ऋण वसूली न्यायाधिकरण – DRT क्या है? – Debts Recovery Tribunals Explained in Hindi

LochanFinance

Debts Recovery Tribunals Explained in Hindi सरकार ने निर्णय किया है कि विवाद से विश्वास विधेयक, 2020 (The Direct Tax Vivaad se Vishwas Bill, 2020) में उन मुकदमों को भी सम्मिलित किया जाएगा ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (debt recovery tribunals – DRTs)  में चल रहे हैं. ऋण वसूली न्यायाधिकरण – DRT क्या है? ऋण वसूली न्यायाधिकरणों की स्थापना बैंकों और अन्य वित्त … Read More

15वें वित्त आयोग का राजस्व के वितरण से संबंधित प्रतिवेदन

LochanFinance

Recommendations of the 15th Finance Commission पिछले दिनों संसद में 15वें वित्त आयोग का प्रतिवेदन और साथ ही की गई कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन (Action Taken Report) उपस्थापित किया गया. विदित हो कि इस आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह ने यह प्रतिवेदन दिसम्बर, 2019 में राष्ट्रपति को समर्पित किया था. राजस्व का वितरण किस प्रकार हुआ है? किस राज्य को … Read More

लाभांश वितरण कर क्या है? – Dividend Distribution Tax

LochanFinance, Governance

What is Dividend Distribution Tax? Explained in Hindi भारत सरकार के वित्त मंत्री का कहना है कि लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax) अब व्यक्तियों को नहीं वरन् कंपनियों को देना होगा. लाभांश वितरण कर क्या है? यह वह कर है जो किसी कम्पनी द्वारा अपने लाभ में से अंशधारकों को दिए गये लाभांश पर लगाया जाता है. लाभांश वितरण … Read More

व्यापक-आधारभूत व्यापार एवं निवेश समझौता (BTIA) क्या है? – India EU BTIA

LochanFiscal Policy and Taxation

India-EU Broad Based Trade and Investment Agreement (BTIA) यूरोपीय संघ ने भारत के साथ द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौता (Bilateral Investment Protection Agreement – BIPA) करने में अपनी रूचि दिखलाई है. यह समझौता प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) से अलग होगा. विदित हो कि FTA के लिए बातचीत तो हो रही है, परन्तु मामला आगे बढ़ता नहीं दिखाई दे रहा है. … Read More

राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) क्या है और इसका महत्त्व क्या है?

LochanSector of Economy

प्रधानमन्त्री के द्वारा 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के अनुरूप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 102 लाख करोड़ रु. के राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline – NIP) का पिछले दिनों अनावरण किया है. पृष्ठभूमि वित्त मंत्रालय ने आर्थिक मामले के सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यदल गठित किया है जो … Read More

जमा बीमा (deposit insurance) क्या होती है? – Explained in Hindi

LochanBanking

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सुझाव दिया है कि एक लाख रु. से ऊपर के बैंक जमा (deposit insurance) पर बीमा होनी चाहिए. यह सुझाव पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारिता बैंक घोटाले को दृष्टि में रखकर आया है. जमा बीमा (deposit insurance) क्या होती है? जमा बीमा में ग्राहक द्वारा जमा की … Read More

विशेष आर्थिक जोन (SEZ) क्या हैं? – Special Economic Zone in Hindi

LochanFinance

पिछले दिनों केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने त्रिपुरा के लिए पहला विशेष आर्थिक जोन (Special Economic Zone – SEZ) अधिसूचित किया. यह जोन त्रिपुरा औद्योगिक विकास निगम (TIDC) उन उद्योगों के लिए बनाने जा रहा है जो रबर, कपड़े और परिधान, बाँस और कृषि खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित हैं. विशेष आर्थिक जोन (SEZs) क्या हैं? विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) वे भौगोलिक … Read More

भारत 22 विनिमय वाणिज्य कोश (ETF) – Exchange Traded Funds

LochanFinance

अपने विनिवेश कार्यक्रम के लिए भारत सरकार एंकर तथा गैर-एंकर निवेशकों के लिए भारत 22 विनिमय वाणिज्य कोश (ETF) के “Further Fund Offer 2” (FFO 2) प्रस्ताव को शीघ्र ही खोलने जा रही है. Exchange Traded Fund (ETF) क्या है? ETF का पूरा नाम Exchange Traded Funds है. ये म्यूच्यूअल फण्ड हैं जो शेयरों की भाँति स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध … Read More

[Sansar Editorial] भारत में बैंक विलय और अधिग्रहण का इतिहास – History of Bank Mergers

LochanBanking, Economics Notes, Sansar Editorial 2018

आज हम इस आलेख में बैंक विलय के विषय में पढेंगे और जानेंगे कि भारत में बैंक विलय और अधिग्रहण का इतिहास (History of Indian Banks’ mergers) क्या रहा है. कोई भी अर्थव्यवस्था बैंक विलय के लिए कब बाध्य हो जाती है, यह भी जानने की कोशिश करेंगे. अभी Bank Merger का topic काफी चर्चा में है. PCA Framework क्या … Read More

विकास बैंक क्या होता है? – Development Bank in Hindi

LochanBanking

भारत में कोई विकास बैंक (development bank) नहीं है. अतः बड़ी-बड़ी निर्माण योजनाओं के लिए वित्त पोषण में समस्या देखी जाती है. अतः दीर्घकालिक वित्त उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने एक ऐसे संगठन को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जो भवन निर्माण और आवास-परियोजनाओं के लिए अधिक से अधिक ऋण मुहैया कराएगा. इस घोषणा से भारत के … Read More