उन्हें UGC की अनुमति के बिना शीर्ष 500 विश्व-संस्थानों के साथ अकादमिक सहयोग करने की भी अनुमति प्रदान की जायेगी.
6. ज्ञातव्य है कि भारत में उच्च शिक्षा के 20 संस्थानों का चयन कर उन्हें विश्व-स्तरीय संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए एन गोपालस्वामी समिति गठित की गई थी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Global Housing Construction Technology Challenge
- केंद्रीय आवास मंत्रालय ‘ग्लोबल हाउसिंग कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी चैलेंज’ की शुरुआत करने जा रहा है.
- विदित हो कि सरकार ने इस चैलेंज के तहत दुनियाभर की निर्माण कंपनियों को अपनी निर्माण तकनीक का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया है.
- इसका मकसद प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत भारत में शहरी गरीबों के लिए किफायती और टिकाऊ आवासों का निर्माण करना एवं न्यूनतम लागत और न्यूनतम अवधि में गृह निर्माण की तकनीकों का प्रयोग करना है.
- इस चैलेंज का आयोजन पूरे देश में विभिन्न भौगोलिक शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा जिसमें पहाड़ी, सतही, या भूकंप-प्रवण जैसे विभिन्न इलाके शामिल हैं.
- ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मंत्रालय का लक्ष्य 1.2 करोड़ आवासों का निर्माण करना है ताकि 2022 तक सभी शहरी गरीबों को घर उपलब्ध कराया जा सके.
- इस योजना के तहत सरकार आवास ऋण पर 6.5% की ब्याज-सब्सिडी प्रदान कर रही है जिसका लाभ लाभार्थियों द्वारा ऋण की तारीख से 15 साल तक के लिए उठाया जा सकता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Asian Development Bank (ADB)
- बिहार राज्य को जल आपूर्ति के लिए केंद्र और एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 84 मिलियन डॉलर ऋण प्रदान करने की मंजूरी दी है.
- इससे राज्य के भागलपुर एवं गया शहरों की जल आपूर्ति की दशा में सुधार आएगा.
- ज्ञातव्य है कि एशियाई विकास बैंक (ADB) की स्थापना 1966 को एशियाई देशों को आर्थिक सहयोग देने हेतु एक वित्तीय संस्था के रूप में हुई थी.
- ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है.
- एशियाई विकास बैंक में 67 सदस्य देश शामिल हैं जिसमें 48 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं और और बाकी बाहर से हैं.
- ADB को विश्व बैंक की तर्ज पर ही तैयार किया गया था.
- इसमें विश्व बैंक की तरह ही वोटिंग में weightage की प्रणाली है अर्थात् जो देश बैंक को जितनी पूँजी देता है, उसके वोट का महत्त्व उतना ही होता है.
- ADB विश्व पूँजी बाजार में निर्गत बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया करता है. यह अपने सदस्य देशों द्वारा किये गये आर्थिक योगदान, उधार से हुई कमाई एवं ऋणों की वापसी से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है.
- इसमें प्रत्येक सदस्य राज्य से एक प्रतिनिधि होता है.
- बोर्ड ऑफ गवर्नर बैंक के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं.
- इस बैंक के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है और इसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है.
- परंपरागत रूप से अब तक नियुक्त अध्यक्ष सदैव जापान से ही रहे हैं और यह संभवतः इसलिए भी है क्योंकि जापान बैंक के सर्वाधिक बड़े शेयरधारकों में से है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Project Sashakt
- प्रोजेक्ट सशक्त” (‘Project Sashakt’) केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा आरम्भ की एक महात्वाकांक्षी परियोजना है.
- इस परियोजना का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks) की साख क्षमता में वृद्धि करना, ऋण प्रणाली को दुरुस्त करना एवं इनके क्रेडिट पोर्टफोलियो को बेहतर करना है.
- Project Sashakt का एक प्रमुख कार्य इन बैंकों की गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (NPAs) की समस्या का हल करना है.
- NPA क्या होता है? इसके बारे में अलग विंडो में पढ़ें >> NPA in Hindi
- “प्रोजेक्ट सशक्त” (‘Project Sashakt’) को लागू करने की सिफारिश तथा इसका खाका सुनील मेहता (Sunil Mehta) की अध्यक्षता वाली उस उच्च-स्तरीय समिति ने तैयार किया है जिसका गठन वित्त मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की समस्याग्रस्त परिसम्पत्तियों (stressed assets) के ढांचे में सुधार करने हेतु किया गया था.
- सुनील मेहता पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (Non-Executive Chairman) हैं तथा उनकी अध्यक्षता वाली इस समिति ने 1 जुलाई 2018 को अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को दी थी.
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