जिस दौरान पूरे भारत में सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रगति पर था और सरकार का दमन चक्र तेजी से चल रहा था, उसी समय वायसराय लॉर्ड इर्विन और मि. साइमन ने सरकार पर यह दबाव डाला कि वह भारतीय नेताओं तथा विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से सलाह लेकर भारत की संवैधानिक समस्याओं का निर्णय करे. इसी उद्देश्य से लन्दन में तीन … Read More
जिन्ना की चौदह मांगें (Fourteen points of Jinnah)
1928 ई. के राष्ट्रीय सम्मलेन में नेहरु रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया था. नेहरु रिपोर्ट के बारे में जिन्ना ने यह कहा था कि – “नेहरु रिपोर्ट को हिंदुओं की ओर से मुस्लिम प्रस्तावों का जवाब था.” जिन्ना ने कांग्रेस प्रस्ताव को, जिसमें नेहरु रिपोर्ट को स्वीकार किया गया था, मुस्लिम सम्प्रदाय का अपमान समझा और यह निष्कर्ष निकाला … Read More
नेहरु रिपोर्ट से जुड़े तथ्य और जानकारियाँ – Nehru Report 1928 in Hindi
साइमन कमीशन की नियुक्ति के साथ ही भारत सचिव Lord Birkenhead ने भारतीय नेताओं को यह चुनौती दी कि यदि वे विभिन्न दलों और सम्प्रदायों की सहमति से एक संविधान तैयार कर सकें तो इंग्लैंड सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी. इस चुनौती को भारतीय नेताओं ने स्वीकार करके इस बात का प्रयास किया कि साथ में मिल-जुलकर संविधान का … Read More
साइमन कमीशन – Simon Commission [1927]
1927 में वाइसराय लार्ड इरविन ने महात्मा गांधी को दिल्ली बुलाकर यह सूचना दी कि भारत में वैधानिक सुधार लाने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसके लिए एक कमीशन बनाया गया है जिसके अध्यक्ष सर जॉन साइमन होंगे. साइमन कमीशन/Simon Commission की एक मुख्य विशेषता यह थी कि उसके सदस्यों में केवल अँगरेज़ ही अँगरेज़ थे. … Read More
स्वराज दल की स्थापना, उद्देश्य और पतन – Swaraj Party
1921 ई. में महात्मा गाँधी द्वारा असहयोग आन्दोलन (Non Cooperation Movement) को बंद किये जाने के कारण बहुत-से नेता क्षुब्ध हो गए. इसी कारण कुछ नेताओं ने मिलकर एक अलग दल का निर्माण किया, जिसका नाम स्वराज दल रखा गया. इस दल की स्थापना 1 जनवरी, 1923 को देशबंधु चित्तरंजन दास तथा पं. मोतीलाल नेहरु ने की. इस दल का … Read More
खिलाफत आंदोलन – Khilafat Movement in Hindi
थम विश्व युद्ध में तुर्की ने मित्र राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध किया था. तुर्की के खलीफा को मुस्लिमों के धार्मिक प्रधान के रूप मे देखा जाता था. उन दिनों यह अफवाह फैली थी कि तुर्की पर ब्रिटिश सरकार अपमानजनक शर्तें लाद रही है. इसी के विरोध स्वरूप 1919-20 में अली बंधु, मालैाना आजाद, हसरत मोहानी तथा हकीम अजमल खान के … Read More
लखनऊ समझौता – 1916 (Lucknow Pact)
वर्ष 1916 का कांग्रेस अधिवेशन लखनऊ में आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता नरमपंथी नेता अम्बिका चरण मजुमदार ने की थी. गरमपंथियों का कांग्रेस में फिर से शामिल होना तथा लीग के साथ समझौता इस अधिवेशन की प्रमुख उपलब्धि थी. कांग्रेस के दोनों धड़ों को आभास हो गया था कि पुराने विवादों को दोहराने की अब कोई प्रासिंगता नहीं रह गई है … Read More
होमरूल आन्दोलन – Home Rule League in Hindi
आज हम लोग होमरूल लीग की स्थापना किन परिस्थतियों में हुई और इस आन्दोलन पतन कैसे हुआ, इसकी चर्चा करने वाले हैं. पृष्ठभूमि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में लोकमान्य तिलक तथा एनी बेसेंट द्वारा स्थापित होमरूल लीग एक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रवादी प्रतिक्रिया थी. प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ होने पर ब्रिटिश सरकार ने भारत को भी युद्ध में सम्मिलित … Read More
भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 – मार्ले-मिंटो सुधार
भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 भारत के संवैधानिक विकास का अगला कदम था. यह पूर्ववर्ती भारतीयों के ‘सहयोग की नीति’ के क्रियान्वयन की दिशा में एक प्रशंसनीय प्रयास था. इसके जन्मदाता भारत सचिव मार्ले तथा गवर्नर जनरल लार्ड मिण्टो थे. इन्हीं के नाम पर इसे मार्ले-मिंटो सुधार कहते हैं. भारतीय परिषद अधिनियम 1909 को पारित करने के पीछे कारण अधिनियम को … Read More
भारतीय परिषद् अधिनियम, 1861 – Indian Council Act
1861 का भारतीय परिषद् अधिनियम 1858 के अधिनियम द्वारा केवल गृह सरकार में ही परिवर्तन हुए थे. भारतीय प्रशासन में कोई भी परिवर्तन नहीं किये गये थे. इस बात की बहुत तीव्र भावना थी कि 1857-58 के महान् संकट के बाद भारतीय संविधान में महान् परिवर्तनों की आश्यकता है. 1861 के बाद अधिनियम के साथ ‘सहयोग की नीति’ का आरंभ … Read More