आधुनिक युग में प्रत्येक देश के प्रशासन में असैनिक सेवा की महत्ता बहुत बढ़ गई है. वास्तव में, प्रशासन की सफलता असैनिक सेवाओं की योग्यता और कार्यकुशलता पर ही निर्भर करती है. संसदीय शासन-व्यवस्था में मंत्रियों को अपने विभाग के कार्यों का कोई अनुभव और ज्ञान नहीं रहता, अतः उन्हें विशेषज्ञ कर्मचारियों के इशारे पर ही नाचना पड़ता है. इसके परिणामस्वरूप नौकरशाही (bureaucracy) का विकास हो रहा है.
‘नौकरशाही’ एक ऐसा शब्द है, जिसका प्रयोग अनादर और घृणा के साथ किया जाता है. इस शब्द में एक प्रकार के दुरुपयोग की गंध मिलती है. असैनिक कर्मचारियों की आलोचना तथा निंदा करते समय ही इस शब्द का प्रयोग किया जाता है. नौकरशाही ही वह व्यवस्था है, जिसमें सरकारी कार्यों का संचालन एवं निदेशन उन लोगों द्वारा किया जाता है, जो जनहित से दूर, विशेष प्रशिक्षण प्राप्त और कानून का अक्षरशः पालन करनेवाले होते हैं. इस व्यवस्था के अंतर्गत कर्मचारी अपना उत्तरदायित्व जनता के प्रति तनिक भी नहीं समझते, जबकि उनका उद्देश्य जनता की भलाई करना ही होता है. ये अपने को उच्चतर पदाधिकारी के प्रति उत्तरदायी समझते हैं और उनका काम निर्जीव मशीन की तरह पदसोपान विधि द्वारा चलता रहता है.
एक लेखक ने ठीक ही लिखा है, “नौकरशाही राज्य शासन-संगठन की वह श्रेणी है, जिसमें कर्मचारी हुक्म के गुलाम बनकर अपने से उच्चतर कर्मचारियों की विशेष कृपा पर पनपते रहते हैं; फाइलों पर नोटिंग करते रहते हैं और अपने बॉस के स्वर में स्वर और लय में लय अनुचित रूप से मिलाते रहते हैं.” फाइनर ने इसे “मेज का शासन” की संज्ञा दी है.
नौकरीशाही की परिभाषा (Definition of Bureaucracy)
नौकरशाही की परिभाषा भिन्न-भिन्न विद्वानों ने भिन्न-भिन्न तरह से दी है. पारिभाषिक दृष्टि से इसकी परिभाषा करने पर इसका अर्थ “मेज-प्रशासन” अर्थात् “ब्यूरो अथवा कार्यालय द्वारा शासन” होता है. इस शब्द की उत्पत्ति ही फ्रांसीसी शब्द “ब्यूरो” से हुई है, जिसका अर्थ है लिखने का मेज.
इस प्रकार “ब्यूरोक्रैसी” का अर्थ उस सरकार से है, जो केवल दफ्तर से बैठकर चलाई जाती है. विल्सन (Wilson) ने अफसरशाही राज्य की परिभाषा इस प्रकार दी है, “अपने व्यापक रूप में यह पदाधिकारियों की ऐसी पद्धति है, जिसमें प्रशासकीय पदाधिकारियों का वर्गीकरण होता है जिसमें पदसोपान के आधार पर उपभाग, विभाग, संभाग, ब्यूरो आदि का निर्माण होता है———अपने सीमित रूप में यह कर्मचारियों का समूह है, जिसका संगठन पदसोपान के आधार पर किया जाता है और जो प्रभावशाली सार्वजनिक नियंत्रण से बाहर है.”
लॉस्की (Laski) के अनुसार, “नौकरशाही सरकार की वह व्यवस्था है, जिसका पूर्णरूपेण नियत्रंण उच्च पदाधिकारियों के हाथों में रहता है और वे इतने स्वेच्छाचारी हो जाते हैं कि उन्हें नागरिकों की निंदा करते समय भी शंका एवं हिचकिचाहट नहीं होती.”
मैक्सवेबर (Max Weber) ने इसकी परिभाषा देते हुए लिखा है, “यह एक प्रकार की प्रशासकीय संगठन है, जिसमें विशेष योग्यता, निष्पक्षता, मनुष्यता का अभाव आदि लक्षण पाए जाते हैं.”
फिफनर (Pfiffner) ने नौकरशाही की परिभाषा इस प्रकार दी है, “एक निश्चित सिद्धांत के आधार पर विधि द्वारा सामूहिक कार्यों के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नौकरशाही एक व्यवस्थित संगठन है.”
इन परिभाषाओं से स्पष्ट हो जाता है कि नौकरशाही एक ऐसी प्रशासकीय व्यवस्था है, जिसमें मानवीयता का अभाव पाया जाता है, शासन करने तथा आज्ञा देने की चिंता रहती है और जनता के हितों पर ध्यान नहीं दिया जाता है. इसका संबंध लालफीताशाही, सैनिकीकरण, अनधिकार हस्तक्षेप, भ्रष्टाचार, कार्य के बेढंगेपन, अकुशलता और उदासीनता से है.
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