स्वतंत्रता संग्राम के दौरान समाचार पत्र तथा पत्रिकाएँ व उनके संस्थापक

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आज हम आपको भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान (freedom struggle era) समाचार पत्र तथा पत्रिकाएँ (newspapers and magazines) व उनके संस्थापक/सम्पादक (writers/founders/editors) के नाम बताने वाले हैं. इस list को हमारे experts के द्वारा तैयार किया गया है, अगर फिर भी कोई mistake है तो कृपया कमेंट में लिखें. Writers/Founders of Newspapers and Magazines During Freedom Struggle in Indian History … Read More

चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य – सैनिक उपलब्धियाँ तथा तत्कालीन भारत

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आज हम चन्द्रगुप्त द्वितीय यानी विक्रमादित्य (375-415 ई.) के विषय में पढेंगे. विक्रमादित्य के परिवार, उसके सिहांसन पर बैठने के समय साम्राज्य की अवस्था, उसका वैवाहिक जीवन, शक विजय, शक विजय के परिणाम, शासन प्रबंध, सिक्के, धार्मिक दशा, सामाजिक अवस्था, शासन-प्रबंध आदि के विषय में पढेंगे. नाम और परिवार चंद्रगुप्त द्वितीय को उसके अभिलेखों में भिन्न नामों से पुकारा गया … Read More

शुंग वंश के बारे में जानें – 185 ई.पू. से 75 ई.पू.

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अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ को उसी के ब्राहमण सेनापति पुष्यमित्र ने मारकर शुंग वंश (Shunga / Sunga Dynasty) की स्थापना की. बाण ने “हर्ष-चरित” में लिखा है कि अंतिम मौर्य सम्राट् बृहद्रथ के सेनापति पुष्यमित्र ने सेना के एक प्रदर्शन का आयोजन किया और राजा को इस पर्दर्शन को देखने के लिए आमंत्रित किया. उस समय उपयुक्त अवसर समझ कर … Read More

मुगल साम्राज्य के पतन के कारण – Causes of the Decline of Mughal Empire

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बाबर द्वारा स्थापित मुग़ल साम्राज्य अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब के शासनकाल में मध्याह्न सूर्य की तरह अपनी प्रखर किरणों से भारतीय इतिहास को चकाचौंध कर डाला. परन्तु औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य रूपी सूर्य धीरे-धीरे अस्ताचल की ओर बढ़ने लगा. विशाल मुग़ल साम्राज्य पहले की तुलना में केवल छायामात्र रह गया. मुग़ल साम्राज्य रूपी वृक्ष की शाखाएँ … Read More

शेरशाह का प्रारम्भिक जीवन – Early life of Shershah

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पानीपत और घाघरा की लड़ाई में विजय प्राप्तकर बाबर ने न केवल एक नए राजवंश की स्थापना की बल्कि अफगान शक्ति किक रीढ़ तोड़ डाली थी. दो बार की पराजय के फलस्वरूप अफगान शक्ति की रीढ़ तोड़ डाली थी. दो बार की पराजय के फलस्वरूप अफगान शक्ति बिखर चुकी थी. अफगान जातिगत स्वभाव के कारण क्रूर था. बचे-खुचे अफगान हताश … Read More

हुमायूँ का प्रारंभिक जीवन और राज्यारोहण

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आपका History Revision में स्वागत है. इस लेख के नीचे Revision Series का लिंक दिया है, आप वहाँ जाकर सारे आर्टिकल्स पढ़ सकते हैं. बाबर द्वारा नवनिर्मित मुग़ल साम्राज्य अस्थिर और संकटपूर्ण था. सैनिक शक्ति के बल पर नए साम्राज्य की आधारशिला राखी गई थी. मुग़ल साम्राज्य की जड़ कमजोर थी. विरासत के रूप में हुमायूँ को जो साम्राज्य प्राप्त … Read More

भारत में मुगल सत्ता की स्थापना : बाबर के युद्ध

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जैसा कि आप जानते होंगे कि आगामी Civil Services परीक्षा 2018 के लिए हम history revision series चला रहे हैं. कल हमलोगों ने संक्षेप में बाबर के आक्रमण के पूर्व भारत की स्थिति कैसी थी, वह पढ़ा (Click here to read). आज हम बाबर के प्रारम्भिक जीवन, उसके आक्रमण, काबुल-विजय, पानीपत का प्रथम युद्ध, उसकी सफलता आदि कई पहलुओं पर … Read More

बाबर के आक्रमण के पूर्व का भारत – India Before Babar’s Invasion

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परीक्षा की तिथि निकट आ रही है. इसलिए सोच रहा हूँ कि History Notes का revision करना जरुरी है. आज हम बाबर के आक्रमण के पूर्व का भारत (India Before Babar’s Invasion) के विषय में पढेंगे. भारत में जब-जब केन्द्रीय शक्ति का ह्रास हुआ और नए-नए स्वतंत्र राज्यों की स्थापना की गई तब-तब विदेशी आक्रमणकारियों ने विभाजित परिस्थिति का लाभ … Read More

मार्शल लॉ – अंग्रेजों की क्रूरता की हद!

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जालियाँवाला बाग़ के हत्याकांड ने पंजाब सरकार की उग्रता को शांत न करके और अधिक प्रज्वलित कर दिया. 13 अप्रैल के हत्याकांड ने न केवल अमृतसर में बल्कि पंजाब के अन्य नगरों में भी भयानक आतंक फैला दिया था. फिर भी पंजाब  लैफ्टिनेंट गवर्नर ने आवश्यक समझा कि अमृतसर में और अन्य कुछ स्थानों पर मार्शल लॉ अथवा सैनिक कानून लगा दिया जाए. … Read More

शाहजहाँ का शासनकाल : मुग़ल साम्राज्य का स्वर्णयुग?

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शाहजहाँ का शासनकाल 1628 ई. से 1658 ई. (according to wikipedia) तक था. ऐसा कहा जाता है कि उसके तीस वर्ष के शासन में भारत की समृद्धि में काफी बढ़ोतरी हुई थी. प्रारम्भ में विद्रोह, सुदूर सीमावर्ती एवं मध्य एशिया पर आक्रमण तथा दक्षिण राज्यों के विरुद्ध सैनिक अभियान के फलस्वरूप राजस्व के बहुत बड़े भाग का अपव्यय हुआ था … Read More