Sansar Daily Current Affairs, 24 October 2018
GS Paper 2 Source: India Today
Topic : Citizenship (Amendment) Bill 2016
संदर्भ
हाल ही में असम सरकार ने एक रैली के एक आयोजन की अनुमति देने से मना कर दिया है, जिसे पश्चिम बंगाल के कुछ संगठन करने जा रहे थे. इस रैली में लोक सभा द्वारा पारित नागरिकता (संसोधन) विधेयक, 2016/ (Citizenship (Amendment) Bill 2016 का समर्थन किया जाने वाला था.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016
- नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के द्वारा अवैध आव्रजकों (migrants) की परिभाषा को सरकार बदलना चाह रही है.
- मूल नागरिकता अधिनियम संसद् द्वारा 1955 में पारित हुआ था.
- प्रस्तावित संशोधन के अनुसार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आये हुए उन आव्रजकों को ही अवैध आव्रजक माना जाएगा जो हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी अथवा ईसाई नहीं हैं.
- इसके पीछे अवधारणा यह है कि जो व्यक्ति अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार का शिकार होकर भारत आते हैं, उन्हें सरकार नागरिकता देना चाहती है. परन्तु इन देशों से यदि कोई मुसलमान भागकर आता है तो उसे वैध आव्रजक नहीं माना जायेगा.
- मूल अधिनियम के अनुसार वही आव्रजक भारत की स्थाई नागरिकता प्राप्त कर सकता है जो यहाँ लगातार 11 वर्ष रहा हो.
- संशोधन में इस अवधि को घटाकर 6 वर्ष कर दिया गया है.
नागरिकता अधिनियम 1995 क्या है?
- भारतीय संविधान की धारा 9 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने मन से किसी दूसरे देश की नागरिकता ले लेता है तो वह भारतीय नागरिक नहीं रह जाता है.
- जनवरी 26, 1950 से लेकर दिसम्बर 10, 1992 की अवधि में विदेश में जन्मा हुआ व्यक्ति भारत का नागरिक तभी हो सकता है यदि उसका पिता उसके जन्म के समय भारत का नागरिक रहा हो.
- जो व्यक्ति दिसम्बर 3, 2004 के बाद विदेश में जन्मा हो, उसे भारत का नागरिक तभी माना जाएगा यदि जन्म के एक वर्ष के अंदर उसके जन्म का पंजीकरण किसी भारतीय वाणिज्य दूतावास (consulate) में कर लिया गया हो.
- नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुभाग 8 के अनुसार यदि कोई वयस्क व्यक्ति घोषणा करके भारतीय नागरिकता त्याग देता है तो वह भारत का नागरिक नहीं रह जाता है.
- मूल अधिनियम के अनुसार, अवैध आव्रजक वह व्यक्ति है जो बिना मान्य पासपोर्ट के भारत में प्रवेश करता है और वीजा की अवधि के समाप्त हो जाने पर भी इस देश में रह जाता है. इसके अतिरिक्त वह व्यक्ति भी अवैध आव्रजक माना जाता है जिसने आव्रजन प्रक्रिया के लिए नकली कागजात जमा किये हों.
- नागरिकता अधिनियम के अनुसार भारत की नागरिकता इन पाँच विधियों से प्राप्त की जा सकती है –
- जन्म
- वंशानुगत क्रम
- पंजीकरण
- प्राकृतिक रूप से नागरिकता
- यदि कोई व्यक्ति जिस देश में रहता है वह देश भारत में मिल जाता है तो.
NRC
- NRC को पूरे देश में पहली और आखिरी बार 1951 में तैयार किया गया था.
- लेकिन इसके बाद इसे update नहीं किया गया था.
- NRC में भारतीय नागरिकों का लेखा-जोखा दर्ज होता है.
- 2005 में केंद्र, राज्य और All Assam Students Union के बीच समझौते के बाद असम के नागरिकों की दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई. ये पढ़ें >> असम समझौता
- मौजूदा प्रकिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है.
- सुप्रीम कोर्ट ने करीब दो करोड़ दावों की जांच के बाद 31 December तक NRC को पहला draft जारी करने का निर्देश दिया था.
