संगम काल से सम्बंधित शोर्ट नोट्स

Sansar LochanAncient History

अभी तक UPSC और अन्य PCS प्रारम्भिक परीक्षा (prelims exam) में आये संगम काल (Sangam Age) से आये सवालों को एकत्रित कर के आपके सामने दे रहा हूँ. वैसे तो प्राचीन इतिहास से सवाल कम ही आते हैं पर हो सकता है संगम युग से सम्बंधित यह नोट्स आपके कुछ काम आ जाये – संगमकालीन प्रमुख तथ्य (विभिन्न परीक्षा में … Read More

मौर्यकालीन शब्दावली

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इस पोस्ट में हम कुछ मौर्यकालीन शब्दवाली (Mauryan period/era Glossary/vocabulary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः मौर्य काल से सम्बंधित शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. यदि आपको मौर्यकाल के विषय में पढ़ना है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं : मौर्यकाल मौर्यकालीन शब्दावली (GLOSSARY OF MAURYAN PERIOD) … Read More

वैदिक शब्दावली

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इस पोस्ट में हम कुछ वैदिक शब्दवाली (Vedic Glossary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः वैदिक शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. वैदिक शब्दावली (Glossary of Vedic Terms) अमाजू – अविवाहित लड़की जो जीवनभर कुँवारी रहती है असिकनी – चिनाब अजा – बकरी अवत् – कुएँ आवे – … Read More

चेदि वंश

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अशोक ने कलिंग युद्ध में विजयी होने के बाद इस राज्य (कलिंग) को मौर्य साम्राज्य में मिलाया था परन्तु अशोक की मृत्यु के बाद अन्तिम मौर्य सम्राटों की कमजोरी से लाभ उठाकर चैत्रराज ने कलिंग को स्वतंत्र कर लिया था. चैत्रराज की तीसरी पीढ़ी में ही खारवेल हुआ जिसका वृतान्त हाथी गुम्फा के शिलालेख में विस्तृत रूप से दिया गया … Read More

पल्लव – चैप्टर 1/Class 11 |Tamil Nadu Board Study Material in Hindi

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देखें यह विडियो जिसमें Tamil Nadu Board की 11वीं क्लास के चैप्टर “दक्षिण भारत का साम्राज्य – पल्लव 1(A)” का जिक्र किया गया है. इतिहास का यह चैप्टर आपकी परीक्षा के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है.

लिच्छवि साम्राज्य

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वृज्जि या वज्जि संघ 16 महाजनपदों में से एक था. यदि आपने महाजनपद के बारे में नहीं पढ़ा, तो यह पोस्ट पढ़ें > महाजनपद. यह महाजनपद मगध के उत्तर में स्थित था. यह संघ आठ कुलों के संयोग से बना था और इनमें चार (विदेह, ज्ञातृक, वज्जि तथा लिच्छवि) कुल अधिक प्रमुख थे. वैशाली इस संघ की राजधानी थी. लिच्छवि … Read More

साहित्य के क्षेत्र में प्राचीन भारत का योगदान

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प्राचीन भारत ने विश्व को अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ प्रदान किये. उदाहरणार्थ, यहाँ चार वेदों की रचना हुई. ऋग्वेद उनमें प्राचीनतम वेद है. ऋग्वेद के अतिरिक्त तीन और वेद हैं जिनके नाम यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद भी उनकी देन हैं. इनके अलावा अनेक धार्मिक ग्रन्थ भी हैं, जैसे “ब्राह्मण” (वेद मन्त्रों की व्याख्या करने वाले ग्रन्थ), आरण्यक (ब्राह्मण ग्रन्थों के ही … Read More

हर्ष और उसका काल – Harsha’s Kingdom

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गुप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित अपने सत्ता-केन्द्र से उत्तर और पश्चिम भारत पर छठी शताब्दी ई० के मध्य तक (लगभग 160 वर्षों तक) शासन किया. हूणों के आक्रमणों ने गुप्त साम्राज्य को कमजोर बना दिया. इसके पतन के बाद उत्तर भारत फिर अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित हो गया. श्वेत हुणों ने कश्मीर, पंजाब और पश्चिमी भारत … Read More

मौर्योत्तर काल में व्यापार और नगर

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मौर्योत्तर काल के विषय में सम्पूर्ण जानकारी मौर्यों का साम्राज्य ई०पू० 185 में पूरी तरह ध्वस्त हो गया. देश में अनेक विदेशी शक्तियों (शक, कुषाण आदि) तथा देशी वंशजों (शुंग वंश, कण्व वंश, सातवाहन वंश, पाण्ड्य वंश, चोल वंश तथा चेर वंश आदि) ने अपने-अपने राज्य स्थापित कर लिए. शकों, कुषाणों, सातवाहनों का प्रभाव काल लगभग 200 ई०पू० से 200 ई० … Read More

गंग वंश का इतिहास

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पल्लवों के समकालीन राज्यों में एक गंग वश का साम्राज्य था. इसे तलनाड का गंग वंश भी कहा जाता है. अनुश्रुति के अनुसार, गंग राजवंश इक्ष्वाकु वंश से उत्पन्न हुआ था. इन्होंने अपनी ऐतिहासिक महत्ता स्थापित करने के लिए स्वयं को गंग वंश कहलवाया. क्योंकि वे प्राचीन काल में गंगा नदी के किनारे से आये थे. इनकी दो शाखाएँ थीं. … Read More