मार्शल लॉ – अंग्रेजों की क्रूरता की हद!

Dr. SajivaHistory, Modern History

जालियाँवाला बाग़ के हत्याकांड ने पंजाब सरकार की उग्रता को शांत न करके और अधिक प्रज्वलित कर दिया. 13 अप्रैल के हत्याकांड ने न केवल अमृतसर में बल्कि पंजाब के अन्य नगरों में भी भयानक आतंक फैला दिया था. फिर भी पंजाब  लैफ्टिनेंट गवर्नर ने आवश्यक समझा कि अमृतसर में और अन्य कुछ स्थानों पर मार्शल लॉ अथवा सैनिक कानून लगा दिया जाए. … Read More

शाहजहाँ का शासनकाल : मुग़ल साम्राज्य का स्वर्णयुग?

Dr. SajivaHistory, Medieval History

शाहजहाँ का शासनकाल 1628 ई. से 1658 ई. (according to wikipedia) तक था. ऐसा कहा जाता है कि उसके तीस वर्ष के शासन में भारत की समृद्धि में काफी बढ़ोतरी हुई थी. प्रारम्भ में विद्रोह, सुदूर सीमावर्ती एवं मध्य एशिया पर आक्रमण तथा दक्षिण राज्यों के विरुद्ध सैनिक अभियान के फलस्वरूप राजस्व के बहुत बड़े भाग का अपव्यय हुआ था … Read More

बौद्ध संगीतियाँ (प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ)

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आज हम बौद्ध प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ बौद्ध संगीतियों के विषय में पढेंगे और ये जानेंगे कि उन संगीतियों (Buddhist Councils) के समय तत्कालीन शासक, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन थे? ये भी जानेंगे कि ये संगीतियाँ (councils) कहाँ और कब (date) हुईं? [table id=37 /] बौद्ध संगीतियों के प्रमुख कार्य प्रथम संगीति बुद्ध की शिक्षाओं को संकलित कर उन्हें … Read More

कौटिल्य:- सप्तांग सिद्धांत, मंडल सिद्धांत और षाड्गुण्य नीति

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कौटिल्य को भारतीय राजनीतिक विचारों का जनक माना जाता है. उनका जन्म चौथी ईसा पूर्व मगध राज्य में हुआ. उनके बचपन का नाम विष्णुगुप्त था तथा उन्हें चाणक्य भी कहा जाता है. उन्होंने विश्व प्रसिद्ध पुस्तक “अर्थशास्त्र” की रचना की. उनकी शिक्षा-दीक्षा तक्षशिला विश्वविद्यालय में  हुई बाद में वे वहीं अध्यापक भी थे. एक बार नन्द राजा द्वारा आयोजित ब्राह्मण … Read More

चोल साम्राज्य और इस वंश के शासक – The Chola Empire

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चोल साम्राज्य

आज हम चोल साम्राज्य के विषय में पढेंगे. जानेंगे इस वंश का उदय और पतन कैसे हुआ, इस वंश के राजा कौन थे. इस पोस्ट को आगे भी update किया जाएगा जिसमें हम Chola’s government (केन्द्रीय शासन), न्याय प्रणाली, आय-व्यय के साधन, कला और संस्कृति के विषय में भी जानेंगे. चलिए जानते हैं Chola Empire के सभी details in Hindi. … Read More

बौद्ध साहित्य – जातक, पिटक, निकाय आदि शब्दावली

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प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत के रूप में बौद्ध साहित्य का विशेष महत्त्व है. इसमें जातक, पिटक और निकाय आदि आते हैं. चलिए जानते हैं बौद्ध साहित्य से सम्बंधित कुछ ऐसी ही शब्दावली के विषय में जो परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं. जातक बौद्ध साहित्य का सबसे प्राचीन अंग कथाएँ हैं. जातकों की संख्या 547 है. जातक में भगवान् … Read More

[Prelims Part 1] प्राचीन भारतीय इतिहास के स्मरणीय तथ्य

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आपके साथ आज प्राचीन भारतीय इतिहास के स्मरणीय तथ्य share करने जा रहा हूँ जो आपके आगामी Civil Services Prelims परीक्षा में काम आयेंगे. Ancient History Valuable Facts प्राचीन भारत का इतिहास जानने के लिए “पुराण” एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है. इसका अर्थ है प्राचीन. इसकी संख्या 18 है. इससे प्राचीन राजवंशों और भारत के भूगोल की जानकारी मिलती है. पुराण … Read More

1857 से पूर्व के महत्त्वपूर्ण विद्रोह

Dr. SajivaHistory, Modern History

आपने 1857 के विद्रोह के विषय में लिखे हुए हमारे पोस्ट को पढ़ा ही होगा. आज हम 1857 ई. से पूर्व हुए महत्त्वपूर्ण विद्रोहों की चर्चा करेंगे – संन्यासी विद्रोह 1770 इस संन्यासी विद्रोह का उल्लेख बंकिम चन्द्र चटर्जी ने अपने उपन्यास “आनंदमठ” में किया है. तीर्थ स्थानों पर लगे प्रतिबंधों से संन्यासी लोग बहुत क्षुब्ध हुए. संन्यासियों के बीच अन्याय के … Read More

भारतीय मंदिरों के स्थापत्य की नागर, द्रविड़ और वेसर शैलियाँ

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पूर्व मध्यकालीन शिल्पशास्त्रों में मंदिर स्थापत्य की तीन बड़ी शैलियाँ बताई गई हैं – नागर शैली, द्रविड़ शैली और वेसर शैली. नागर शैली – नागर शैली का प्रचलन हिमालय और विन्ध्य पहाड़ों के बीच की धरती में पाया जाता है. द्रविड़ शैली – द्रविड़ शैली कृष्णा और कावेरी नदियों के बीच की भूमि में अपनाई गई. वेसर शैली – वेसर … Read More

गुरु नानक देव की संक्षिप्त जीवनी और शिक्षाएँ

Dr. SajivaHistory, Modern History

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आज हम गुरु नाना देव की जीवनी और उनके द्वारा दी गई अमृततुल्य शिक्षाओं के बारे में पढेंगे. चलिए पहले जानते हैं कि गुरु नानक जी का प्रारंभिक जीवन कैसा था. गुरु नानक का प्रारंभिक जीवन सिख धर्म के प्रणेता गुरु नानक देव रावी के तट पर स्थित तलवंडी (आधुनिक ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में नवम्बर 1469 ई. में एक खत्री … Read More