- कोर्ट ने जांच में करीब 38 लाख लोगों के दस्तावेज संदिग्ध पाए थे.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : International Conference on Status and Protection of Coral Reefs (STAPCOR – 2018)
संदर्भ
लक्ष्यद्वीप के बंगारम प्रवाल द्वीप पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है जो प्रवाल भित्तियों की स्थिति और सुरक्षा के विषय में है. इस सम्मेलन को STAPCOR – 2018 का नाम दिया गया है. इसका आयोजन लक्ष्यद्वीप के पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा किया जा रहा है.
इसकी theme है – जीवन के लिए प्रवाल भित्ति / “Reef for Life”
STAPCOR क्या है?
यह सर्वविदित है कि जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापवृद्धि तथा अल-नीनो के कारण पूरे विश्व में प्रवाल भित्तियों का रंग फीका पड़ रहा है. इसी समस्या पर विचार करने के लिए STAPCOR की स्थापना हुई थी. यह तय किया गया था कि प्रत्येक 10वें वर्ष एक सम्मलेन करके पूरे विश्व की प्रवाल भित्तियों की स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा की जायेगी.
प्रवाल क्या है?
प्रवाल Cnidarian नामक रंगीन और चित्ताकर्षक जीवों की एक रीढ़-विहीन प्रजाति है. इसी प्रजाति से जुड़े हुए अन्य जीव हैं – जेली फिश और सी-अनिमोंस (jellyfish and sea anemones). प्रत्येक प्रवाल जीव को पोलिप (polyp) कहा जाता है. ये हजारों की झुण्ड में रहते हैं. प्रत्येक पोलिप से सैंकड़ों प्रतिकृतियाँ निकलती हैं और इस प्रकार उस जीव का एक उपनिवेश लगातार तैयार होता जाता है.
कठोर और कोमल प्रवाल क्या होते हैं?
प्रवाल दो प्रकार के होते हैं – कठोर और कोमल. कठोर प्रवाल की अब तक 800 प्रजातियाँ पाई गई हैं. ये ही प्रवाल भित्ति का निर्माण करते हैं क्योंकि कोमल प्रवालों से चट्टान जैसी भित्तियाँ नहीं बन पाती हैं. ये प्रवाल भित्तियों में जहाँ-तहाँ चिपकी रहती हैं. एक जगह जमा होने पर कोमल प्रवाल ऐसे दिखते हैं मानो कि रंगे हुए पौधे हों. इनको कठोर प्रवालों के बीच सरलता से पहचाना जा सकता है क्योंकि इनका रंग-रूप पंख जैसे होते हैं और इनमें 8-8 करके स्पर्श सूत्र (tentacles) निकले होते हैं.
कोमल प्रवाल सभी महासागरों में होते हैं. ये बहुधा गुफाओं और निकले हुए भूभागों में पाए जाते हैं. इन स्थानों पर ये उल्टे लटके हुए रहते हैं जिससे कि जलधारा में बहते हुए खाद्य वस्तुओं को पकड़ सकें.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Invest India
संदर्भ
इन्वेस्ट इंडिया भारत का एक निकाय है जो निवेश को बढ़ावा देता है. हाल ही में इसे सतत विकास के लिए निवेश को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का Award for excellence (उत्कृष्टता पुरस्कार) दिया गया है.
- यह पुरस्कार इस निकाय को विशेषकर इसलिए दिया गया है कि इसने भारत में पवन टरबाइन के लिए ब्लेड के निर्माण में वैश्विक पवन टरबाइन कंपनियों के साथ उत्तम सहयोग किया तथा साथ ही स्थानीय कर्मचारियों को इन टरबाइनों के संचालन के लिए प्रशिक्षित किया. इस कार्य से आशा की जाती है कि 1GW नवीकरणीय बिजली पैदा होगी.
इन्वेस्ट इंडिया क्या है?
यह एक लाभ-रहित निकाय है जो औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग के अन्दर आता है. यह विभाग बहरत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीनस्थ है. इन्वेस्ट इंडिया एक संयुक्त उपक्रम है जो 2010 से कार्यशील है. इसमें इन निकायों / सरकारों का हिस्सा है –
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग = 35%
- FICCI = 51%
- सभी राज्य सरकार = 0.5% प्रत्येक
भारत में निवेश लाभप्रद कैसे?
- IMF के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक है.
- जब से Make in India की पहल हुई है तब से देश में FDI का प्रवाह 37% बढ़ गया है.
