CRAR CAR Capital to Risky Asset Ratio or Capital Adequacy Ratio in Hindi

Sansar LochanBanking, Economics Notes

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CRAR और CAR दोनों एक ही चीज है. (Full form) Capital to Risky Asset Ratio को Capital Adequacy Ratio भी कहा जाता है.  विश्व में जब भी आर्थिक मंदी आई है उसकी बहुत बड़ी वजह बैंक का अपने औकात से अधिक लोन बाँटना मुख्य कारण रहा है. शायद आपको  September 15, 2008 में फाइनेंसियल सर्विस फर्म लेमैन ब्रदर्स  का bankrupt हो जाना याद होगा. इस फाइनेंसियल फर्म ने उच्चतर जोखिम वाले उधारकर्ताओं को अधिक से अधिक लोन बाँटे और खुद भी लुटे और पूरी US इकॉनमी को भी हिला डाला.  इस तरह के लोन को sub-prime loans/lending कहा जाता है.

Sub-prime loans वे लोन होते हैं जो बैंक द्वारा उन लोगों को दे दिए जाते हैं जिनकी ऋण लौटाने की क्षमता कम होती है और उनका क्रेडिट हिस्ट्री बेकार होता है. ऐसे लोन हाई इंटरेस्ट रेट पर दिए जाते हैं. इसलिए ये लोन दोनों पक्षों के लिए खतरनाक है, लोन देने वाले और लेने वाले के लिए भी.

इसलिए ऐसी स्थिति भारत में उत्पन्न न हो, RBI ने financial institutions को कहा कि भाई…अपने पास हमेशा कुछ ख़ास अमाउंट रखो. जिसको तुम कहीं भी प्रयोग नहीं करोगे. न उससे लोन उठा के बाँटोगे, न ही कहीं और इन्वेस्ट करोगे. उसको भविष्य की सुरक्षा के रूप में रखो.

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पर अपने पास कितना अमाउंट रखना होगा, उसके लिए BASEL Norms तय किया गया जिसमें दो टियर होते हैं :- टियर १ एंड टियर २. इनके बारे में इस आर्टिकल में पढ़ें.

CRAR/CAR को CRR से घालमेल न करें. दोनों अलग-अलग चीजें हैं. CRAR/CAR जहाँ बैंक द्वारा लोन दिए जाने की मात्रा पर तय किया गया एक रेश्यो है. (काल्पनिक उदाहरण) जैसे बैंक मुझे यदि १० लाख रूपये लोन देती है तो १ लाख उसे अपने पास रखना होगा, इसलिए यहाँ CRAR/CAR 10% होगा. वहीं CRR के अंतर्गत बैंक कुछ निर्धारित कैश RBI के पास रखती है जिसका प्रयोग RBI बाजार में साख में कमी और वृद्धि के लिए करती है. CRR के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह आर्टिकल पढ़ें: क्लिक.

CRR या CRAR की परिभाषा

  • पूँजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) को ‘पूंजी-जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (Capital to Risk weighted Assets Ratio – CRAR) भी कहता हैं.
  • यह बैंक की पूँजी और जोखिम का अनुपात होता है.
  • यह बैंक की जोखिम भारित संपदा के प्रतिशत के रूप में बैंक की मूल पूँजी की राशि को दर्शाता है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक नियामक व्यावसायिक बैंकों को अतिशय जोखिम लेने से और इस प्रकार दिवालिया होने से रोकते हैं.
  • वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 9% CRAR का संधारण अवश्य करें.
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