अमेरिका का स्वतंत्रता-संग्राम – American Revolution

Sansar LochanHistory, World History

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आपको पता ही होगा कि क्रिस्टोफ़र कोलम्बस ने अमेरिका का पता लगाया था. अमेरिका का पता लगने के बाद यूरोप के बड़े-बड़े धनवान लोगों ने अमेरिका को बाँटना शुरू कर दिया. स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैंड, फ्रांस औरइंग्लैंड ने वहाँ अपनी बस्तियाँ बसायीं. अमेरिका में अंग्रेजों के 13 उपनिवेश (Colonies) थे. उपनिवेशों में रहनेवाले अंग्रेज स्वतंत्रता-प्रेमी थे. वे अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मातृभूमि छोड़कर उपनिवेशों में जा बसे थे. लेकिन जब जॉर्ज तृतीय (George III of the United Kingdom) ने उपनिवेशों पर अपना निरंकुश शासन लादना चाहा तो स्वतंत्रता-प्रेमी उपनिवेशवासियों ने विद्रोह कर दिया. आज हम अमेरिका के स्वतंत्रता-संग्राम (American Revolution) के विषय (summary) में पढ़ेंगे और संग्राम के कारण (reasons/causes) और परिणामों (results) के बारे में Hindi में जानेंगे. American Revolution के विषय में यह सारी जानकारी NCERT, NIOS और IGNOU Books से इकठ्ठा कर के यहाँ summarize की गयी है.

किसी भी देश में क्रांति की बीज वहाँ की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक अवस्थाओं में छिपा रहता है जो अनुकूल परिस्थिति पाकर प्रस्फुटित होता है.

अमेरिका के स्वतंत्रता-संग्राम ( American Revolution) ने सर्वप्रथम  यह उदाहरण उपस्थित किया कि जागृत राष्ट्रीय भावना को कुचलना मुश्किल है…याद कीजिये हमने 1857 की भारतीय क्रांति में क्या पढ़ा था? अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम (American Revolution) ने पूँजीवाद को बढ़ाने का मौका दिया. अमेरिका पहला देश बना जिसने वंशानुगत राजतंत्र का अंत कर प्रजातंत्र की स्थापना की.

अमेरिकी उपनिवेशों औरइंग्लैंड के बीच संघर्ष अनिवार्य था. इसके पीछे कारण यह था कि उनके राजनीतिक, आर्थिक, सामजिक और धार्मिक जीवन में इतना फर्क था कि अधिक दिनों तक उनके बीच मधुर सम्बन्ध कायम नहीं रह सकता था. यदि अमेरिका में होने वाले स्वातंत्र्य-संग्राम (American Revolution) के कारणों की बात करें तो संक्षेप में हम इन कारणों को निम्नवत रूप से रख सकते हैं –

American Revolution’s Causes

i) धार्मिक मतभेद

उपनिवेशवासियों और अंग्रेजों के धार्मिक दृष्टिकोण में भिन्नता क्रांति का एक महत्त्वपूर्ण कारण थी. इंग्लैंड के अधिकांश निवासी का Anglicanism (what is Anglicanism, check WIKI)… की तरफ झुकाव था. वे बिशप (Bishop) और धर्म के आधिपत्य पर विश्वास रखते थे, उपनिवेशवासी प्यूरिटन (Puritan) मतावलम्बी थे. वे Anglican मत से घृणा करते थे.  बिशप-व्यवस्था और धर्म के आधिपत्य के विरोधी थे. धार्मिक भिन्नता के कारण उपनिवेशवासी इंग्लैंड के साथ किसी प्रकार का सम्बन्ध नहीं रखना चाहते थे.

