Sansar डेली करंट अफेयर्स, 27 September 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 27 September 2018


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Supreme Court allows live streaming of cases

संदर्भ

सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी कार्यवाहियों के प्रत्यक्ष प्रसारण की अनुमति दे दी है. उसका कहना है कि ऐसा करने से न्यायालय के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की भावना आएगी.

प्रायोगिक परियोजना

  • सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि कार्यवाहियों के प्रसारण की योजना को धीरे-धीरे और अलग-अलग चरणों में लागू किया जाये जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इसके कारण न्याय के कार्य में हस्तक्षेप नहीं हो तथा साथ ही न्यायालय की गरिमा और मुकदमा करने वालों अथवा गवाहों के अधिकारों का अतिक्रमण न हो.
  • इसलिए न्यायालय का कहना है कि प्रायोगिक तौर पर आरम्भ में केवल सांविधानिक और राष्ट्रीय महत्त्व के उन मुकदमों का प्रसारण हो जिसमें सांविधानिक बेंच के सामने अंतिम सुनवाई हो रही हो. यह भी निर्देश दिया गया है कि इसके लिए सम्बंधित न्यायालय से लिखित में अग्रिम अनुमति प्राप्त कर ली जाए.
  • प्रत्यक्ष प्रसारण के लिए सम्बन्धित पक्षों की सहमति भी आवश्यक होगी और यदि इनकी सहमति नहीं मिले तो इस विषय में उचित निर्णय सम्बन्धित न्यायालय लेगा. इस न्यायालय के पास यह अधिकार होगा कि वह कार्यवाही के दुरान किसी भी समय प्रसारण की अनुमति वापस ले सकता है.
  • न्यायालय की कार्यवाही का प्रसारण पूर्णतया प्रत्यक्ष न हो, ऐसा न्यायालय का कहना है. न्यायालय के आदेश के अनुसार वास्तविक कारवाही और प्रसारण के बीच में उचित विलम्ब की अवधि (उदाहरणार्थ 10 मिनट) हो. इस विलम्ब का प्रावधान इसलिए किया जा रहा है कि यदि कोई सूचना दिखाने योग्य नहीं हो तो उसको सम्पादित करके प्रसारित होने से रोका जा सके.
  • जब तक सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाहियों के प्रत्यक्ष प्रसारण के लिए समुचित प्रणाली विकसित न हो तब तक यह प्रसारण न्यायालय के भीतर ही इंट्रा-नेट के माध्यम से विशिष्ट स्थानों पर किया जा सके.

आदेश का महत्त्व

  • सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश एक क्रांतिकारी घटना है जो न्याय को पारदर्शिता की ओर ले जाएगी.
  • प्रयत्क्ष प्रसारण से यह लाभ होगा कि जो वादी खर्च और दूरी के कारण सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पाते हैं और पूरी तरह अपने वकीलों पर उन्हें निर्भर रहना पड़ता है, उनको न्यायालय गए बिना यह पता चल जायेगा कि उनके मामले में क्या बहस चल रही है.
  • प्रत्यक्ष प्रसारण से यह लाभ भी होगा कि मामलों के निष्पादन में अवांछित विलम्ब नहीं होगा. यह बहुधा देखा जाता है कि वकील वाद के निष्पादन में ढिलाई से काम लेते हैं. यदि उन्हें पता रहेगा कि मुवक्किल (client) उनकी कारगुजारियों को देख रहे हैं तो वे अपना काम अधिक चुस्ती से करेंगे.
  • प्रसारण से नए-नए वकीलों को अपनी प्रतिभा सामने रखने में मिलेगी और चुनिंदे वकीलों की न्यायालय पर पकड़ ढीली हो सकती है.
  • प्रत्यक्ष प्रसारण का एक सकारात्मक प्रभाव न्यायाधीश पर भी पड़ सकता है क्योंकि बहुधा वे व्यर्थ की मौखिक टीका-टिप्पणी करने के आदि होते हैं जिनका वाद से कोई लेना-देना नहीं होता है और निरर्थक विवाद पैदा होता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Police forces in 6 UTs merged

संदर्भ

हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने छह केंद्र-शाषित क्षेत्रों के पुलिस बल को एक में मिलाने का निर्णय लिया है और इसके लिए एक अधिसूचना निर्गत कर दी है जिसका नाम है – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादर एवं नगर हवेली और चंडीगढ़ (पुलिस सेवा) नियम 2018.

