[no_toc] सामान्य अध्ययन पेपर – 2
आयुष्मान भारत – राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (AB – NHPS) के क्या उद्देश्य हैं? योजना को लागू करने में सरकार को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है? विवेचना करें. (250 words)
- अपने उत्तर में अंडर-लाइन करना है =Green
- आपके उत्तर को दूसरों से अलग और यूनिक बनाएगा = Yellow
यह सवाल क्यों?
यह सवाल UPSC GS Paper 2 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है –
“स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय.”
सवाल का मूलतत्त्व
उद्देश्य के विषय में लम्बा चौड़ा नहीं लिखें. आप मुख्य परीक्षा दे रहे हो इसलिए परीक्षक को यह पता है कि आप योजनाओं के विषय में बारीक-से-बारीक चीजें जानते हो इसलिए तो आपने प्रारम्भिक परीक्षा पास की है.
मुख्य परीक्षा में परीक्षक अलग होते हैं. उनके सोचने का दृष्टिकोण अलग होता है. इसलिए योजनाओं के हर detail को mention करने की जरुरत नहीं है. ऐसा करने पर काफी boring भी लगता है और वे ये सब portion को अक्सर skip कर देते हैं. ये सब जानकारियाँ आपके प्रारम्भिक परीक्षा तक ही ठीक लगती है. प्रश्न का दूसरा भाग ही इस प्रश्न की आत्मा है जिसको आपको विस्तार से लिखना है.
हाँ पर ऐसा नहीं है कि उद्देश्य के विषय में आप कुछ लिखे ही नहीं. उद्देश्य के विषय में एक-दो वाक्य पर्याप्त हैं.
उत्तर :-
आयुष्मान भारत या राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन का लक्ष्य सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना का आधार लेकर ग्रामीण गरीब एवं शहरी श्रमिक वर्ग के परिवारों को हर साल पाँच लाख रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है. सरकार ने इस योजना को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रु. की धनराशि को आवंटित किया है. जैसा कि हम जानते हैं कि भारत जैसे विकासशील देश में 10 करोड़ से अधिक परिवार ऐसे हैं जो स्वास्थ्य बीमा सुविधा से वंचित हैं.
चूँकि इस योजना के अंतर्गत देश की जनसंख्या के एक बड़े भाग को लाने की योजना है इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि गरीब या वंचित वर्ग का कोई भी व्यक्ति इस सुविधा से दूर न रह पाए. आज जरुरत इस बात को सुनिश्चित करने की है कि इस योजना का क्रियान्वयन कितनी ईमानदारी से होता है. चूँकि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव का न सिर्फ लोगों की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है. आयुष्मान योजना को लागू करने में सरकार को निम्नलिखित चुनौतियों को सामना करना पड़ सकता है –
(1) राज्य सरकारों के साथ समन्वय – आयुष्मान भारत योजना को राज्यों के सहयोग के बिना लागू करना असंभव प्रतीत होता है. योजना पर होने वाले व्यय पर राज्य की भी भागीदारी है. ज्ञातव्य है कि इस योजना में होने वाले खर्च का 60% हिस्सा केंद्र द्वारा तथा 40% हिस्सा राज्यों द्वारा वहन किया जाना है. दूसरी ओर, उत्तर पूर्वी एवं पर्वतीय राज्यों, जैसे – जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे पर्वतीय इलाकों में केंद्र की हिस्सेदारी 90% होगी. आयुष्मान योजना का सारा श्रेय केंद्र को ही प्राप्त होगा, ऐसे में केंद्र सरकार के समक्ष राज्यों की ओर से निर्विकार रूप से सहयोग प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती होगी.
(2) योजना पर खर्च – यह बीमा 10 करोड़ परिवारों या यूँ कहें कि लगभग 50 करोड़ लोगों के लिए है. ऐसी बड़ी बीमा पर अच्छी लागत आएगी. इसके अतिरिक्त बीमा कंपनी, निजी अस्पताल, चिकित्सक आदि को भी पैसे देने होंगे. इस प्रकार इस योजना की लागत अत्यंत बड़ी होगी. यदि लागत बढ़ेगी तो बीमा कंपनियों का प्रीमियम भी बढ़ेगा, जिसका प्रभाव अंततः अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के कोष पर ही पड़ेगा. इस लागत को कम से कम करना अपने आप में एक चुनौती होगी.
(3) निजी अस्पताल के साथ समझौता- आयुष्मान भारत योजना के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि निजी अस्पताल सरकार की इस योजना को लेकर अधिक उत्साहित नहीं हैं क्योंकि इतनी कम दर पर स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने में उनकी कोई ख़ास रूचि नहीं है. इसलिए सरकार को इन निजी अस्तपालों को मनाना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव अधिक है, ऐसी परिस्थिति में निजी संस्थानों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना होगा.
(4) प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करना – ज्ञातव्य है कि आयुष्मान योजना द्वितीय एवं तृतीय स्तर की स्वास्थ्य देखभाल से सम्बंधित बीमा योजना है. इस योजना की लागत को कम रखने हेतु यह आवश्यक है कि प्राथमिक स्तर पर ही लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल की सुविधा को सुदृढ़ बनाया जाए. ऐसा होने पर बीमा से जुड़े सरकारी और निजी अस्पतालों पर बोझ कम होगा. इसलिए सरकार के समक्ष यह चुनौती होगी कि वह प्राथमिक चिकित्सालयों में स्वास्थ्य की उत्तम से उत्तम सुविधा का प्रावधान किया जाए.
(5) बीमा आवेदकों को मार्गनिर्देश उपलब्ध कराना – भारत में जनसंख्या का एक बड़ा भाग अशिक्षित है. ऐसे में सरकार द्वारा लागू की गई कई योजनाओं का लाभ अशिक्षित वर्ग नहीं उठा पाते क्योंकि उन्हें योजनाओं का लाभ उठाने के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं होती. इसलिए सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि आयुष्मान योजनाओं को उन अशिक्षित वर्ग तक पहुँचाना जो इस योजना की लाभ, अर्हता एवं बीमा-प्रक्रिया के विषय में अवगत नहीं हैं. ऐसे में सरकार को प्रज्ञा केंद्र या गैर-सरकारी संगठनों को यह कार्यभार सौंपना पड़ेगा कि वे आयुष्मान योजना के विषय में अशिक्षित लोगों को अवगत कराएँ तथा पंजीकरण इत्यादि कार्यों में उनकी मदद करें.
अभ्यास प्रश्न (उत्तर कमेंट में दे सकते हैं या स्वयं लिखकर मूल्यांकन करें)
आयुष्मान योजना जैसी विशाल बीमा योजना के लिए सरकारी स्वास्थ्य तंत्र अपर्याप्त है, इसमें निजी अस्पतालों की एक बड़ी भूमिका होगी. विवेचना करें. (250 words)
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