वेदाध्ययन में सहायक – ग्रन्थों को वेदांग कहते हैं. कई बार UPSC परीक्षा के Prelims Exam में match of the following में इस topic पर सवाल आ जाते हैं. इसलिए वेदांगों के प्रकार को जान लेना हमारे लिए जरुरी है. आइये जानते हैं Vedanga के प्रकार और उनका संक्षिप्त परिचय (brief info about Vedanga in Hindi). वेदांग के प्रकार ये … Read More
अशोक के शिलालेख – Rock Inscription/Edicts of Ashoka
अशोक के अनेक शिलालेख उपलब्ध हुए हैं. अशोक ने इन्हें “धम्मलिपि” कहा है. इनकी दो प्रतियाँ जो पेशावर और हजारा जिले में मिली हैं, खरोष्ठी लिपि में हैं. इस पोस्ट के जरिये आपके सामने इन शिलालेखों का संक्षिप्त विवरण (brief information of Ashoka’s rock inscription/edicts) दिया जा रहा है. चतुर्दश शिलालेख अशोक के शिलालेख सबसे अच्छे हैं और एक के … Read More
जैन साहित्य – Jain Literature Brief Info in Hindi
आज हम जैन साहित्य (Jain literature) की चर्चा करेंगे. UPSC Prelims परीक्षा में कई बार ऐसे सवाल आ जाते हैं जिनका हमें तनिक भी आभास नहीं होता और उनके लिए हम prepared नहीं रहते. Jainism और Buddhism से तो कई सवाल आते रहते हैं. कभी साहित्य के, कभी उनके मत, कभी उनके विचार, विचारों में अंतर, मतों में अंतर आदि. … Read More
सोलह महाजनपद – प्रमुख राज्यों का संक्षिप्त विवरण
बौद्ध और जैन धार्मिक ग्रन्थों से पता चलता है कि ईसा पूर्व छठी शताब्दी का भारत अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था. उस समय उत्तरी भारत में सोलह महाजनपद (Sixteen Mahajanapada) अर्थात् बड़े राज्यों का अस्तित्व था. ये राज्य बड़े राज्य इसलिए कहलाते थे क्योंकि इनका आकार वैदिक युगीन कबीलाई राज्यों से बड़ा था. कबीलाई राज्यों के स्थान पर महाजनपद … Read More
पुरापाषाण, मध्यपाषाण और नवपाषाण काल के विषय में स्मरणीय तथ्य
आज हम आपको पुरापाषाण (Paleolithic Age), मध्यपाषाण (Mesolithic Age) और नवपाषाण (Neolithic Age) काल के विषय में Hindi में बताने जा रहे हैं. पुरातत्त्वविदों ने पाषाण युग को इन तीन भागों में बाँटा है. यह बहुत ही interesting topic है जिसे हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं. पर exam point of view से आज हम इन ages के बारे … Read More
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – Vijayanagara Empire
मुहम्मद तुगलक के शासनकाल (1324-1351 ई.) के अंतिम समय में (उसकी गलत नीतियों के कारण) जब अधिकाँश स्थानों पर अव्यवस्था फैली और अनेक प्रदेशों के शासकों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया तो दक्षिण के हिन्दू भी इससे लाभ उठाने से नहीं चूके. उन्होंने विजयनगर साम्राज्य (Vijayanagar Empire) की स्थापना सन 1336 ई. में पाँच भाइयों (हरिहर, कंपा प्रथम, … Read More
बिंदुसार (298 ई.पू. – 273 ई.पू.) का जीवन
चन्द्रगुप्त के बाद उसका पुत्र बिंदुसार (Bindusara) सम्राट बना. आर्य मंजुश्री मूलकल्प के अनुसार जिस समय चन्द्रगुप्त ने उसे राज्य दिया उस समय वह अल्प-व्यस्क था. यूनानी लेखकों ने उसे अमित्रोचेडस (Amitrochades) अथवा अमित्राचेटस (Amitrachates) या अलित्रोचेडस (Allitrochades) के नाम से पुकारा है. विद्वानों के अनुसार इन शब्दों का संस्कृत रूप अमित्रघात अथवा अमित्रखाद (शत्रुओं का विनाश करने वाला) है. … Read More
भारत पर हूणों का आक्रमण और उसका प्रभाव- Huna Invasions Explained
आज हम इस पोस्ट में जानने कि कोशिश करेंगे कि हूण कौन थे, ये कहाँ से आये और भारत पर इनके आक्रमण (Huna Invasion) से भारतीय राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा? हूण कौन थे? हूण मूलतः मध्य एशिया की एक जंगली और बर्बर जाति थे. जनसंख्या बढ़ जाने के कारण और कुछ अन्य कारणों से उनको मध्य … Read More
तमिल भाषा और संगम साहित्य – Sangam Sahitya in Hindi
दक्षिण भारत की सर्वाधिक प्राचीन भाषा संभवतः तमिल थी. विद्वानों की राय है कि संभवतः स्थानीय भाषाओं के रूप में यहाँ तेलगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाएँ भी प्रयोग में आती रहीं. वैदिक संस्कृति से सम्पर्क के बाद यहाँ संस्कृत भाषा के अनेक शब्द अपनाए गए और ई.पू. तीसरी शताब्दी में 44 वर्णों पर आधारित एक लिपि का विकास किया गया. … Read More
समुद्रगुप्त और उसकी विजयें – Samudragupta’s Conquests in Hindi
समुद्रगुप्त महाराजा चन्द्रगुप्त का पुत्र और उत्तराधिकारी था. हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग स्तम्भ प्रशस्ति की चौथी पंक्ति में चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा Samudragupta को भरी सभा में राज्य प्रदान करने का वर्णन दिया हुआ है. विद्वानों की राय है कि संभवतः चन्द्रगुप्त प्रथम ने समुद्रगुप्त की योग्यता को ध्याम में रखकर और अपने पुत्रों में गृह-युद्ध को रोकने के लिए ऐसा … Read More