- अग्रणी निवेशकों ने यह माना है कि भारत निवेश के लिए सर्वाधिक आकर्षक बाजार है.
- भारत में सबसे अधिक युवा रहते हैं.
- भारत का घरेलू बाजार विशाल है.
- Ease of Doing Business में भारत 142 से उछलकर 100वें स्थान पर पहुँच गया है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : SC order on use and sale of firecrackers
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय ने अगले महीने होने वाली दिवाली को ध्यान में रखते हुए पटाखों की बिक्री और उपयोग पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिया है. न्यायालय ने त्यौहारों के समय कम हानिकारक पटाखों का उपयोग करने और उन्हें एक निश्चित समय-सीमा के अन्दर फोड़ने की अनुमति दी है.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुख्य तत्त्व
- न्यायालय ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है. उसने कहा है कि ऐसे पटाखे जलाए जाएँ जिनसे कम उत्सर्जन होता है और जिनसे कम ध्वनि प्रदूषण होता है.
- सर्वोच्च न्यायालय ने दिवाली पर 8 से 10 बजे रात तक पटाखे जलाने की अनुमति दी है. नव वर्ष और क्रिसमस के लिए न्यायालय ने 11:45 रात्रि से 12:30 रात्रि तक पटाखे जलाने के लिए अनुमति दी है.
- न्यायालय ने फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे ई-वेबसाइटों को कहा है कि वे ऐसे पटाखे ही बेचें जिनसे होने वाला प्रदूषण वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के लिए निर्धारित सीमा के अन्दर हो.
- यदि प्रतिबंधित पटाखे बिकते हैं तो उस क्षेत्र का थाना-अधिकारी उसके लिए उत्तरदायी होगा.
- न्यायालय ने पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (Petroleum and Explosives Safety Organization – PESO) को कहा है कि वह पटाखों की बनावट की समीक्षा करे, विशेषकर उनमें एल्युमिनियम की मात्रा को घटावे.
पृष्ठभूमि
- वायु प्रदूषण का बच्चों, बूढ़ों और स्वास-समस्या से ग्रसित लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसी समय दिवाली का त्यौहार भी आता है.
- दिवाली में पटाखे जलाने की परम्परा है. इन पटाखों में ज्वलनशील रसायन होते हैं, जैसे – पोटेशियम क्लोरेट, अलमुनियम चूर्ण, मैग्नीशियम, बेरियम लवण, तांबा, सोडियम, लिथियम, स्ट्रानटियम इत्यादि.
- ये पदार्थ जलने पर धुआँ छोड़ते हैं और आवाज पैदा करते हैं. इस धुएँ और आवाज का न केवल बच्चों और बूढ़ों के ही अपितु पशुओं और पक्षियों के भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
- इसके अतिरिक्त पटाखों के जलने से बहुत सारा मलबा भी बनता है.
Prelims Vishesh
Seoul Peace Prize :-
- प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को 2018 का सियोल शान्ति पुरस्कार प्रदान किया गया है.
- यह पुरस्कार उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार करने, वैश्विक आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने, आर्थिक वृद्धि के माध्यम से भारत में मानव विकास की गति को तेज करने तथा भ्रष्टाचार विरोधी कार्यों एवं सामाजिक एकीकरण के प्रयासों के माध्यम से प्रजातंत्र के विकास को आगे बढ़ाने के लिए दिया गया है.
- सियोल शान्ति पुरस्कार 1990 से दक्षिण कोरिया सरकार द्वारा हर दो वर्ष पर दिया जाता है.
- इस पुरस्कार द्वारा उस व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है जिसने मानव समरसता, देशों के बीच सामंजस्य एवं विश्व शान्ति के लिए उत्कृष्ट कार्य किया हो.
Druzhba-III :-
- यह एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है जो पाकिस्तान और रूस की विशेष सेनाओं द्वारा किया जाता है.
- 2018 संस्करण का यह अभ्यास पाकिस्तान में आयोजित किया जा रहा है.
- ऐसे अभ्यास 2016 हर वर्ष होते रहे हैं.
Iron Magic 19 :-
- यह एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है जो संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका की सेनाएँ करती हैं.
- इस क्रम का नवीनतम अभ्यास दुबई में चल रहा है.
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