मध्य प्रदेश के मंदिर

Dr. SajivaCulture

गुप्तकाल के बाद मध्य प्रदेश में प्रतिहार, परमार, कल्चुरि, कच्छपघात आदि विभिन्न राजवंशों के राजाओं द्वारा मन्दिर-निर्माण की परम्परा निरन्तर विकसित होती रही. ग्वालियर, ग्यारसपुर, उदयपुर, बरुआसागर, नरेसर, खरोद, नोहटा, सोहागपुर, भेड़ाघाट, गुर्गी, सुरवाया, सुहनिया, मितावली, मैहर, नचना-कुठार आदि अनेक स्थानों पर विभित्र प्रकार के मन्दिरों का निर्माण किया गया था. मध्य प्रदेश के कुछ प्रसिद्ध मंदिर नरेसर (जिला मोरेना) … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 18

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

Q1. स्त्री शिक्षा के प्रसार का वास्तविक कार्य 19वीं-20वीं शताब्दी के धर्म एवं समाजसुधार आंदोलन के नेताओं ने किस प्रकार किया? कुछ उदाहरणों के साथ वर्णन कीजिए. क्या करें ✅प्रश्न में “वास्तविक कार्य” लिखा है इसका मतलब आपको अपने उत्तर में यह लिखना चाहिए कि इससे पहले स्त्री शिक्षा की क्या स्थिति चल रही थी. तब जा कर आप “वास्तविक … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 17

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

Q1. “1784 ई. का एक्ट एक चतुर और कुटिल प्रस्ताव था जिसने संचालक-समिति की राजनीतिक सत्ता को मंत्रिमंडल के गुप्त और प्रभावशाली नियंत्रण में कर दिया था.” आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?  “The 1784 Act was a cunning and crooked proposal that put the political power of the Board of Directors under the confidential and influential control of the … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 16

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

“पूर्व के अधिनियमों की तरह ही 1919 ई० का अधिनियम भी भारतीयों को संतुष्ट नहीं कर सका.” इस कथन की समीक्षा कीजिए. “Like the earlier acts the 1919 Act also could not satisfy Indians.” Review this statement. क्या न करें ❌सीधे 1919 अधिनियम के बारे में लिखना शुरू न कर दें. क्या करें ✅प्रारम्भ में कुछ पूर्व के अधिनियमों का … Read More

[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 4

Dr. SajivaCulture, GS Paper 1, History, Sansar Manthan

सामान्य अध्ययन पेपर – 1 कला को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का उल्लेख करें. (250 words)  यह सवाल क्यों? यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है – “भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे”. सवाल का मूलतत्त्व … Read More

सविनय अवज्ञा आन्दोलन | Dandi March in Hindi

Dr. Sajiva#AdhunikIndia, Modern History

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नमस्कार मित्रों! आज हम सविनय अवज्ञा आन्दोलन (Civil Disobedience Movement) और दांडी मार्च (Dandi Yatra) के बारे में पढेंगे. असहयोग आन्दोलन के पश्चात् भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संघर्ष चलता रहा और 1930 ई. तक कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए सरकार से कई माँगें कीं, लेकिन कांग्रेस की सभी माँगें सरकार द्वारा ठुकरा दी जाती थीं. जनता के मन … Read More

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का जन्म

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1857 की क्रांति के पश्चात् भारत में राष्ट्रीयता की भावना का उदय तो अवश्य हुआ लेकिन वह तब तक एक आन्दोलन का रूप नहीं ले सकती थी, जबतक इसका नेतृत्व और संचालन करने के लिए एक संस्था मूर्त रूप में भारतीयों के बीच नहीं स्थापित होती. सौभाग्य से भारतीयों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के रूप में ऐसी … Read More

मौर्यकालीन शब्दावली

Dr. SajivaAncient History

इस पोस्ट में हम कुछ मौर्यकालीन शब्दवाली (Mauryan period/era Glossary/vocabulary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः मौर्य काल से सम्बंधित शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. यदि आपको मौर्यकाल के विषय में पढ़ना है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं : मौर्यकाल मौर्यकालीन शब्दावली (GLOSSARY OF MAURYAN PERIOD) … Read More

वैदिक शब्दावली

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इस पोस्ट में हम कुछ वैदिक शब्दवाली (Vedic Glossary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः वैदिक शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. वैदिक शब्दावली (Glossary of Vedic Terms) अमाजू – अविवाहित लड़की जो जीवनभर कुँवारी रहती है असिकनी – चिनाब अजा – बकरी अवत् – कुएँ आवे – … Read More

प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

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प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा. प्रथम विश्वयुद्ध के विषय में यहाँ पढ़ें > प्रथम विश्वयुद्ध. प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव युद्ध के दौरान कारखानों और मजदूरों की संख्या में तीव्रता से बढ़ोतरी हुई. 1914 ई. में जहाँ कारखानों में कार्यरत मजदूरों की संख्या 9,50,973 थी, वहीं 1918 ई. में उनकी संख्या 11,22,922 हो गई. … Read More