येल विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में द्विवार्षिक पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (Environmental Performance Index – EPI) 2020 निर्गत किया गया. विदित हो कि इस बार इस सूचकांक को बनाने में 11 अलग-अलग मुद्दों से सम्बंधित 32 संकेतकों पर विचार किया गया है. ये 11 मुद्दे इस प्रकार हैं – जैव विविधता और आवास (15%), पारिस्थितिकी सेवाएँ (6%), वायु गुणवत्ता (20%), स्वच्छता … Read More
फ्यूचर ऑफ अर्थ प्रतिवेदन – Future of Earth 2020
फ्यूचर ऑफ अर्थ प्रतिवेदन 2020 दक्षिण एशियाई फ्यूचर अर्थ प्रादेशिक कार्यालय के द्वारा 2020 का फ्यूचर ऑफ अर्थ प्रतिवेदन प्रकाशित हो गया है. यह प्रतिवेदन इस उद्देश्य से तैयार हुआ है कि किस प्रकार कार्बन फुटप्रिंट घटाया जाए और 2050 तक वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रोक दिया जाए. ज्ञातव्य है कि 2014 से 2018 के बीच … Read More
ऑस्ट्रेलिया में दावानल (Bushfire) – कारण, दुष्प्रभावित क्षेत्र और अभी तक हुई क्षति
पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में दावानल का एक ऐसा प्रकोप देखने को मिला जिससे देश के एक बहुत बड़े भाग में विनाश का तांडव देखा गया. वहाँ इस समय सूखा चल रहा है और गर्मी पड़ रही है. कुछ लोग इस प्राकृतिक आपदा को जलवायु परिवर्तन से जोड़ रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में दुष्प्रभावित क्षेत्र वैसे तो ऑस्ट्रेलिया के प्रत्येक राज्य में … Read More
मियावाकी पद्धति (Miyawaki method) क्या है?
केरल सरकार वन रोपण की मियावाकी पद्धति (Miyawaki method) अपनाने जा रही है जिसके अन्दर सरकारी कार्यालय-परिसरों, आवासीय सोसाइटियों, विद्यालय परिसरों और सरकारी भूमि (puramboke land) पर पेड़ रोपने का काम किया जाता है. मियावाकी पद्धति (Miyawaki method) क्या है? यह वनरोपण की एक पद्धति है जिसका आविष्कार मियावाकी नामक जापान के एक वनस्पतिशास्त्री ने किया था. इसमें छोटे-छोटे स्थानों … Read More
इकोक्लब क्या हैं? – National Green Corps ‘Ecoclub’ in Hindi
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश भर के लिए एक कार्यक्रम बनाया है जिसका पिछले दिनों अनावरण हुआ. इस कार्यक्रम का अनिवारण राष्ट्रीय हरित कोर्ज (National Green Corps – NGC) के पर्यावरण, शिक्षा, जागरूकता एवं प्रशिक्षण (Environment Education Awareness and Training – EEAT) कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ. यह कार्यक्रम इकोक्लब (Ecoclubs) के नाम से भी जाना जाता है. … Read More
यूरोपीय ग्रीन डील क्या है? जलवायुगत तटस्थता (Climate neutrality) का अर्थ
हाल ही में सम्पन्न वार्षिक मैड्रिड जलवायु वार्ता से हटकर यूरोपीय संघ ने यह घोषणा की कि वह जलवायु परिवर्तन के विषय में कुछ और उपाय लाने जा रहा है. इन उपायों को यूरोपीय ग्रीन डील (European Green Deal) कहा जा रहा है. यूरोपीय ग्रीन डील के मुख्य तथ्य जलवायुगत तटस्थता (Climate neutrality): यूरोपीय संघ ने वचन दिया है कि … Read More
EChO नेटवर्क क्या है और यह कैसे काम करता है?
बहुशास्त्रीय नेतृत्व (cross-disciplinary leadership) को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने ECho नेटवर्क (EChO Network) नामक एक नेटवर्क का आरम्भ किया है. इसका उद्देश्य पर्यावरण से सम्बंधित ज्ञान में विद्यमान कमियों का पता लगाना और फिर इन विषयों पर पोस्ट-डाक्टोरल अनुसंधान हेतु प्रशिक्षण देना है और साथ ही वर्तमान में इस दिशा में किये गये सार्वजनिक एवं निजी प्रयासों … Read More
[Sansar Editorial] IPCC प्रतिवेदन में कार्बन उत्सर्जन के विषय में व्यक्त चिंताएँ
पिछले दिनों जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय पैनल (Intergovernmental Panel on Climate Change – IPCC) ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें कार्बन उत्सर्जन के विषय में कई चिन्ताएँ व्यक्त की गईं. IPCC प्रतिवेदन में व्यक्त चिंताएँ 2030 तक पूरे विश्व में कार्बन उत्सर्जन को 2010 वर्ष के स्तर से 45% नीचे लाना अनिवार्य होगा जिससे कि 2050 तक उत्सर्जन को … Read More
[Sansar Editorial] शीतलीकरण ने बढ़ा दिया है ग्लोबल वार्मिंग – जानिये कैसे?
पूरे संसार के लिए चौथा सबसे गरम वर्ष था. बढ़ती गर्मी के कारण अधिक से अधिक एयर कंडीशनर खरीदे जा रहे हैं. लोगों की आय भी बढ़ रही है और शहरीकरण भी तेजी से हो रहा है. इसलिए आशा की जाती है कि 2050 तक बाजार में 1.2 बिलियन से लेकर 4.5 एयर कंडीशनरों की माँग होगी. अकेले भारत में … Read More
बालू के अति-खनन की समस्या और इसका समाधान
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने हाल ही में बालू से सम्बंधित विश्व-भर के संसाधनों के पर्यावरण की दृष्टि से प्रशासन के लिए नए-नए समाधान खोजने के विषय में एक प्रतिवेदन निर्गत किया है. प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष विश्व-भर में बालू की खपत बढ़ती जा रही है. जितनी तेजी से हम बालू निकाल रहे हैं, उतनी तेजी से प्रकृति उसकी … Read More
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