भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में न्यायपालिका की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 से ले कर अनुच्छेद 235 तक न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय) से सम्बंधित अनुच्छेद (articles) दिए गए हैं. आज हम उन्हीं अनुच्छेदों की लिस्ट आपके सामने रख रहे हैं:-
न्यापालिका से सम्बंधित संविधान के अनुच्छेद (List of Articles related to Judiciary)
- अनुच्छेद 124: उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
- अनुच्छेद 125: न्यायाधीशों के वेतन आदि
- अनुच्छेद 126: कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- अनुच्छेद 127: तदर्थ (ad-hoc) न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 128: उच्चतम न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थति
- अनुच्छेद 129: उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
- अनुच्छेद 130: उच्चतम न्यायालय का स्थान
- अनुच्छेद 131: उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
- अनुच्छेद 132: कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
- अनुच्छेद 133: उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से सम्बंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
- अनुच्छेद 134: दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
- अनुच्छेद 135: विद्यमान विधि के अधीन संघीय न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना
- अनुच्छेद 136: अपील के लिए उछ्तं न्यायालय की विशेष अनुमति
- अनुच्छेद 137: निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनर्विलोकन
- अनुच्छेद 138: उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता वृद्धि
- अनुच्छेद 139: कुछ रिटों को प्रत्यक्ष निपटारा करने की शक्ति उच्चतम न्यायालय को दिया जाना
- अनुच्छेद 140: उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियाँ
- अनुच्छेद 141: उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों द्वारा आबद्धकर होना
- अनुच्छेद 142: उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
- अनुच्छेद 143: उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- अनुच्छेद 144: सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य किया जाना
- अनुच्छेद 145: न्यायालय के नियम आदि
- अनुच्छेद 146: उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
- अनुच्छेद 214: राज्यों के उच्च न्यायालय
- अनुच्छेद 215: उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
- अनुच्छेद 216: उच्च न्यायालयों का गठन
- अनुच्छेद 217: उच्च न्यायालय के न्याधीशों की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
- अनुच्छेद 218: उच्चतम न्यायालय से सम्बंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों में लागू होना
- अनुच्छेद 219: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा शपथ ग्रहण या प्रतिज्ञान
- अनुच्छेद 220: स्थायी न्यायाधीश रहने के बाद विधि-व्यवसाय पर निबंधन
- अनुच्छेद 221: न्यायाधीशों के वेतन आदि
- अनुच्छेद 222: किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण
- अनुच्छेद 223: कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- अनुच्छेद 224: अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 224 क: उच्च न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 225: विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता
- अनुच्छेद 226: कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनुच्छेद 227: सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनुच्छेद 228: कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
- अनुच्छेद 229: उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
- अनुच्छेद 230: उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्य क्षेत्रों पर विस्तार
- अनुच्छेद 231: दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
- अनुच्छेद 233: जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 233 क: कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा दिए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण
- अनुच्छेद 234: न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधेशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती
- अनुच्छेद 235: अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
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