20वीं शताब्दी के शुरुआती चरणों में चंपारण के किसानों (farmers of Champaran) का भी आन्दोलन (movement) हुआ जिसकी गूँज पूरे भारत में हुई. इस आन्दोलन का महत्त्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यहीं से महात्मा महात्मा गाँधी जी भारतीय राजनीति में सक्रिय रूप से प्रवेश होता है. सत्याग्रह की शुरुआत चंपारण से ही हुई. चलिए जानते हैं चंपारण आन्दोलन/सत्याग्रह (Champaran … Read More
दीन-ए-इलाही – Din-i-Illahi Information in Hindi
दीन-ए-इलाही (Din-i-Illahi) अथवा तौहीद-ए-इलाही की स्थापना धार्मिक क्षेत्र में अकबर का सबसे महत्त्वपूर्ण और विवादास्पद कार्य था. इबादतखाना बंद करवाने और महजर की घोषणा के बाद भी अकबर धार्मिक मामलों में अत्यधिक रूचि लेता था. अपने अनुभव, विद्वानों के विचारों से अकबर इस निर्णय पर पहुँचा कि सभी धर्मों का मूल तत्त्व एक ही है. भले ही लोगों के पास … Read More
वहाबी आन्दोलन – The Wahabi Movement in Hindi
वहाबी आन्दोलन (Wahabi Movement) की शुरुआत एक इस्लामी पुनरुत्थान आन्दोलन के रूप में हुई थी. इस आन्दोलन को तरीका-ए-मुहम्मदी अथवा वल्लीउल्लाही आन्दोलन के नाम से भी जाना जाता है. यह एक देश विरोधी और सशस्त्र आन्दोलन था जो शीघ्र ही पूरे देश में फ़ैल गया. वहाबी आन्दोलन एक व्यापक आन्दोलन बन चुका था और इसकी शाखाएँ देश के कई हिस्सों … Read More
खेड़ा सत्याग्रह – एक किसान आन्दोलन 1918
आज हम खेड़ा सत्याग्रह (Kheda Movement) के विषय में पढ़ने वाले हैं. खेड़ा एक जगह का नाम है जो गुजरात में है. चंपारण के किसान आन्दोलन के बाद खेड़ा (गुजरात) में भी 1918 ई. में एक किसान आन्दोलन हुआ. गाँधीजी ने खेड़ा में भी किसानों की बदतर हालत को सुधारने का अथक प्रयास किया. खेड़ा में भी बढ़े लगान और … Read More
संथाल विद्रोह 1855 – The Santhal Rebellion in Hindi
संथाल समुदाय झारखण्ड-बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के पर्वतीय इलाकों – मानभूम, बड़ाभूम, सिंहभूम, मिदनापुर, हजारीबाग, बाँकुड़ा क्षेत्र में रहते थे. कोलों के जैसे ही संथालों ने भी लगभग उन्हीं कारणों के चलते अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया. इस विद्रोह को भी अंग्रेजी सेना ने कुचल डाला. आइए जानते हैं इस विद्रोह के कारण और परिणाम को. संथाल विद्रोह (Santhal Rebellion) का … Read More
आज़ाद हिन्द फ़ौज : Indian National Army in Hindi
आज इस आलेख (essay) में हम आजाद हिन्द फ़ौज की चर्चा करने वाले हैं. यह फ़ौज कितना सफल हुआ और कितना असफल, आज हम इन सब की चर्चा करेंगे. यह सेना किसके द्वारा और क्यों बनाई गई, इस article में हम सब जानेंगे. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रूस और जर्मनी में युद्ध छिड़ गया और सुदूर पूर्व में जापानी साम्राज्यवाद … Read More
दादाभाई नौरोजी का धन-निष्कासन का सिद्धांत : Theory of Drain of Wealth
सबसे पहले दादा भाई नौरोजी ने धन के निष्कासन (Drain of Wealth) से सम्बंधित अपनी किताब “Poverty and Un-British Rule in India” में अपने विचारों को रखा. भारत का अथाह धन भारत से इंग्लैंड जा रहा था. धन का यह अपार निष्कासन (Drain of Wealth) भारत को अन्दर-ही-अन्दर कमजोर बनाते जा रहा था. आज हम इस आर्टिकल में दादाभाई नौरोजी … Read More
सिख धर्म का संक्षिप्त इतिहास और व्यापक जानकारी – History of Sikhism in Hindi
सिख धर्म के लोग गुरुनानक देव के अनुयायी हैं. गुरुनानक देव का कालखंड 1469-1539 ई. है. सिख धर्म के लोग मुख्यतया पंजाब में रहते हैं. वे सभी धर्मों में निहित आधारभूत सत्य में विश्वास रखते हैं और उनका दृष्टिकोण धार्मिक अथवा साम्प्रदायिक पक्षपात से रहित और उदार है. 1538 ई. में गुरु नानक की मृत्यु के बाद सिखों का मुखिया … Read More
बंगाल विभाजन – Partition of Bengal 1905 in Hindi
लॉर्ड कर्जन एक घोर साम्राज्यवादी तथा प्रतिक्रियावादी वायसराय था. वह अंग्रेजों को भारतीयों की तुलना में अधिक श्रेष्ठ, योग्य और सभ्य मानता था. उसके दिल में भारतीयों के प्रति घृणा भरी थी और भारत को राष्ट्र मानने के लिए वह तैयार ही नहीं था. उसकी इसी रवैये ने भारत में असंतोष और उग्रवाद को बढ़ावा दिया. लॉर्ड कर्जन 1899 ई. … Read More
सम्राट अशोक के विषय में व्यापक जानकारी, कलिंग आक्रमण और शिलालेख
अशोक (लगभग 273-232 ई.पू.) मौर्य वंश का तीसरा सम्राट था. मौर्य वंश के संस्थापक उसके पितामह चन्द्र गुप्त मौर्य (लगभग 322-298 ई.पू.) थे. चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद उसका पिता बिन्दुसार (लगभग 298 ई.पू.-273 ई.पू.) गद्दी पर बैठा था. सिंहली इतिहास में सुरक्षित जनश्रुतियों के अनुसार अशोक अपने पिता बिन्दुसार के अनेक पुत्रों में से एक था और जिस समय बिन्दुसार … Read More