बदलाव

  • इस अधिसूचना के अनुसार केंद्रशाषित क्षेत्रों में जिनकी IPS में सीधी बहाली नहीं भी हुई है, ऐसे पुलिस अधिकारीयों की तैनाती छह केंद्र-शाषित क्षेत्रों में कहीं भी हो सकती है.
  • ऐसे पुलिस अधिकारीयों के पतों की संख्या लगभग 533 है और इनमें सहायक पुलिस आयुक्त और उप-पुलिस अधीक्षक आते हैं.
  • यदि किसी इंस्पेक्टर की प्रोन्नति ACP के पद पर होती है तो वह भी इस सम्मिलित कैडर में माने जायेंगे. पहले इन पदों का प्रशासी नियंत्रण सम्बन्धित केंद्र-शाषित क्षेत्र की सरकार के हाथ में होता था.
  • इस नई सम्मिलित सेवा में भर्ती के लिए वे इंस्पेक्टर योग्य माने जायेंगे जो वर्तमान में विभिन्न केंद्र-शाषित क्षेत्रों में कहीं भी पदस्थापित हैं.

केंद्र-शाषित राज्यों के लिए एक केन्द्रीय पुलिस संवर्ग (central police cadre) बनने से स्थानीय पुलिसकर्मियों को एक स्थान से दूसरे स्थान स्थानांरित किया जा सकेगा. इससे यह होगा कि ये पुलिसकर्मी स्थानीय हितों का पालन न करने जाएँ और अपने काम के प्रति ढीले न पड़ जाएँ.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : National Digital Communications Policy-2018

संदर्भ

हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति – 2018 (National Digital Communications Policy-2018 – NDCP-2018) की मंजूरी देते हुए टेलिकॉम आयोग का नाम बदकर डिजिटल संचार आयोग कर दिया गया है.

प्रभाव

  • इस संचार नीति ने भारत के डिजिटल शक्ति वाली अर्थव्यवस्था एवं समाज के रूप में संक्रमण की आवश्यकता पर बल दिया है और इसके लिए यह प्रस्ताव दिया गया है कि सर्वव्यापी, लचीली और सस्ती डिजिटल संचार अवसंरचना एवं सेवाओं की स्थापना की जाए. इस प्रकार नागरिकों और उपक्रमों की सूचना एवं संचार सम्बंधित आवश्यकताएँ पूरी हो सकेंगी.
  • राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 उपभोक्ता-केन्द्रित और app पर चलने वाली नीति होगी जो 5G, IOT, M2M इत्यादि उन्नत तकनीकों के अनावरण के पश्चात् नए-नए विचारों और आविष्कारों की उत्पत्ति का मार्ग प्रशस्त करेगी.

NDCP नीति के मुख्य लक्ष्य

  • सभी के लिए ब्रॉडबैंड
  • डिजिटल संचार प्रक्षेत्र में 40 लाख नये रोजगारों का सृजन
  • भारत की GDP में डिजिटल संचार प्रक्षेत्र के योगदान को 2017 के 6% से बढ़ाकर 8% करना.
  • ITU के ICT विकास सूचकांक में 2017 में भारत का स्थान 134वाँ था जिसे बढ़ाकर भारत को शीर्षस्थ 50 देशों में लाना.
  • ग्लोबल वैल्यू चेन्स में भारत के योगदान में वृद्धि करना.
  • डिजिटल सार्वभौमता *Digital Sovereignty सुनिश्चित करना.
  • ये सारे लक्ष्य 2022 तक पा लेने की योजना है.

