आपने पैसे के कई रूप देखे होंगे जैसे भारतीय रुपये, अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और यूरोप का यूरो. ये तमाम currencies लक्ष्मी का ही रूप हैं. इनमें से ज्यादातर currencies कागज़ से बनी होती हैं जिन्हें आप अपनी आँखों से देख सकते हैं, अपनी जेब में रख सकते हैं और इन्हें छूकर महसूस भी कर सकते हैं. आप जिस भी देश में जाते हैं, आपको उसी देश की currencies इस्तेमाल करनी पड़ती है. लेकिन क्या आपने ऐसी currency के बारे में सुना है जो किसी को दिखाई नहीं देती लेकिन फिर भी वह दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गयी है. जी हाँ, हम बिटकॉइन (Bitcoin) के बारे में बात कर रहे हैं. ये एक प्रकार की digital currency है.
BITCOIN ऐसी digital currency है जिसको आप देख नहीं सकते, छू नहीं सकते, वह सिर्फ electronically stored होती है. यह सुनने में coin है लेकिन न तो ये coin है, न नोट है, यह सिर्फ एक virtual currency है.
BITCOIN
अगर internet एक देश होता तो शायद Bitcoin इन्टरनेट की राष्ट्रीय करेंसी होती. हो सकता है कि Bitcoin के बारे में आपमें से बहुत सारे लोगों ने नहीं सुना होगा और जिन्होंने सुना भी होगा, उनमें से बहुत सारे लोग नहीं जानते होंगे कि यह कैसे काम करती है, बिटकॉइन होता क्या है. इसलिए आज हमने तय किया है कि हम इस पोस्ट के जरिये दुनिया की सबसे मूल्यवान currency का विश्लेषण हम आपके सामने करेंगे.
आज की तारीख में (30 November, 2017) एक bitcoin की कीमत 8 लाख रुपये के करीब है. यह अलग बात है कि यह सिक्का किसी को दिखाई नहीं देता क्योंकि यह एक तरह का digital सिक्का है.
- Bitcoin दुनिया की पहली decentralized currency है (यानी इसका कोई माँ-बाप नहीं, no control of RBI or any other financial institution) जिसे केवल digital दुनिया के लिए बनाई गई है.
- Bitcoins का इस्तेमाल दुनिया में कभी-भी, कहीं भी किया जा सकता है.
- Bitcoins के जरिये कोई भी व्यक्ति दुनिया में किसी दूसरे व्यक्ति को रकम भेज सकता है और इसलिए किसी बैंक या किसी third-party agencies की मदद नहीं लेनी पड़ती.
Bitcoin Wallet
आप जो भी पैसा किसी को भेजना चाहते हैं, उस पैसे को सीधे अपने Bitcoin wallet से दूसरे व्यक्ति के Bitcoin wallet में transfer कर सकते हैं. इस तरह से पैसा transfer करने पर आपको सिर्फ करीब 1 रु. 70 पैसे की fees देनी पड़ती है जो एक बहुत मामूली रकम है. दुनिया भर में इस वक़्त लाखों लोग साधारण currencies की जगह Bitcoin का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इस आर्थिक लेन-देन की प्रक्रिया में आपके wallet में notes नहीं आते, करेंसी नहीं आती बल्कि कुछ digital codes आते हैं और यही codes आप तक पहुँची हुई रकम होती है.
पैसों का लेन-देन
अभी दुनिया में पैसों की कानूनी लेन-देन के लिए बैंक का इस्तेमाल करना पड़ता है. यहाँ तक कि किसी देश में कितनी currencies का circulation होगा, ये भी बैंक और वहाँ की सरकारें तय करती हैं. लेकिन Bitcoin एक ऐसी व्यवस्था है, एक ऐसी facility है जिस पर किसी agencies, bank या सरकार का नियंत्रण नहीं है. Bitcoin के तहत लेन-देन सीधे दो लोगों के बीच होता है. ये आर्थिक लेन-देन का एक सुरक्षित और Superfast तरीका है.