ii) सामाजिक भिन्नता

अमेरिका की सामाजिक संरचनाइंग्लैंड की सामाजिक संरचना से भिन्न थी.इंग्लैंड का समाज सामंती था जबकि अमेरिका का समाज जनतंत्रात्मक था. इंग्लैंड का समाज रुढ़िवादी और कृत्रिम था, जबकि अमेरिका का समाज मौलिक और आदर्शवादी था. रुढ़िवादी और प्रगतिशील समाज में कभी समन्वय नहीं हो सकता. अंग्रेजों की राजनीति पर धनिकों का प्रभाव था. अंग्रेजी राजनीति में गरीबों के लिए कोई स्थान नहीं था. अमेरिका के समाज में अमीर-गरीब की भावना नहीं थी.

iii) असंतोषजनक शासन-प्रणाली

उपनिवेशों में बसनेवाले अंग्रेज अपने साथ इंग्लैंड की मान्यताएँ और संस्थाएँ भी लेते आये थे. उपनिवेशों की शासन-प्रणाली असंतोषजनक थी. कार्यकारिणी और व्यस्थापिका में निरंतर संघर्ष होता रहता था. उपनिवेश का गवर्नर इंग्लैंड के राजा नियुक्त होता था. गवर्नर को विशेषाधिकार प्राप्त था. वह व्यवस्थापिका सभा भी गवर्नर के वेतन को रोककर उस पर नियंत्रण रख सकती थी. उपनिवेशवासी व्यवस्थापिका सभा को सर्वशक्तिशाली संस्था मानते थे लेकिन ब्रिटेन की सरकार उसे अधीनस्थ एवं स्थानीय संस्था मानती थी. फलतः दोनों में संघर्ष स्वाभाविक था.

उपनिवेशवासियों को राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा गया था. ब्रिटिश शासकों का विचार था कि उपनिवेशवासियों में शासन करने की योग्यता नहीं है. इसलिए बड़े-बड़े पदों  पर अंग्रेजों को ही नियुक्ति किया जाता था. ब्रिटिश सरकार की इस नीति से भी उपनिवेशवासी असंतुष्ट थे.

iv) जातीय समानता

उपनिवेशवासियों की धमनियों में  भी अंग्रेजी रक्त प्रवाहित हो रहा था. वे भी अंग्रेजों की तरह स्वतंत्रता और स्वराज्य के पुजारी थे और गुलामी की जंजीर को तोड़ देना चाहते थे. अपनी ही जाति के लोगों द्वारा शासित होना उपनिवेशवासियों को अरुचिकर प्रतीत होता था.

v) उपनिवेशवासियों का ब्रिटेन के प्रति रुख

इंग्लैंड के सताए हुए कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट ही उपनिवेशों में जाकर बसे थे. वे वहाँ स्वतंत्रता की साँस लेना चाहते थे. किन्तु जब इंग्लैंड की सरकार ने उपनिवेशों को भी अत्याचार और अन्याय का अखाड़ा बना दिया तो वे विद्रोह कर उठे.

vi) स्वायत्त शासन की भावना का विकास

अमेरिका की भौगोलिक स्थिति के कारण इंग्लैंड की सरकार उपनिवेशों के मामलों में दिलचस्पी नहीं ले रही थी. दूरी और यातायात के साधनों  के अभाव के कारण इंग्लैंड की सरकार उपनिवेशों पर नितंत्रण रखने में असमर्थ थी. इसलिए उपनिवेशवासियों ने शासन सम्बन्धी समस्याओं का समाधान स्वयं खोज निकला और उनमें स्वशासन की भावना जगी. इंग्लैंड की प्रजातांत्रिक परम्परा में  पीला उपनिवेशवासी उत्तरदायी शासन के गुणों का उपयोग करना चाहते थे.

vii) बुद्धिजीवी वर्ग का नेतृत्व

जनक्रांति का नेतृत्व हमेशा ही बुद्धिजीवी वर्ग करता है. उपनिवेशवासियों को संघर्ष का नारा अंग्रेजों से ही मिला था. जॉन लॉक, रूसो, वाल्टेयर, मांटेस्क्यू जैसे दार्शिनकों का प्रभाव उपनिवेशवासियों पर पड़ा था. टॉमस पेन, जेम्स ओरिस जैसे लेखकों ने राजा के दैवी अधिकार के विरुद्ध आवाज़ उठाई, इससे भी लोगों में जागरण आया.

