Sansar डेली करंट अफेयर्स, 23 July 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 23 July 2018


GS Paper 2 Source: PIB

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sabji haat bangladesh india border

Topic : Border Haats

  1. ज्ञातव्य है कि भारत और बांग्लादेश प्रत्येक सप्ताह में एक दिन सीमा पर हाट लगाते हैं.
  2. इस हाट में न केवल दैनिक उपयोग की वस्तुएँ बिकती हैं अपितु सीमा के दोनों ओर रह रहे परिवारों को मिलने का अवसर भी प्राप्त होता है.
  3. हाल ही में ऐसे सीमावर्ती हाटों के लिए गठित भारत-बांग्लादेश संयुक्त समिति की पहली बैठक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में संपन्न हुई.
  4. इस बैठक में चार चालू सीमावर्ती हाटों के विषय में विचार हुआ. पाया गया कि इन हाटों का लोगों की आजीविका पर अच्छा प्रभाव पड़ा.
  5. वर्तमान में जो चार सीमावर्ती हाट चल रहे हैं, उनमें दो मेघालय के कलईचार और बालत (Kalaichar and Balat) में तथा दो त्रिपुरा के श्रीनगर और कमलसागर में अवस्थित हैं.
  6. इन हाटों में लेन-देन का काम भारतीय रुपयों – बंगलादेशी टका में होता है.
  7. साथ ही सामग्रियों के आदान-प्रदान से भी भुगतान होता है. (barter system)
  8. प्रत्येक हाट के लिए एक हाट प्रबंधन समिति  होती है जो व्यवसाय का आँकड़ा संधारित करती है.
  9. इन सीमावर्ती हाटों में जिन सामग्रियों का व्यवसाय होता है वे हैं – सब्जी, खाद्य पदार्थ, फल, फल का रस, मसाले, गमछा, लुंगी, हल, कुल्हाड़ी, फावड़ा, खरूपी, कपड़े, बाँस, झाड़ू आदि.
  10. इन चार हाटों के अलावा छह और हाट के लिए दोनों सरकारों ने मंजूरी दे दी है.
  11. ये नए त्रिपुरा के पलबस्ती और कमलपुर तथा मेघालय के भोलागंज, नलीकटा, शिवबाड़ी और रिंकू में होंगे.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : ‘Rent-a-lab’ policy to bring revenues to institutions

  1. सरकार ने SRIMAN नामक एक नई नीति प्रस्तावित की है.
  2. SRIMAN का full form है – Scientific Research Infrastructure Management and Networks.
  3. इस नीति के तहत सरकार की योजना 10 लाख रु. से अधिक लागत वाले प्रयोगशाला उपकरणों को अनुसंधानकर्ताओं को किराए पर देना (rent-a-lab) है.
  4. इससे सम्बंधित संस्थानों को आर्थिक लाभ तो होगा ही, उनके महँगे उपकरण का सदुपयोग भी होगा.
  5. इस योजना के तहत सभी संस्थान वेबसाइट पर इस बात की जनकारी देंगे कि उनके उपकरण बाहरी विभागों अथवा विश्वविद्यालयों के लिए कब-कब उपलब्ध हो सकेंगे.
  6. उपयोगकर्ता इन उपकरणों, जैसे – DNA-sequencing machine, के लिए शुल्क देंगे और बतायेंगे कि वे इन्हें किस प्रयोजन से और कितने समय के लिए लेंगे.

इस नीति का प्रयोजन

अनुसंधान के लिए वांछित कई उपकरण करोड़ों रुपये में आते हैं, उदाहरणार्थ – रेडियो, टेलिस्कोप, पार्टिकल एक्सेलरेटर आदि. ये महँगे उपकरण भारतीय प्रयोगशालाओं में हमेशा प्रयोग में नहीं रहते हैं. साथ ही, इनके रख-रखाव और कलपुर्जों को लेकर समस्या रहती है. यदि इस योजना के तहत इसका पैसा देकर उपयोग हो जाए तो यह प्रयोगशाला के हित में बेहतर होगा.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : NASA’s ‘Remote Sensing Toolkit

