Sansar Daily Current Affairs, 03 October 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : WHO guidelines on sanitation and health
संदर्भ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने हाल ही में स्वच्छता और स्वास्थ्य के विषय में अपने पहले वैश्विक मार्गनिर्देश निर्गत किये हैं.
मुख्य तथ्य
- WHO के मार्गनिर्देशों में स्वच्छता के क्षेत्र में विकसित नए-नए उपायों की प्रभावशीलता की सप्रमाण चर्चा की गई है. साथ ही स्वास्थ्य की रक्षा करने वाली स्वच्छता के लिए एक व्यापक ढाँचा भी इसमें बताया गया है. इस ढाँचे में जिन विषयों का वर्णन किया गया है, वे हैं – नीति एवं प्रशासनिक उपाय, स्वच्छता से सम्बन्धित तकनीकों का कार्यान्वयन, कार्यतंत्र और व्यवहार से सम्बंधित नए सुझाव, जोखिम पर आधारित प्रबन्धन और निगरानी की प्रक्रिया.
- अपने मार्गनिदेशों में WHO ने नए-नए स्वच्छता विषयक उपायों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य प्रक्षेत्र की भूमिका की भी चर्चा की है.
- मार्गनिर्देशों में उन विषयों की भी चर्चा हुई है जिनपर अभी तक प्रमाणिक अनुसंधान नहीं हुआ है. इस चर्चा का उद्देश्य भविष्य में होने वाले अनुसंधान के प्रयासों को को दिशा प्रदान करना है.
वैश्विक मार्गनिर्देशों की आवश्यकता
विश्व-भर में 2.3 billion लोगों के पास मूलभूत स्वच्छता की सुविधा नहीं है. इनमें से लगभग आधे लोग खुले में शौच करने के लिए विवश हैं. 4.4 billion लोग ऐसे हैं जिनके पास ऐसा शौचालय नहीं है जो किसी नाले अथवा गड्ढा अथवा सेप्टिक टैंक से जुड़ा हो. ठीक-ठाक शौचालय नहीं होने से लोगों की गरिमा और सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा रहता है.
स्वच्छता मानव स्वास्थ्य एवं विकास की आधारशिला होती है. इसलिए विश्व-भर के स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO इसके लिए कार्यरत रहते हैं.
मार्गनिर्देशों का महत्त्व
- ऊष्ण कटिबन्ध के कई रोगों का फैलाव अच्छी स्वच्छता के अभाव के कारण होता है. करोड़ों लोग इस सुविधा से वंचित हैं.
- WHO को नए मार्गनिर्देश इसलिए बनाने पड़े कि वर्तमान में इस विषय में जो कार्यक्रम चल रहे हैं उनसे प्रत्याशित लाभ नहीं हो पा रहा है और स्वच्छता के बारे में स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रमाणिक निर्देश उपलब्ध नहीं थे.
- WHO के नए मार्गनिर्देशों को अपनाकर विभिन्न देश असुरक्षित जल एवं स्वच्छता के अभाव से होने वाले डायरिया-जनित मौतों की संख्या अच्छा-ख़ासा घटा सकते हैं. WHO का अनुमान है कि स्वच्छता पर लगाया गया $1 छह गुणा प्रतिलाभ देता है क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम हो जाता है, उत्पादकता बढ़ जाती है और असमय मृत्यु की दर भी घट जाती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : UNESCO site status
संदर्भ
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) ने UNESCO के ग्लोबल जिओ पार्क नेटवर्क का दर्जा देने के लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक के धरोहल स्थलों (heritage locations) को चुना है. इन स्थलों को Geopark tag दिया जाएगा. ज्ञातव्य है कि जिस प्रकार ऐतिहासिक स्मारकों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जाता है और उसी प्रकार प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक विशेषताओं के लिए Geopark tag दिया जाता है जिससे कि भारत की प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक विशेषताओं को विश्व के स्तर पर मान्यता मिल सके.
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में जिन स्थलों को Geopark tag के लिए चुना है, वे हैं – महाराष्ट्र का लोनार झील और कर्नाटक के सेंट मैरी द्वीप और मालपे समुद्र तट.
वैश्विक जिओ पार्क (Global Geopark)
- इन जिओपार्कों की अपनी भौगोलिक विशेषता होती है और वहाँ अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक महत्त्व के परिदृश्य होते हैं.