राष्ट्रीय डिजिटल संचार के उद्देश्य

  • प्रत्येक नागरिक को 50Mbps पर ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना.
  • सभी ग्राम पंचायतों को 2020 तक 1Gbps और 2022 तक 10Gpbs कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना.
  • उन सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी देना जहाँ वर्तमान में यह सुविधा नहीं है.
  • डिजिटल संचार प्रक्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करना.
  • नव युग कौशल (New Age Skill) के निर्माण के लिए 10 लाख लोगों को प्रशिक्षण देना.
  • IoT इको-सिस्टम को 5 billion जुड़ी हुई डिवाइसों तक विस्तारित करना.
  • डिजिटल संचार के लिए डाटा संरक्षण हेतु एक व्यापक व्यवस्था करना जिससे लोगों की निजता, स्वायत्तता एवं चयन की सुरक्षा हो सकेगी.
  • वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की कारगर भागीदारी सुनिश्चित करना.
  • समुचित संस्थागत प्रणालियों के माध्यम से उत्तरदायित्व लागू करना जिससे नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल संचार अवसंरचना एवं सेवाएँ मिल सकें.

राष्ट्रीय संचार नीति के अंतर्गत अपेक्षित कार्रवाइयाँ

  • राष्ट्रीय फाइबर प्राधिकरण बनाकर एक राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड की स्थापना करना.
  • सभी नई नगर एवं राजपथ परियोजनाओं के लिए एक सामान्य सेवा प्रणालियाँ (ducts) और उपयोगिता गलियारों (utility corridors) की स्थापना करना.
  • मार्ग, लागत के मानकीकरण और टाइमलाइन से सम्बन्धित सामान्य अधिकारों के लिए केंद्र, राज्यों और स्थानीय निकायों के बीच एक सहयोगात्मक संस्थागत प्रणाली का निर्माण करना.
  • अनुमतियों के मार्ग में आने वाली अड़चनों को दूर करना.
  • सब के लिए पहुँच वाले अगली पीढ़ी के नेटवर्क के विकास को सुनिश्चित करना.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Indian Ocean Naval Symposium (IONS)

संदर्भ

मानवीय सहायता एवं आपदा राहत विषय से सम्बंधित हिन्द महासागर नौसैनिक सिम्पोजियम (Indian Ocean Naval Symposium – IONS) के कार्यसमूह की तीसरी बैठक विशाखापत्तनम स्थित नौसेना के पूर्वी कमांड के मुख्यालय में आयोजित हो रहा है.

IONS क्या है?

  • IONS 21वीं शताब्दी का पहली महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा पहल है जिसका अनावरण फरवरी, 2008 में हुआ था. यह एक ऐसा मंच है जहाँ स्थानीय नौसैनिक समस्याओं पर विचार होता है और सदस्य देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ावा दिया जाता है. वर्तमान में इसमें 24 सदस्य और 8 पर्यवेक्षक नौसेनाएँ शामिल हैं.
  • यह पहल एक स्वैछिक पहल (voluntary initiative) है जिसका उद्देश्य हिन्द महासागर क्षेत्र के समुद्र तटों वाले देशों को एक मंच पर लाना और आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है.
  • 2014 में अंगीकृत इस संस्था के कारोबार प्रलेख के अनुसार इसमें कई कार्यसमूह होते हैं जो इन विषयों से सम्बंधित हैं – मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR), सूचना सुरक्षा एवं सह-संचालन तथा समुद्री डकैती-प्रतिरोध (जिसे आजकल सामुद्रिक सुरक्षा कहा जाता है).

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Goods and Services Tax Network (GSTN)

संदर्भ

केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) को एक सरकारी कम्पनी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब सरकार के पास GST व्यवस्था से सम्बन्धित इस कम्पनी का 100% स्वामित्व होगा.