  1. उपग्रहों में उपलब्ध डाटा (data) के व्यवसायिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए NASA ने रिमोट सेंसिंग टूलकिट नामक एक योजना बनाई है.
  2. रिमोट सेंसिंग टूलकिट एक सरल ऑनलाइन प्रणाली उपलब्ध कराता है जिससे विभिन्न उपग्रहों में उपलब्ध डाटा को प्राप्त करने, विश्लेषित करने और उनका उपयोग करने में अनुसंधानकर्ताओं को सुविधा होगी.
  3. साथ ही, व्यवसायिक परियोजनाओं और संरक्षणात्मक प्रयासों में भी इसका लाभ मिल सकेगा.
  4. विदित हो कि अपने अनेक भू-निरीक्षण उपग्रहों के माध्यम से NASA हर वर्ष ढेर सारा डाटा इकत्र करता है.
  5. संसार-भर के लाखों वैज्ञानिकों को इस डाटा तक पहुँचना और उसका उपयोग करना ज्ञात है. परन्तु कई व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए इस डाटा तक पहुँचना बहुत ही कठिन कार्य होता है.
  6. रिमोट सेंसिंग टूलकिट इसलिए बनाया गया है कि अधिक से अधिक व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं की पहुँच NASA के निःशुल्क एवं सर्वसुलभ डाटा तक हो सके.
  7. यह रिमोट सेंसिंग टूलकिट योजना का प्रबंधन NASA का अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अभियान निदेशालय (Space Technology Mission Directorate) करता है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : SAFAR (System of Air Quality and Weather Forecasting)

  1. भूविज्ञान मंत्रालय ने दिल्ली के चाँदनी चौक में सफ़र (SAFAR) नामक एक प्रणाली स्थापित की है जिसके द्वारा वायु की गुणवत्ता को मापा जाएगा और मौसम का पूर्वानुमान लगाया जायेगा.
  2. यह प्रणाली देश की अपने ढंग की सबसे उन्नत प्रणाली होगी.
  3. SAFAR का विकास पुणे स्थित IITM (Indian Institute of Tropical Meteorology) द्वारा स्वदेशी साधनों से किया गया है और इसको IMD (India Meteorological Department) कार्यान्वित करेगा.
  4. SAFAR का निर्माण देश के बड़े-बड़े शहरों में वायु की तात्क्षणिक गुणवत्ता (air quality in near real time) को बतलाने के लिए तथा इस विषय में एक से लेकर तीन दिन पहले अनुमान लगाने हेतु किया गया है.
  5. दिल्ली में स्थापित सफ़र प्रणाली तापमान, वर्षा, सौर विकिरण, आद्रता, वायु वेग तथा वायु दिशा जैसे मौसमी मानदंडों पर नजर रखेगी.
  6. यह जिन प्रदूषक तत्त्वों पर नजर रखेगी, वे हैं – PM1, PM2.5, PM10, Ozone, CO, NOx (NO, NO2), SO2, BC, Methane (CH4), Non-methane hydrocarbons (NMHC), VOC’s, Benzene, Mercury.
  7. SAFAR जो परिणाम देगा उसमें प्रदूषण की स्थिति को छ: श्रेणियों में दिखाया जायेगा, जैसे – अच्छा, संतोषजनक, थोड़ा-बहुत प्रदूषित, प्रदूषित, बहुत प्रदूषित और विकट रूप से प्रदूषित.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Pangolin

Topic : Odisha police launch drive to bust Pangolin smuggling racket

  1. ज्ञातव्य है कि Pangolin नामक जीव का अस्तित्व खतरे में है क्योंकि यह विश्व के सबसे बड़े तस्करी व्यापार का शिकार है.
  2. इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिकार हो रहा है.
  3. ओडिशा पालिस की एक विशेष इकाई ने Pangolin की तस्करी में लगे हुए एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह को छिन्न-भिन्न करने के लिए एक अभियान चलाया है.
  4. इस अभियान के लिए MLAT (Mutual Legal Assistance Treaty) का सहारा लिया जायेगा.
  5. विदित हो कि MLAT एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जिसके तहत विभिन्न देश तस्करी के विषय में एक-दूसरे को सूचना देते हैं अथवा कानूनी सहायता प्रदान करते हैं.
  6. Pangolin की तस्करी उसके चोइयों (scales) के लिए होता है क्योंकि लोग समझते हैं कि इनमें जादुई शक्ति एवं औषधीय गुण होते हैं.
  7. इसके अतिरिक्त इनका उपयोग पारम्परिक नशीले पदार्थ बनाने भी होता है.
  8. चीन में Pangolin की माँग सबसे अधिक है.
  9. Pangolin पृथ्वी का एकमात्र ऐसा स्तनपायी पशु है जिसके चोई होते हैं अर्थात् मछली के जैसे छोटे-छोटे कवक होते हैं.
  10. इस पशु को IUCN के द्वारा “घोर-संकटग्रस्त – critically endangered” श्रेणी में रखा गया है.

Prelims Vishesh

पौधागिरी योजना

हरयाणा सरकार ने “पौधागीरी” (“Paudhagiri”) नामक एक नए अभियान का शुभारंभ किया है जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में पेड़ों के फैलाव को विस्तृत करना है.

इस अभियान के अंतर्गत राज्य में स्थित सरकारी व निजी विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक के लगभग 22 लाख छात्रों ने 3 मानसूनी महीने- जुलाई, अगस्त व सितम्बर के दौरान एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है.

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