यह अर्थव्यवस्था कैसे काम करती है?
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि पाँच वर्ष पहले एक बिटकॉइन का मूल्य केवल पाँच रुपये था और आज एक bitcoin की कीमत 8 लाख रुपये के करीब है. Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी, 2009 को सतोशी-नाका-मोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के एक computer programmer ने की थी. लेकिन हम आपको बता दें कि इस नाम का इंसान कौन है, ये आज तक कोई नहीं जानता. कुछ लोग सतोशी-नाका-मोतो होने का दावा करते हैं पर Bitcoin के असली जनक के विषय में अभी भी किसी को पता नहीं है.
चूँकि जैसे हमने ऊपर कहा कि बिटकॉइन को control करने के लिए कोई भी centralised authority नहीं है तो सभी transactions भरोसे पर चलता है. आपको bitcoin पर भरोसा है, मुझे bitcoin पर भरोसा है इसलिए हम आपस में trade कर लेते हैं. ऐसा नहीं है कि इसको किसी government की तरफ से या किसी बैंक के तरफ से कोई backup प्राप्त है. इसका ट्रेड one to one होता है. यदि मुझे आपको bitcoin भेजना है तो मैं आपको directly bitcoin transfer कर सकता हूँ बिना किसी बैंक के permission से या किसी से पूछ कर.
Bitcoin को ख़रीदा और बेचा कैसे जाता है?
अब सवाल यह है कि bitcoin को कमाया कैसे जाता है और bitcoin को खर्च कैसे किया जाता है? इसे कमाने के लिए बहुत सारे तरीके हैं. सबसे आसान तैयार है कि आप खुद इसे खरीद लें. जैसे यदि 1 Bitcoin की कीमत 8 लाख रुपये है तो आप किसी authorized website/app, जो bitcoin का लेन-देन करती है, से एक बिटकॉइन खरीद लें. आपके द्वारा खरीदा गया बिटकॉइन आपके अकाउंट में online stored हो जायेगा. बाद में उसकी वैल्यू घटती है या बढ़ती है, यह आपकी risk है. जब उसकी कीमत बढ़ेगी तो आप उसे बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. Next post में बताऊंगा कि Bitcoin के द्वारा आप कैसे कमाई (how to earn) कर सकते हैं.
Bitcoin Mining
अब आप सोच रहे होंगे कि जिस Bitcoin के निर्माता के बारे में किसी को कुछ पता नहीं, जिस Bitcoin के पूरे system को चलाने वाले लोगों का पता नहीं, वह digital currency आखिर काम कैसे करती होगी और बिटकॉइन निकलते कहाँ से हैं? तो आपको बता दूँ कि बिटकॉइन का आदान-प्रदान Peer to Peer तकनीक से होता है यानी ये रकम एक computer से सीधे दूसरे computer में पहुँच जाती है. लेकिन इस लेन-देन को सुरक्षित वे हज़ारों लोग बनाते हैं जो अपने ताकतवर (powerful) computer की मदद से इन transactions पर नज़र रखते हैं और इनकी जांच करते हैं. जो भी व्यक्ति ऐसा सफलतापूर्वक कर लेता है, उसे reward के रूप में कुछ bitcoins दिए जाते हैं. और इसे ही Bitcoin की mining कहा जाता है. दरअसल code language में होने वाले इस आदान-प्रदान को verify करने वाले हज़ारों लोग बैंक के एक clerk के रूप में काम करते हैं और इन्हें bitcoin miners कहा जाता है.