- वर्तमान में 140 UNESCO वैश्विक जिओ पार्क हैं जो 38 देशों में फैले हुए हैं.
- जो भौगोलिक क्षेत्र वैश्विक जिओ पार्क बनना चाहता है उसके पास ये वस्तुएँ होना आवश्यक है – अपना एक वेबसाइट, उसका निगम वाला स्वरूप होना, व्यापक प्रबन्धन योजना, सुरक्षा योजना, वित्त तथा इनके लिए भागीदारी का प्रस्ताव होना.
UNESCO ग्लोबल जिओ पार्क, बायोस्फीयर रिजर्व और वर्ल्ड हेरिटेज साईट में अंतर
जहाँ तक Biosphere reserve की बात है वह जैविक और सांस्कृतिक विविधता के समरस प्रबन्धन से सम्बंधित है. दूसरी ओर वर्ल्ड हेरिटेज साईट उत्कृष्ट सार्वभौम महत्त्व के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण को बढ़ावा देता है. UNESCO ग्लोबल जिओ पार्क उन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्रदान करता है जो स्थानीय समुदायों के सक्रिय सहयोग से पृथ्वी की जैव विविधता के संरक्षण के महत्त्व एवं सार्थकता को बढ़ावा देता है.
यह कहा जा सकता है कि ये तीनों मिलकर न केवल हमारी धरोहर का चित्रण करते हैं अपितु साथ-साथ विश्व की सांस्कृतिक, जैविक एवं भू-वैज्ञानिक विविधता का संरक्षण करते हुए सतत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : International Solar Alliance
संदर्भ
हाल ही में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने नै दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर संघ (International Solar Alliance – ISA) की पहली सभा का उद्घाटन किया. इस अवसर पर साथ ही साथ IORA नवीकरणीय ऊर्जा पर मंत्री स्तर की दूसरी बैठक तथा वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा – निवेश की दूसरी बैठक का भी उदघाटन हुआ.
ISA
- ISA (International Solar Alliance) की स्थापना CoP21 पेरिस घोषणा के अनुसार हुई है.
- इस alliance का उद्देश्य है सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना जिससे पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम की जा सके. इसके लिए इस संघ ने यह लक्ष्य रखा है कि विश्व-भर 1,000 GW सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता उत्पन्न की जाए तथा 2030 तक सौर ऊर्जा में US$ 1000 बिलियन के निवेश की व्यवस्था की जाए.
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय, अंतर-सरकारी alliance है जो आपसी समझौते पर आधारित है.
- अब तक 19 देशों ने इस समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है और 48 देशों ने इसके framework agreement को हस्ताक्षरित कर दिए हैं.
- यह 121 ऐसे देशों का alliance है जो सौर ऊर्जा की दृष्टि से समृद्ध हैं.
- ये देश पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं.
- इसका मुख्यालय भारत में है और इसका अंतरिम सचिवालय फिलहाल गुरुग्राम में बन रहा है.
IORA क्या है?
- IORA का full form है – Indian Ocean Rim Association अर्थात् हिन्द महासागर के तटों पर स्थित देशों का संगठन.
- यह हिन्द महासागर के तटीय भागों में अवस्थित देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है.
- यह एक क्षेत्रीय मंच है जिसमें सरकारों, व्यवसायियों और विद्वानों के सहयोग से सम्बंधित देशों के मध्य सहयोग एवं विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाता है.
- इस संगठन में 21 देश तथा 7 संवादी भागीदार (dialogue partners) हैं.
- IORA औषधीय पौधों समेत सहयोग के छह क्षेत्रों में काम करता है.
- IORA का सचिवालय मॉरिशस के एबेन शहर में है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Soil moisture map
संदर्भ
आने वाले रबी मौसम को देखते हुए IIT गाँधीनगर एवं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने संयुक्त रूप से पूरे देश के लिए यह पूर्वानुमान तैयार किया है कि इस वर्ष मिट्टी की आर्द्रता कैसी रहेगी. यह पूर्वानुमान 7-7 दिन और 1-1 महीने के लिए अलग-अलग होगा. मिट्टी की आर्द्रता की भविष्यवाणी के लिए विशेषज्ञों ने ‘hydrological model’ को अपनाया जिसमें कई मानदंडों का प्रयोग होता है, जैसे – मिट्टी, वनस्पति, भूमि का उपयोग और भूमि का आवरण. चर्चित पूर्वानुमान का पूरा विवरण भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
पूर्वानुमान में वर्णित मुख्य तथ्य
- बुन्देलखंड में बरसात होगी या नहीं होगी इसका कोई ठिकाना नहीं होता. इसलिए वहाँ के किसान खरीफ मौसम में अपनी जमीन परती छोड़ देते हैं अथवा किसी चारा फसल को उगाते हैं. उसके बाद यह किसान मानसूनी वर्षा के पश्चात् मिट्टी में बची हुई आर्द्रता का उपयोग करते हुए मुख्य रूप से रबी फसल की खेती करते हैं.
