Sansar डेली करंट अफेयर्स, 17 October 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 17 October 2018


GS Paper 1 Source: PIB

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Topic : POCSO Act

संदर्भ

भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि POCSO Act अर्थात् “Protection of Children from Sexual Offences Act “ (बाल यौन अपराध सुरक्षा अधिनियम) के अंतर्गत बाल यौन अपराध के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करने के लिए समय की कोई सीमा नहीं है.

  • भारत सरकार ने यह व्यवस्था कानून मंत्रालय द्वारा POCSO के अध्ययन के पश्चात् इस विषय में दिए गये परामर्श के आलोक में दी है.

POCSO अधिनियम के कानूनी प्रावधान

POCSO के अनुच्छेद 19 में बच्चों के विरुद्ध किये गए यौन अपराध की सूचना देने के बारे में प्रक्रिया का वर्णन है. किन्तु इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ऐसी सूचना देने के लिए कोई समय-सीमा भी है.

ज्ञातव्य है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में विभिन्न ऐसे अपराधों के लिए मामला दायर करने हेतु अलग-अलग समय-सीमा निर्धारित की गई है जिनमें अधिकतम तीन वर्ष की सजा हो सकती है. किन्तु जिन अपराधों के लिए तीन वर्ष से अधिक की सजा हो सकती है उसके लिए CrPC में मामला दायर करने के लिए समय की सीमा निर्धारित नहीं है.

नए निर्णय का महत्त्व

भारत सरकार के इस निर्णय से यौन शोषण से गुजरे हुए बच्चों को वयस्क हो जाने पर शिकायत दर्ज करने में सुविधा होगी क्योंकि बहुधा देखा जाता है कि जब वे थाने में शिकायत देना चाहते हैं तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि जिस अपराध के लिए शिकायत दी जा रही है, वह बहुत पहले हुआ था.

POCSO अधिनियम क्या है?

बाल यौन अपराध सुरक्षा अधिनियम (POCSO Act) 2012 में पारित हुआ था. इसका उद्देश्य बच्चों के प्रति यौन अपराध पर कारगर ढंग से कार्रवाई सुनिश्चित करना था. इस अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को “बच्चा” कहा गया है. अधिनियम में दी गई परिभाषा के अनुसार यौन अपराध के कई रूप हो सकते हैं, जैसे – यौन उत्पीड़न, अश्लील चित्रण, शारीरिक बलात्कार आदि. इसमें यह भी कहा गया है कि उन यौन अपराधों को भीषण माना जाएगा जिनमें किसी मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चे का उत्पीड़न किया जाएगा और जब इस प्रकार का अपराध ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाएगा जो अन्यथा विश्वास के पात्र होते हैं, यथा – परिवार का सदस्य, पुलिस अधिकारी, शिक्षक अथवा चिकित्सक.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Swasth Bharat Yatra national campaign

संदर्भ

भारत सरकार ने विश्व खाद्य दिवस (16 अक्टूबर) के अवसर पर “स्वस्थ भारत यात्रा” नामक एक राष्ट्रीय अभियान का अनावरण किया है. इसका उद्देश्य लोगों को सुरक्षित भोजन करने और स्वस्थ रहने के बारे में जागरूक बनाना है. इस अभियान को भारत सरकार राज्यों के साहचर्य में तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India – FSSAI) के नेतृत्व में चलाएगी.

स्वस्थ भारत यात्रा क्या है?

इस अभियान के अंतर्गत एक अखिल भारतीय साइकिल रैली आयोजित किया जा रही है. आशा की जाती है कि इस रैली में लगभग 7,500 साइकिल चलाने वाले शामिल होंगे. यह रैली 18,000 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी और इसमें 100 दिन से अधिक लगेंगे. यह रैली 6 ट्रैकों पर चलेगी जो भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र शाषित क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. इस रैली के लिए जो सन्देश चुना गया है, वह है – ‘Eat Right India’.

इस अभियान से न केवल जनता जनार्दन प्रभावित होगी अपितु इस आन्दोलन को बनाये रखने में स्थानीय समुदायों का भी सहयोग प्राप्त होगा.

विश्व खाद्य दिवस

विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य गरीबी और भूख जैसी समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इस दिवस को मनाने का निर्णय नवम्बर, 1979 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा लिया गया था. तब से विश्व खाद्य दिवस पूरे संसार में मनाया जाता है और इसमें खाद्य सुरक्षा से जुड़े अनेक संगठन प्रतिभागिता करते हैं.

2018 विश्व खाद्य दिवस की थीम है – “OUR ACTIONS ARE OUR FUTURE. A #ZERO HUNGER WORLD BY 2030 IS POSSIBLE” अर्थात् “आज जो हम करेंगे वही हमारा भविष्य होगा. 2030 तक #भूख विहीन संसार बनाना संभव है.”