viii) व्यापारिक एवं औद्योगिक प्रतिबंध

उपनिवेशों के वाणिज्य-व्यवसाय पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए थे. वे इंग्लैंड के साथ व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता नहीं कर सकते थे और न इंग्लैंड के शत्रु-देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध कायम कर सकते थे. वस्तुओं के आयात-निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा हुआ था. इंग्लैंड और उपनिवेशों के बीच तथा उपनिवेशों एवं अन्य  यूरोपीय देशों के बीच वस्तुओं का आयात-निर्यात ब्रिटिश जहाज़ों के द्वारा ही होता था. कुछ व्यापार सम्बन्धी कानून भी थे. कुछ वस्तुएँ कपास, चीनी, तम्बाकू केवल इंग्लैंड ही भेजी का सकती थीं. वस्तुओं के उत्पादन पर भी प्रतिबंध लगाया गया था. उपनिवेशवासी लोहा, सूती कपड़ों जैसी आवश्यक वस्तुओं का उद्योग अपने यहाँ अलग नहीं कर सकते थे. औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रतिबंधों के कारण उपनिवेशों की औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रगति नहीं हो रही थी. इससे उपनिवेशवासी काफी असंतुष्ट थे और वे परतंत्रता की बेड़ी को तोड़ देना चाहते थे.

ix) सप्तवर्षीय युद्ध के परिणाम

इस युद्ध के परिणामस्वरूप उपनिवेशवासियों में आत्मविश्वास की भावना जगी. अमेरिकन सैनिकों ने अंग्रेज़ सैनकों के साथ मिलकर फ्रांस का मुकाबला युद्ध में किया था. उन्हें विश्वास हो गया कि वे अंग्रेजों से अच्छा लड़ सकते हैं. आर्थिक स्थितियाँ में सुधार और शिक्षा के विकास के कारण उपनिवेशों में मध्यम वर्ग का जन्म हुआ जो राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए प्रयास करने लगा. इस वर्ग के लोग स्वतंत्रता के इस संग्राम (American Revolution) के अग्रदूत बने.

x) तात्कालिक कारण

अमेरिका के स्वतंत्रता-संग्राम (American Revolution) का तात्कालिक ग्रेनविल के कुछ आपत्तिजनक कार्य थे. सप्तवर्षीय युद्ध के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट पैदा हो गया था. किसान और मजदूर अपनी सीमा से बाहर जाकर आदिवासियों की भूमि आबाद करना चाहते थे, लेकिन ग्रेनविल ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया. ग्रेनविल ने नेविगेशन एक्ट कड़ाई से लागू किया. चोरबाजारी सम्बन्धी मामलों की जाँच के लिए admiralty court की स्थापना की गई. 1733 ई. में Molasses Act बना – . a British law that imposed a tax on molasses, sugar, and rum imported from non-British foreign colonies into the North American colonies. ग्रेनविल ने चुंगी की वसूली में सख्ती दिखलाई. बंदरगाहों पर अंग्रेज कर्मचारी तैनात किए गए और टैक्स नहीं देनेवालों के घर की तलाशी ली जाती थी.  1765 में Stamp Act बनाया गया. अब अखबारों, कानूनी कागजातों, बंधक सम्बन्धी दस्तावेजों और इश्तहारों पर सरकारी टिकट लगाना अनिवार्य कर दिया गया. इस कानून के कारण उपनिवेशों के पात्र-प्रकाशकों, इश्तहार निकाल्नेवालों, वकीलों, व्यापारियों को भारी क्षति उठानी पड़ी. उपनिवेशवासियों के विरोध के कारण 1766 ई. में स्टाम्प एक्ट को बंद कर दिया गया. लेकिन यह स्पष्ट कर दिया गया कि ब्रिटिश सरकार को उपनिवेशों पर कर लगाने का अधिकार है.

इन्हें भी देखें:

फ्रांस की क्रांति

इटली का एकीकरण

प्रथम विश्वयुद्ध – First World War [1914-18]

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