अभी कुछ समय पहले देश के पूर्व प्रधानमन्त्री और कुशल राजनीतिज्ञ अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया. यह पोस्ट किसी परीक्षा से सम्बंधित नहीं है. आपको पता होगा कि वह एक कवि होने के साथ-साथ एक उच्च कोटि के विचारक भी थे. उनके वचनों और संदेशों से यदि हमें कुछ सीखने को मिल जाए तो हमारे लिए यह अमृततुल्य होगा. इसलिए हमने उनके द्वारा रचित कुछ पंक्तियों (quotes) को एकत्र कर लिया है जो उन्होंने लिखा तो किसी और कारण से होगा पर उनका सार हम अपने छात्र जीवन में ग्रहण कर सकते हैं. (यदि आपके पास भी अटल बिहारी जी के कुछ quotes हों जो students life से ताल्लुक रखते हों तो कमेंट में जरुर शेयर करें).[no_toc]
Atal Bihari Vajpayee Quote 1
शायद हम अटल बिहारी जी के इन पंक्तियों से यह सीख सकते हैं कि कितनी भी बाधाएँ आपके छात्र-जीवन में आयें….आपको हारना नहीं है. कई बार घरेलू समस्याएँ या निजी समस्याओं से छात्र अपनी पढ़ाई-लिखाई बिल्कुल छोड़ देते हैं. शुरुआत तो कोई भी कर लेता है पर उसको जारी रखना सब के बस की बात नहीं होती है क्योंकि हम टूट बहुत जल्दी जाते हैं और टूटकर जुड़ने में काफी समय लगता है. और इसी टूटने-जुड़ने के समय-अंतराल में हमारा भविष्य का फैसला हो जाता है. इसलिए बाधाओं से हमें टूटना नहीं है, आगे बढ़ते जाना है.
Atal Bihari Vajpayee Quote 2
यदि हम यह चाहें कि हम अव्वल हो जाएँ और हमारा दोस्त हार जाए या उसका परिणाम अच्छा न हो…यदि इसी तरह से हम किसी के प्रति ईर्ष्या की भावना रखते हैं तो सफलता शायद हमसे खुद दूर भाग जाएगी. हमें ईर्ष्या और प्रतिस्पर्धा को अलग-अलग करके देखना होगा. प्रतिस्पर्धा आगे निकलने के लिए पर ईर्ष्या हमें पीछे ले जाती है. इसलिए अटल जी कहते हैं कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता है.
और यदि हम अपनी असफलता से टूट कर बिखर जाते हैं तो फिर खड़ा हो पाना भी मुश्किल है. दरअसल आपको मालूम होना चाहिए कि असफलता हर किसी के जीवन में आती है. दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं है कि बिना असफल हुए वह आज हमारे समक्ष सीधे सफल होकर खड़ा है. दरअसल असफलता ही सफल होने की नींव हैं. इसलिए असफलता से डरे नहीं, उससे सीखने का प्रयास करें. हम जितना अपनी कमियों को पहचानेंगे और उनमें सुधार करेंगे, सफल होने की संभावना भी उतनी ही बढ़ेगी.
Atal Bihari Vajpayee Quote 3
कितने सरल भाषा में अटल बिहारी वाजपयी ने जीवन का सार बता दिया है. छात्र अक्सर फल की अधिक चिंता करते हैं और यही वजह है कि परीक्षा की तिथि निकट आते-आते तक मंदिरों में छात्रों की कतार लग जाती है कि भगवान् उन्हें पास करा दें. यदि छात्रों ने फल की चिंता न करके कर्म किया होता तो आज उनको इतना भय नहीं होता जितना मंदिर के दरवाजे पर खड़े होकर मिन्नतें माँगते वक्त हुआ करता है. हार-जीत लगा रहता है…पर जो हमारा कर्तव्य है उसे निभाना अधिक आवश्यक है. जो मिलेगा उसे आप स्वीकार करो. भविष्य की चिंता मत करें कि मैं मेहनत करूंगा…..तो क्या मेरा सपना पूरा होगा? यह सवाल का निशान ही हमारे कर्तव्य पथ पर बाधा बन जाता है. आप कर्म करें…भरपूर रूप से करें….फिर न तो आपको किसी की वरदान की आवश्यकता पड़ेगी और न ही असफलता पाने का डर होगा.
Atal Bihari Vajpayee Quote 4
बिल्कुल सही कहा है अटल बिहारी वाजपेयी जी ने. पता नहीं आप अनुभव करते हो या नहीं पर मैंने अपने जीवन में कई बार ऐसा अनुभव किया है कि जो कार्य मैं कर रहा हूँ वह हर लोगों को रास नहीं आता. कई लोग मेरी आलोचनाएँ करते हैं. कहते हैं कि यह सब करने से क्या फायदा है? या ये मत करो वो करो, उसमें ज्यादा लाभ है, इसमें केवल हानि ही हानि है. और इसी हानि और लाभ के खेल में मैं कभी-कभी खुद को अकेला पाता हूँ. पर मैं अन्दर से जानता हूँ कि यह कार्य समाज के लिए है…समाज की भलाई के लिए है जिसे लोग गलत समझ रहे हैं….तो क्या उनके गलत समझने से मैं और मेरे विचार गलत हो जायेंगे? शायद नहीं.
आपके जीवन में भी कई बार हुआ होगा. कई बार तो ऐसा हुआ होगा कि किसी अपने ने ही आपको यह सलाह दे डाली होगी कि यह मत करो…यह तुम्हारे बस की बात नहीं है….यह तुमसे नहीं हो पायेगा….कुछ कम वाला कर लो…जो तुम्हारे लायक है. पर क्या उनके मात्र यह बोलने से आप भी खुद को कम समझने लगोगे? यदि आप ऐसा करते हो तो आप गलत हो.
इस भीड़ में कभी-कभी अकेला रहना ही समझदारी है. इससे पता चलता है कि आप दूसरों से कितने आगे हो और आपके विचार दूसरों से अधिक शुद्ध हैं.
कमेंट में जरुर शेयर करें कि आप अटल बिहारी वाजपयी जी के बारे में क्या विचार रहते हैं और उनके जीवन में और एक छात्र जीवन में क्या समानता आपको नजर आती है?
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