- यही हाल बिहार का भी है जहाँ बाढ़ के कारण सीमांचल और कोसी पट्टी के निचले क्षेत्रों में खरीफ में कोई फसल नहीं लगाई जाती.
- पूर्वानुमान में यह बताया गया है कि वर्तमान में इन राज्यों में मिट्टी की आर्द्रता कम है – गुजरात, महाराष्ट्र (अंशतः), छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश (अंशतः).
मिट्टी की आर्द्रता से सम्बंधित आँकड़ों का महत्त्व
मिट्टी की आर्द्रता खेती के लिए एक आवश्यक वस्तु है क्योंकि इससे फसल की वृद्धि पर सीधा प्रभाव पड़ता है और इसी पर निर्भर है कि खेत में कितनी सिंचाई की आवश्यकता होगी.
मिट्टी की आर्द्रता के आँकड़ों से से यह जानकारी मिलती है कि देश के अलग-अलग भागों में फसलों की वृद्धि के लिए किस बात की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त यदि मिट्टी की आर्द्रता के विषय में भविष्यवाणी समय पर मिल जाए तो बेहतर खेती के लिए विशेष बीज प्रजाति का प्रयोग तथा अन्य उपायों का प्रयोग किया जा सकता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : BSE first to launch commodity derivatives contract in gold and silver
संदर्भ
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) देश का ऐसा पहला स्टॉक एक्सचेंज बन गया है जिसने सोने और चाँदी में कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट का शुभारम्भ किया है. अभी तक कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट मात्र MCX एवं NCDEX जैसे कमोडिटी एक्सचेंजों पर उपलब्ध होते थे.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से कमोडिटी डेरिवेटिव का काम शुरू होने जाने से आशा की जाती है कि न केवल बेहतर मूल्य मिल सकेंगे अपितु समय और लागत की भी बचत होगी.
डेरिवेटिव
एक डेरिवेटिव वह संविदा (contract) होता है जो दो पक्ष आपस में करते हैं. डेरिवेटिव के सबसे सामान्य प्रकार हैं – futures, options, forwards और swaps. डेरिवेटिव एक वित्तीय प्रलेख है जिसका मूल्य उसमें निहित आस्तियों (underlying assets) पर आधारित होता है. मूलतः सबसे पहले एक पूँजी बनाई जाती है जिसमें सामान्य तौर पर शेयर, बांड, नकद, कमोडिटी और ब्याज दर शामिल होती है. ये ऐसी वस्तुएँ हैं जिनका दाम ऊपर-निचे होता रहता है.
Prelims Vishesh
‘World Peace Monument’ dome :-
- महाराष्ट्र प्रौद्योगिकी संस्थान के विश्व शान्ति विश्वविद्यालय के लोनी कलभोर-स्थित परिसर में महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के अवसर पर विश्व के सबसे बड़े गुम्बद का उद्घाटन किया गया.
- इस गुम्बद का व्यास 160 ft. जो वेटिकन के गुम्बद (139.6 ft) से बड़ा है. इस गुम्बद की ऊँचाई 263 ft. है.
- इस गुम्बद के नीचे एक प्रार्थना महाकक्ष है जिसका क्षेत्रफल 30,000 वर्ग फीट है. इसमें 63-63 ft. के 24 विशालकाय खम्बे हैं.
- यहाँ विश्व के 54 सबसे बड़े ऐतिहासिक व्यक्तियों की कांस्य मूर्तियाँ बनी हुई हैं.
IBSAMAR VI
दक्षिणी अफ्रीका के Simons Town में छठा IBSAMAR सैन्य-अभ्यास चल रहा है जिसमें भारत, ब्राजील और द. अफ्रीका की नौसेनाएँ शामिल हैं.
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