भारतीय इतिहास में ऐतिहासिक कथन | Historical statements in Indian History

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Famous Statements in Indian History इस पोस्ट में हम कुछ ऐतिहासिक कथनों (historical statements) का उल्लेख करेंगे जो भारतीय इतिहास – “प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास” में कुछ महान या प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, इतिहासकारों आदि ने बोला है या किसी पौराणिक कथाओं, महाकाव्यों, वेदों व अन्य ऋचाओं में उद्धृत हैं. UPSC मेंस आंसर राइटिंग में इस तरह के statement लिख देने … Read More

संगम काल से सम्बंधित शोर्ट नोट्स

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अभी तक UPSC और अन्य PCS प्रारम्भिक परीक्षा (prelims exam) में आये संगम काल (Sangam Age) से आये सवालों को एकत्रित कर के आपके सामने दे रहा हूँ. वैसे तो प्राचीन इतिहास से सवाल कम ही आते हैं पर हो सकता है संगम युग से सम्बंधित यह नोट्स आपके कुछ काम आ जाये – संगमकालीन प्रमुख तथ्य (विभिन्न परीक्षा में … Read More

मध्य प्रदेश के मंदिर

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गुप्तकाल के बाद मध्य प्रदेश में प्रतिहार, परमार, कल्चुरि, कच्छपघात आदि विभिन्न राजवंशों के राजाओं द्वारा मन्दिर-निर्माण की परम्परा निरन्तर विकसित होती रही. ग्वालियर, ग्यारसपुर, उदयपुर, बरुआसागर, नरेसर, खरोद, नोहटा, सोहागपुर, भेड़ाघाट, गुर्गी, सुरवाया, सुहनिया, मितावली, मैहर, नचना-कुठार आदि अनेक स्थानों पर विभित्र प्रकार के मन्दिरों का निर्माण किया गया था. मध्य प्रदेश के कुछ प्रसिद्ध मंदिर नरेसर (जिला मोरेना) … Read More

[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 4

Sansar LochanCulture, GS Paper 1, History, Sansar Manthan

सामान्य अध्ययन पेपर – 1 कला को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का उल्लेख करें. (250 words)  यह सवाल क्यों? यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है – “भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे”. सवाल का मूलतत्त्व … Read More

सविनय अवज्ञा आन्दोलन | Dandi March in Hindi

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नमस्कार मित्रों! आज हम सविनय अवज्ञा आन्दोलन (Civil Disobedience Movement) और दांडी मार्च (Dandi Yatra) के बारे में पढेंगे. असहयोग आन्दोलन के पश्चात् भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संघर्ष चलता रहा और 1930 ई. तक कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए सरकार से कई माँगें कीं, लेकिन कांग्रेस की सभी माँगें सरकार द्वारा ठुकरा दी जाती थीं. जनता के मन … Read More

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का जन्म

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1857 की क्रांति के पश्चात् भारत में राष्ट्रीयता की भावना का उदय तो अवश्य हुआ लेकिन वह तब तक एक आन्दोलन का रूप नहीं ले सकती थी, जबतक इसका नेतृत्व और संचालन करने के लिए एक संस्था मूर्त रूप में भारतीयों के बीच नहीं स्थापित होती. सौभाग्य से भारतीयों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के रूप में ऐसी … Read More

मौर्यकालीन शब्दावली

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इस पोस्ट में हम कुछ मौर्यकालीन शब्दवाली (Mauryan period/era Glossary/vocabulary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः मौर्य काल से सम्बंधित शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. यदि आपको मौर्यकाल के विषय में पढ़ना है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं : मौर्यकाल मौर्यकालीन शब्दावली (GLOSSARY OF MAURYAN PERIOD) … Read More

वैदिक शब्दावली

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इस पोस्ट में हम कुछ वैदिक शब्दवाली (Vedic Glossary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः वैदिक शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. वैदिक शब्दावली (Glossary of Vedic Terms) अमाजू – अविवाहित लड़की जो जीवनभर कुँवारी रहती है असिकनी – चिनाब अजा – बकरी अवत् – कुएँ आवे – … Read More

प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

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प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा. प्रथम विश्वयुद्ध के विषय में यहाँ पढ़ें > प्रथम विश्वयुद्ध. प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव युद्ध के दौरान कारखानों और मजदूरों की संख्या में तीव्रता से बढ़ोतरी हुई. 1914 ई. में जहाँ कारखानों में कार्यरत मजदूरों की संख्या 9,50,973 थी, वहीं 1918 ई. में उनकी संख्या 11,22,922 हो गई. … Read More

प्रार्थना समाज – 1867 ई.

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आज हम जानेंगे प्रार्थना समाज के विषय में. इस पोस्ट को ध्यान से अंत तक पढ़ें. प्रार्थना समाज बंगाल की ही तरह महाराष्ट्र में भी सुधारवादी लहर उठी. 1837 ई० में ही प्रकाशित एक पत्रिका द्वारा मराठा ब्राह्मणों का ध्यान विधवा-विवाह की ओर आकृष्ट किया गया. रेवरेंड बाबा पद्मनजी ने भी इस विषय पर बल डाला. इसी प्रकार, 1849 ई० … Read More