FAO क्या है?

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है जो भूख को समाप्त करने के लिए विश्व-भर में किये जा रहे प्रयासों का नेतृत्व करती है. यह एक तटस्थ मंच है जिसपर सभी देश मिलकर भूख के बारे में समझौतों और विमर्श की नीति निर्धारित करते हैं. इसमें विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देश शामिल होते हैं और उन सब को बराबर का महत्त्व दिया जाता है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana (PMBJP)

संदर्भ

भारतीय फार्मा लोक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ब्यूरो (Bureau of Pharma PSUs of India – BPPI) ने हाल ही में बिलासपुर (गुरुग्राम) में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के केन्द्रीय गोदाम की स्थापना की है.

  • यह एक हाई-टेक गोदाम होगा जिसके माध्यम से देश के सभी कार्यशील प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के केन्द्रों को जन औषधि जेनेरिक दवाएँ निर्बाध रूप से मुहैया कराई जायेंगी.

PMBJP क्या है?

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल विभाग द्वारा आरम्भ की गई एक योजना है जिसके उद्देश्य PMBJP केन्द्रों के माध्यम से जन-सामान्य को सस्ती किन्तु गुणवत्ता युक्त औषधियाँ मुहैया करना है.

ज्ञातव्य है कि जेनेरिक दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए इस योजना के अन्दर कई वितरण केंद्र बनाए गए हैं जिन्हें प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र कहते हैं. विदित हो कि जेनेरिक दवाएँ उतनी ही गुणवत्तायुक्त और कारगर हैं जितनी ब्रांड की गई महँगी दवाइयाँ. साथ ही इनके दाम इन महँगी दवाइयों की तुलना में बहुत कम होते हैं.

भारतीय फार्मा लोक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ब्यूरो (Bureau of Pharma PSUs of India – BPPI) इस योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी बनाई गई है. इसकी स्थापना केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल विभाग ने की है.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Ask Disha

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संदर्भ

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (Indian Railway Catering and Tourism Corporation – IRCTC) ने हाल ही में ASK DISHA नामक कृत्रिम बुद्धि (AI) से चलने वाले चैटबोट (chatbot) का अनावरण किया है जो इसके प्रयोगकर्ता को विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देने में सहायता करेगा.

Ask Disha क्या है?

  • Disha का full form है – Digital Interaction to Seek Help Anytime अर्थात् किसी भी समय सहायता पहुँचाने के लिए डिजिटल पूछताछ.
  • यह चैटबोट एक विशेष कंप्यूटर कार्यक्रम है जो उपयोगकर्ताओं को इन्टरनेट के माध्यम से वार्तालाप करने हेतु बनाया गया है.
  • यह अपने प्रकार की IRCTC की पहली बार है जिसमें रेल यात्रियों को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में प्रश्नों के उत्तर दिए जाएँगे.
  • यह चैटबोट भविष्य में कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी काम करेगा.
  • Ask Disha की मुख्य विशेषताएँ हैं – यात्री के प्रश्न का तुरंत उत्तर देना, 24 घंटे सूचना देना, कई तरह का काम करने में सक्षम होना, हर प्रश्न का उत्तर देने में कुछ भी समय नहीं लगाना, यात्री की यात्रा को चिंता-रहित बनाना एवं रेल यात्री को संतुष्टि प्रदान करना.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : #Self4Society app

संदर्भ

भारत सरकार ने MyGov द्वारा निर्मित #Self4Society app का अनावरण किया है जिसका उद्देश्य पेशेवरों द्वारा किये गये स्वैच्छिक कार्यों का समन्वयन करना है.

#Self4Society app क्या है?

  • इस app के माध्यम से कई “कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व” (Corporate social responsibility – CSR) के तहत किये गए कार्यों एवं अन्य प्रयासों का बेहतर समन्वय किया जायेगा जिससे कि पेशेवरों द्वारा किये गये कामों का बेहतर परिणाम सामने आ सकेगा.
  • इस app में कई विशेषताएँ होंगी, जैसे – प्रोत्साहन (incentives) की व्यवस्था, खेल का स्वरूप देना (gamification), कम्पनी के अन्दर और कम्पनियों के बीच में प्रतिस्पर्द्धा का आयोजन तथा सोशल नेटवर्किंग.

