अशोक के अनेक शिलालेख उपलब्ध हुए हैं. अशोक ने इन्हें “धम्मलिपि” कहा है. इनकी दो प्रतियाँ जो पेशावर और हजारा जिले में मिली हैं, खरोष्ठी लिपि में हैं. इस पोस्ट के जरिये आपके सामने इन शिलालेखों का संक्षिप्त विवरण (brief information of Ashoka’s rock inscription/edicts) दिया जा रहा है. चतुर्दश शिलालेख अशोक के शिलालेख सबसे अच्छे हैं और एक के … Read More
जैन साहित्य – Jain Literature Brief Info in Hindi
आज हम जैन साहित्य (Jain literature) की चर्चा करेंगे. UPSC Prelims परीक्षा में कई बार ऐसे सवाल आ जाते हैं जिनका हमें तनिक भी आभास नहीं होता और उनके लिए हम prepared नहीं रहते. Jainism और Buddhism से तो कई सवाल आते रहते हैं. कभी साहित्य के, कभी उनके मत, कभी उनके विचार, विचारों में अंतर, मतों में अंतर आदि. … Read More
चैतन्य महाप्रभु के विषय में जानकारी – Chaitanya Prabhu
चैतन्य महाप्रभु (Chaitanya Prabhu) के विषय में आज संक्षिप्त जानकारी (Brief Information), उनकी जीवनी (biography in Hindi) के विषय में हम चर्चा करेंगे. महाप्रभु वैष्णव सम्प्रदाय संतों में सर्वाधिक महान और लोकप्रिय संत थे. चैतन्य महाप्रभु की जीवनी Biography उनका जन्म 18 फरवरी, 1486 ई. को हुआ था. उनके पिता का नाम जगन्नाथ मिश्र और माता का नाम शची देवी था. … Read More
अमीर खुसरो की रचनाएँ – Amir Khusro Books in Hindi
दिल्ली सल्तनतकालीन अन्य लेखकों में अमीर खुसरो का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है. जबकि सही अर्थों में वह इतिहासकार नहीं था. उनका जन्म 1253 ई. में हुआ था. वह एक ऐसे परिवार में पैदा हुए थे जिसका कई पीढ़ियों से राजदरबार से घनिष्ठ सम्बन्ध था. वह कैकूबाद, जलालुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी, मुबारकशाह व गयासुद्दीन तुगलक के अंतर्गत शाही सेवा में रहे. … Read More
मराठों का उत्थान – Rise of Marathas and its Causes
महाराष्ट्र में रहने वाले और मराठी बोलने वाले भारतवासी मराठा कहलाते हैं. महाराष्ट्र प्रदेश एक त्रिभुजाकार पठार और चारों ओर पहाड़ों से घिरा हुआ है. यह प्रदेश पहाड़ों, वनों और अनेक स्थानों पर ऊबड़-खाबड़ होने के कारण बड़ा दुर्गम है. महाराष्ट्र की भौगोलिक परिस्थितियों ने ही मराठों की वीर, परिश्रमी, सुदृढ़ और शक्तिशाली बना दिया. यहाँ की पथरीली, कम उपजाऊ … Read More
[Answerkey] UPSC Pre 2017 का History Portion Analysis
आप यदि हमारे ब्लॉग के रेगुलर विजिटर हैं तो आप जानते ही होंगे कि सजीव सर, जो खुद एक सेवानिवृत प्रशासनिक ऑफिसर हैं, इतिहास और कल्चर (History and Culture) पर रोज़ एक आर्टिकल आपके सामने परोसते रहते हैं जो छात्रों के बीच बहुत ही popular हो रहा है. हम दोनों ने मिलकर यह कुछ दिनों पहले यह decide किया कि … Read More
सोलह महाजनपद – प्रमुख राज्यों का संक्षिप्त विवरण
बौद्ध और जैन धार्मिक ग्रन्थों से पता चलता है कि ईसा पूर्व छठी शताब्दी का भारत अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था. उस समय उत्तरी भारत में सोलह महाजनपद (Sixteen Mahajanapada) अर्थात् बड़े राज्यों का अस्तित्व था. ये राज्य बड़े राज्य इसलिए कहलाते थे क्योंकि इनका आकार वैदिक युगीन कबीलाई राज्यों से बड़ा था. कबीलाई राज्यों के स्थान पर महाजनपद … Read More
पुरापाषाण, मध्यपाषाण और नवपाषाण काल के विषय में स्मरणीय तथ्य
आज हम आपको पुरापाषाण (Paleolithic Age), मध्यपाषाण (Mesolithic Age) और नवपाषाण (Neolithic Age) काल के विषय में Hindi में बताने जा रहे हैं. पुरातत्त्वविदों ने पाषाण युग को इन तीन भागों में बाँटा है. यह बहुत ही interesting topic है जिसे हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं. पर exam point of view से आज हम इन ages के बारे … Read More
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – Vijayanagara Empire
मुहम्मद तुगलक के शासनकाल (1324-1351 ई.) के अंतिम समय में (उसकी गलत नीतियों के कारण) जब अधिकाँश स्थानों पर अव्यवस्था फैली और अनेक प्रदेशों के शासकों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया तो दक्षिण के हिन्दू भी इससे लाभ उठाने से नहीं चूके. उन्होंने विजयनगर साम्राज्य (Vijayanagar Empire) की स्थापना सन 1336 ई. में पाँच भाइयों (हरिहर, कंपा प्रथम, … Read More
बिंदुसार (298 ई.पू. – 273 ई.पू.) का जीवन
चन्द्रगुप्त के बाद उसका पुत्र बिंदुसार (Bindusara) सम्राट बना. आर्य मंजुश्री मूलकल्प के अनुसार जिस समय चन्द्रगुप्त ने उसे राज्य दिया उस समय वह अल्प-व्यस्क था. यूनानी लेखकों ने उसे अमित्रोचेडस (Amitrochades) अथवा अमित्राचेटस (Amitrachates) या अलित्रोचेडस (Allitrochades) के नाम से पुकारा है. विद्वानों के अनुसार इन शब्दों का संस्कृत रूप अमित्रघात अथवा अमित्रखाद (शत्रुओं का विनाश करने वाला) है. … Read More