पृष्ठभूमि

वर्तमान में GSTN में केंद्र सरकारों और राज्यों का स्वामित्व 49% है. शेष 51% स्वामित्व इन पाँच निजी वित्तीय संस्थाओं के पास है – HDFC Ltd, HDFC Bank Ltd, ICICI Bank Ltd, NSE Strategic Investment Co और LIC Housing Finance Ltd.

इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?

जुलाई 1, 2017 को पूरे देश में दर्जनों स्थानीय करों को समाप्त कर उनके स्थान पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था. GSTN के पोर्टल पर एक 1.1 करोड़ से अधिक व्यावसायों का पंजीकरण हो चुका है. इस प्रकार GSTN का काम मात्र करों का संग्रहण न रह गया था अपितु डाटा का विश्लेषण भी आवश्यक हो गया था. इसलिए सरकार ने आवश्यकता अनुभव की वह इसे पूर्णतया अपने हाथ में ले ले.

GSTN क्या है?

  • GSTN का full-form है – Good and Services Tax Network
  • GSTN एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जिसकी स्थापना GST व्यवस्था को लागू करने के लिए की गई है.
  • इस कम्पनी का उद्देश्य है पूरे देश में GST को लागू करने के लिए हितधारकों को (stakeholders) सूचना प्रौद्योगिकी विषयक सहायता देना जिससे कि GST की नई व्यवस्था सुचारू रूप से लागू हो सके.
  • मूलतः इस कम्पनी का 51% share HDFC बैंक, ICICI बैंक और  भारतीय जीवन बीमा जैसी निजी संस्थाओं के पास था.
  • शेष 49% share भारत सरकार और राज्य सरकारों/केन्द्रीय शाषित क्षेत्रों के पास संयुक्त रूप से थे.

Prelims Vishesh

Mobile Application “Jan Dhan Darshak”:-

  • वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग और National Informatics Centre (NIC) ने हाल ही में संयुक्त रूप से एक मोबाइल app बनाया है जिसका नाम जन धन दर्शक है.
  • इसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन का विस्तार करना है.
  • इस app के द्वारा कोई भी नागरिक अपने आस-पास उपलब्ध वित्तीय सेवा से सम्बन्धित संस्थाओं, जैसे – बैंक, डाकघर, सामान्य सेवा केंद्र आदि की आवश्यकतानुसार जानकारी प्राप्त कर सकता है.

Sirhind and Rajasthan Feeders :-

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सिरहिन्द उपनहर और राजस्थान उपनहर के लिए 825 करोड़ रु. की आर्थिक सहायता की मंजूरी दे दी है.
  • इस राशि से इन नहरों में पानी जमा होने की समस्या का निराकरण किया जायेगा और इनमें जल प्रवाह को बढ़ाया जाएगा.

Astra BVR Air-to-Air Missile :-

  • हाल ही में भारतीय वायुसेना ने Su-30 विमान से “अस्त्र” नामक स्वदेश निर्मित BVRAAM मिसाइल का परीक्षण किया.
  • BVRAAM का full form है – Beyond Visual Range Air-to-Air Missile अर्थात् हवा-से-हवा में चलने वाला वह मिसाइल जो मानव दृष्टि से परे चलता है.
  • “अस्त्र” का विकास DRDO ने किया है.
  • यह सभी मौसमों में काम करने वाला अत्याधुनिक मिसाइल है जो शत्रु के विमान को सुपरसोनिक गति से पहुँच कर नष्ट कर सकता है.

G4 :-

  • G4 चार देशों का एक समूह है जो 2005 में बना था.
  • ये चार देश हैं – ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान.
  • यह अन्य अंतर-सरकारी निकायों की भाँति आर्थिक एवं राजनैतिक उद्देश्य से नहीं बना है अपितु इसका एक ही काम है और वह है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (United Nations Security Council) में स्थायी सदस्यता सुनिश्चित करना.

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