डचों का भारत में आगमन – Advent of the Dutch in India

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#AdhunikIndia के दूसरी series में आपका स्वागत है. आज हम डचों के भारत आगमन की चर्चा करने वाले हैं क्योंकि पुर्तगालियों के बाद डच ही भारत में आये थे. सभी यूरोपीय व्यापारी कंपनियों का एक ही उद्देश्य व्यापार करके लाभ कमाना था और वे अपने-अपने राजाओं से एक सनद लेकर एक ही मैदान में उतरे. इसलिए उनके बीच जोरों का … Read More

पुर्तगालियों का भारत में आगमन – Advent of Portuguese in India

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#AdhunikIndia के पहले series में आपका स्वागत है. आज हम इस सीरीज की शुरुआत पुर्तगालियों के भारत आगमन से कर रहे हैं. पन्द्रहवीं शताब्दी की अंतिम दशाब्दी की भौगोलिक खोजों के बड़े महत्त्वपूर्ण परिणाम हुए. कोलम्बस ने एक नए संसार का पता लगाया; बारतोलोमिओ डिएज़ ने Cape of Good Hope (उत्तमाशा अंतरीप) को, जिसे वह तूफानी अंतरीप कहता था, 1488 … Read More

IAS छात्रों के लिए आधुनिक भारत इतिहास के लिए नई मुहीम – #AdhunikIndia

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[vc_row][vc_column width=”1/2″][vc_column_text]कल इस ब्लॉग के एडिटर संसार जी ने मुझे कहा कि सर आप Modern History के Short Notes लिखो और उसकी एक series दिसम्बर के अंत तक ख़त्म कर दो. वैसे तो रिश्ते में मैं एडिटर जी (संसार लोचन) का पिता हूँ पर मुझे वह “सर” कहकर ही पुकारते हैं. सच कहूँ तो आधुनिक इतिहास को इतनी जल्दी कवर … Read More

[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 6

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अजंता की पहाड़ी महाराष्ट्र के जलगाँव से 55 कि.मी. और औरंगाबाद से 100 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. अजंता नामक गाँव से अजंता की गुफाएँ लगभग 5 कि.मी. दूर हैं. ये गुफाएँ फरदापुर गाँव के समील बाघोरा नदी के तट के किनारे-किनारे एक ही पहाड़ी में काट-तराशकर बनाई गई हैं. सर्पिलाकार नदी, सघन वनराशि और उन्मुक्त खुले आकाश के … Read More

[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 5

Dr. SajivaCulture, GS Paper 1, History, Sansar Manthan

सामान्य अध्ययन पेपर – 1 चैत्यगृहों के उद्भव और विकास पर प्रकाश डालिए. साथ ही चैत्य और विहार में क्या अंतर है, यह भी चर्चा करें. (250 words)  यह सवाल क्यों? यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है – “भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, … Read More

गदर पार्टी के बारे में जानें – Gadar Party 1913 in Hindi

Dr. SajivaHistory, Modern History

विदेशों में क्रांतिकारी गतिविधियों में गदर पार्टी विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इसकी स्थापना लाला हरदयाल ने की थी. 1911 ई. में वह कैलिफ़ोर्निया पहुँचे. 1912 ई. में उन्होंने एक परचा निकाला जिसमें हार्डिंग पर हमले को उचित ठहराया गया था. उन्होंने 10 मई, 1913 ई. को भारतीयों की सभा की जिसमें भारत में गदर (क्रांति) कराने के लिए गदर … Read More

हड़प्पा सभ्यता : एक संक्षिप्त अवलोकन – Harappa Civilization

Dr. SajivaAncient History, History

हड़प्पा लिपि अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है. इसलिए मात्र पुरातात्त्विक अवशेषों के आधार पर ही हड़प्पा सभ्यता की विशेषताओं का ज्ञान होता है. लिखित साक्ष्य के अभाव में अवशेषों से सटीक निष्कर्ष निकालना भी कठिन है. अतः हड़प्पा सभ्यता (Harappa Civilization) के बारे में हमारे सभी अनुमान विवाद का विषय हो जाते हैं. हड़प्पा सभ्यता का नामकरण प्रारम्भिक … Read More

अकबर की Rajput Policy और उसकी समीक्षा

Dr. SajivaHistory, Medieval History

आज के इस पोस्ट में हम अकबर की राजपूत नीति (Rajput Policy/niti) की चर्चा और समीक्षा करेंगे. भूमिका भारतीय समाज और इतिहास के निर्माण में राजपूतों का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण था. राजपूत वीरता, साहस, स्वाभिमान, स्वतंत्रता में अद्वितीय माने जाते थे. स्वाभिमान और स्वतंत्रता की रक्षा के नाम पर वे कटने-मरने के लिए तैयार रहते थे. पूर्व के तुर्क सुल्तानों … Read More

हरिहर और बुक्का के बारे में जानें, संगम राजवंश

Dr. SajivaAncient History, History

हरिहर ने अपने भाई बुक्का के साथ विजयनगर राज्य की नींव डालने के बाद सबसे पहले गुट्टी तथा उसके आसपास के क्षेत्रों को अपनी सत्ता स्वीकार करने के लिए विवश किया. उन्होंने तुंगभद्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित अणेगोंडी के आमने-सामने दो नगर बसाए – विजयनगर और विद्यानगर. हरिहर प्रथम (1336-1353) हरिहर ने 18 अप्रैल, 1336 ई. को हिंदू … Read More

धोलावीरा – सिन्धु सभ्यता का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थल

Dr. SajivaAncient History, History

सिन्धु घाटी सभ्यता के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थल धोलावीरा (dholavira) से अब तक उम्मीद से अधिक संख्या में अवशेष मिले हैं. यह स्थल गुजरात के कच्छ जिले के मचाऊ तालुका में मासर एवं मानहर नदियों के मध्य अवस्थित है. यह सिन्धु सभ्यता का एक प्राचीन और विशाल नगर था, जिसके दीर्घकाल तक स्थायित्व के प्रमाण मिले हैं. आइए जानते हैं धोलावीरा से … Read More