ध्यान देने योग्य बात है कि सामाजिक दायित्व के प्रति विभिन्न कंपनियों ने सकारात्मक रवैया अपनाया है. उनका विचार है कि इससे सेवा की भावना बढ़ती है और इसमें कर्मचारी स्वेच्छा से भाग लेते हैं. ऐसे कार्यों से कर्मचारियों को न केवल संतोष मिलता है बल्कि उनका तनाव भी घाट जाता है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Unified payments interface (UPI)

संदर्भ

वॉलेट और कार्ड जैसे उपकरण, जिनके माध्यम से प्री-पेड भुगतान (prepaid payment instruments – PPIs) किया जाता है, को अंतर-संचालनीय (interoperable) बनाने के विषय में भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में कुछ मार्गनिर्देश निर्गत किये हैं. इन निर्देशों का यह लाभ होगा कि लोक्रप्रिय भुगतान वॉलेट रखने वाले उपयोगकर्ता एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में स्थान्तरित कर सकेंगे. विदित हो कि आजकल जो वॉलेट अधिक चल रहे हैं, वे हैं – Paytm, Freecharge, Mobikwik, PhonePe और PayZapp आदि.

  • इन मार्गनिर्देशों के अनुसार जिन मामलों में भुगतान वॉलेट से होता है, उन मामलों में सभी भुगतान, UPI के माध्यम से होंगे. दूसरी ओर जिन मामलों भुगतान, कार्ड से होगा  उन मामलों में कार्डों को प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा.
  • नए निर्देशों के परिणामस्वरूप न केवल ई-वॉलेट का प्रयोग बढ़ेगा, बल्कि एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में पैसे के स्थानान्तरण में सुरक्षा और सटीकता बढ़ेगी.

UPI क्या है?

समेकित भुगतान इंटरफ़ेस  (UPI) NPCI और RBI द्वारा निर्मित एक प्रणाली है जो एक नकद रहित प्रणाली का उपयोग करते हुए धन का तत्काल स्थानान्तरण करने में सहायक होती है.

UPI का उपयोग करने के लिए एक स्मार्टफ़ोन और एक बैंकिंग एप की आवश्यकता होती है जिसके माध्यम से धन को तत्काल भेजा या पाया जा सकता है अथवा व्यवसायी खुदरा खरीद के लिए भुगतान कर सकता है. आगे चलकर, UPI संभवतः आज के NEFT, RTGS और IMPS का स्थान ग्रहण कर लेगी.

यह कैसे काम करता है?

IMPS पर आधारित UPI के माध्यम से बैंक खाते से तुरंत और प्रत्यक्ष रूप से भुगतान हो जाता है. इसके लिए वॉलेट में पहले से पैसा भरना आवश्यक नहीं होता है. इसके माध्यम से एक से अधिक व्यवसाइयों को कार्ड का ब्यौरा टाइप किये बिना अथवा नेट बैंकिंग का पासवर्ड लिखे बिना भुगतान किया जाता है.

UPI 2.0

हाल ही में भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम ने (National Payments Corporation of India – NPCI) UPI 2.0 को आरम्भ किया है जो UPI अर्थात् समेकित भुगतान इंटरफ़ेस का एक उत्क्रमित एवं नवीकृत संस्करण है.

UPI के इस नवीनतम संस्करण में 4 नई विशेषताएँ हैं जिनसे यह उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक एवं सुरक्षित बन गया है. अब उपभोक्ता अपने ओवरड्राफ्ट खाते को UPI से जोड़ सकेंगे. साथ ही इसमें एककालिक मेनडेट की सुविधा होगी तथा बाद की तिथि में भुगतान करने के लिए पहले ही प्राधिकृत करने की सुविधा भी होगी. इस UPI की चौथी विशेषता यह है कि उपभोक्ता व्यवसायी के द्वारा भेजे गये invoice को भुगतान करने के पहले जाँच सकेंगे.


Prelims Vishesh

Indian Silk Export Promotion Council (ISEPC) :-

  • नई दिल्ली में भारतीय रेशम निर्यात प्रोत्साहन परिषद् (ISEPC) के तत्त्वावधान में छठा India International Silk Fair (IISF) आयोजित किया जा रहा है.
  • इस मेले में रेशम के निर्यातक अपने उत्पादों को विदेशी क्रेताओं के समक्ष प्रदर्शित करेंगे और अपने व्यापार को बढ़ाने में समर्थ होंगे.
  • विदित हो कि भारत विश्व में दूसरा बड़ा रेशम उत्पादक देश है. चीन सबसे विश्व का पहला सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश है.

UP Cabinet approves changing name of Allahabad to ‘Prayagraj’ :-

  • उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर “प्रयागराज” करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
  • विदित हो कि इलाहाबाद का पुराना नाम “प्रयाग” ही था जिसे मुग़ल सम्राट अकबर ने अपने राज्यकाल में बदलकर “इलाहाबाद” कर दिया था.

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