सभी प्राणियों के लिए शोरा (arsenic) विषाक्त होता है, परन्तु अब वाशिन्गटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि प्रशांत महासागर के कुछ सूक्ष्म जीवाणु न केवल इसका सहन कर पाते हैं, अपितु इसको साँस में लेते हैं. इस खोज से यह जानने में सहायता होगी कि जीवन किस प्रकार बदलती जलवायु के अनुसार अपने आप को ढालता है.
भूमिजल में आर्सेनिक
प्राकृतिक भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के द्वारा जलीय चट्टानी परत (aquifer) आर्सेनिक से प्रदूषित हो जाता है. भारत के कई भागों में भूमिजल में आर्सेनिक होने की सूचना है, विशेषकर गंगा के मैदानों में. संतोष की बात यह है कि भूमिजल में आर्सेनिक की विद्यमानता छिटपुट है और सभी जलस्रोत इससे प्रभावित हों, ऐसी बात नहीं है.
जानने योग्य बातें
- कई देशों में भूमिजल में आर्सेनिक प्राकृतिक रूप से विद्यमान होता है.
- अ-जैविक रूप में आर्सेनिक अत्यंत ही विषाक्त होता है.
- जल में आर्सेनिक होने से उसको पीने से, उससे भोजन बनाने से और अनाज उपजाने के लिए उससे सिंचाई करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य को सबसे बड़ा खतरा है.
- पेयजल और भोजन के माध्यम से बहुत दिन तक आर्सेनिक का सेवन होने से कैंसर और चमड़ा फटने की बिमारी हो सकती है. आर्सेनिक का सम्बन्ध हृदय रोग और मधुमेह से भी जोड़ा जाता है. यदि किसी शिशु को गर्भ में अथवा शैशव अवस्था में आर्सेनिक से प्रदूषित जल आदि मिलता है तो देखा जाता है कि वे या तो कम उम्र में ही कालकवलित हो जाते हैं अथवा उनकी बुद्धि का विकास कम होता है.
आर्सेनिक क्या है?
- आर्सेनिक (As) एक गंधहीन और स्वादहीन उपधातु है जो भूपर्पटी के नीचे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.
- यह उपधातु रसायन-विज्ञान आवर्त सारणी (periodic table) में नाइट्रोजन, फास्फोरस, एंटीमनी और बिस्मथ सहित ग्रुप VA का सदस्य है.
- इसका परमाणु क्रमांक (एटोमिक नंबर) 33 है और परमाणु भार (एटोमिक मास) 91 है.
- आर्सेनिक और इसके यौगिक रवे (crystals) के रूप में तथा पाउडर और एमोरफस या काँच जैसी अवस्था में पाये जाते हैं.
- यह ज्यादातर चट्टान, मिट्टी, पानी और वायु में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. यह धरती की सतह का प्रचुर मात्रा में पाए जाना वाला 26वाँ तत्त्व है.
बचने के उपाय
- आर्सेनिक के खतरे से बचने के लिए तकनीकी विकल्प खोजना.
- आर्सेनिक से मुक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना.
- जलीय चट्टानी परत (aquifer) से लेकर नलके तक पानी में स्थित आर्सेनिक को दूर करने की तकनीक अपनाना.
- प्रदूषित भूमिजल को छोड़कर सतही जलस्रोत का उपयोग करना.
जैविक और अ-जैविक आर्सेनिक में अंतर
- यदि किसी आर्सेनिक यौगिक में कार्बन होता है तो वह जैविक आर्सेनिक कहलाता है. दूसरी ओर यदि उसमें कार्बन नहीं होता है तो वह अ-जैविक आर्सेनिक यौगिक कहलाता है.
- विदित हो कि अ-जैविक आर्सेनिक से मनुष्य को कैंसर होने का तथा अन्य स्वास्थ्यगत दुष्प्रभाव होने का खतरा रहता है.
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