Bitcoin Mining के प्रकार
एक बिटकॉइन MINER आप हो सकते हैं, मैं हो सकता हूँ या कोई भी हो सकता है. जब हम इन transactions को पूरा करने के दौरान किसी की हेल्प करते हैं तो हमें थोड़ी-सी fees bitcoin के रूप में मिलती हैं और इस तरह से बिटकॉइन digital बाजार में आ जाता है. Mining दो तरीके से की जाती है –
- Solo Mining
- Pool Mining
- Solo Mining वह mining है जब आप कहते हो कि मैं अकेले mining कर रहा हूँ, मुझे किसी pool के साथ नहीं जुड़ना, मेरे पास बहुत सारे computers हैं, मेरे सारे computers powerful हैं…तो मैं जा कर अकेले mining करूँगा.
- Pool Mining वह mining है जिसमें कई सारे computers मिलकर एक pool बनाते हैं/computers का एक network बनाते हैं और वे एक साथ मिलकर काम करते हैं.
क्या Bitcoin-Generation एक ENDLESS process है?
बिटकॉइन के जनक ने इसका निर्माण इस तरह से किया है कि एक निश्चित समय के बाद बिटकॉइन की संख्या घटकर आधी रह जाती है. आज से 123 वर्षों के बाद यानी 2140 तक नए bitcoins का निर्माण बिलकुल बंद हो जायेगा. गणना के हिसाब से तब तक दुनिया में कुल 2 करोड़ 10 लाख bitcoins आ चुके होंगे. Bitcoins future की currency है और future में ही ख़त्म हो जायेगी इसलिए लोगों में ज्यादा से ज्यादा bitcoins purchase की होड़ लगी है. लोगों को पता है कि bitcoins एक दिन ख़त्म हो जायेगा इसलिए इसकी demand ज्यादा है और इससे bitcoins की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है.
चलिए इसे एक example द्वारा समझें:-
मानिए इस महीने भारी मात्रा में सोने की खुदाई की गई हो और उसे सामान्य कीमत में लोगों में बाँट दिया गया. लेकिन अगले महीने सोने की खुदाई आधी रह गयी जबकि खरीदने वालों की संख्या पहले जैसी ही है तो ऐसे में सोने की कीमत बढ़ जायेगी और अगर हर महीने ऐसा होता रहे तो सोचिये सोने की कीमत कितनी हो जाएगी. DEMAND SUPPLY THEORY.
BITCOIN का MISUSE
वित्तीय लेन-देन का सुरक्षित, तेज और आधुनिक तरीका होने के बावजूद Bitcoins के अपने कई खतरे हैं. सरकार का नियंत्रण न होने की वजह से इस करेंसी की वैल्यू ऊपर-नीचे होती रहती है. सके encrypted होने की वजह से कुछ लोग गलत कामों के लिए, प्रतिबंधित वस्तुओं को खरीदने के लिए भी बिटकॉइन का प्रयोग कर रहे हैं और दुनिया भर की सरकारें और बैंकर इसे कानूनी मान्यता देने को तैयार नहीं हैं.
BITCOIN का भविष्य
बिटकॉइन का सारा हिसाब-किताब internet पर मौजूद रहता है. यानी बिटकॉइन काले धन की समस्या को जड़ से उखाड़ फेक सकता है और पैसों की लेन-देन में नयी तरह की trasperency ला सकता है. दुनिया की बड़ी-बड़ी companies bitcoin की व्यवस्था में invest कर रही है क्योंकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि ये भविष्य की अर्थव्यवस्था की नींव है और आगे चलकर आज के notes की अहमियत कम हो जाएगी. इस वक़्त दुनिया में करीब 820 करोड़ मोबाइल फोन हैं और जबकि दुनिया की आबादी लगभग 706 करोड़ है. इसके उलट अभी भी दुनिया में 204 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके पास कोई bank account नहीं हैं यानी वह सभी लोग जिनके पास mobile phones हैं, अगर bitcoin का इस्तेमाल करने लगे तो यह दुनिया की सबसे बड़ी बैंकिंग प्रणाली बन जायेगी और वह भी एक ऐसी बैंकिंग प्रणाली जिसमें किसी भी सरकार या किसी वित्तीय संस्थान का दखल नहीं होगा.
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