गाँधी-इरविन समझौता (5 मार्च, 1931) के बारे में जानें

Sansar LochanModern History

लंदन में आयोजित प्रथम गोलमेज सम्मेलन  की असफलता और असहयोग आन्दोलन की व्यापकता ने सरकार के सामने यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस और गाँधी के बिना भारत की राजनीतिक समस्या का समाधान आसान नहीं है. इसलिए लॉर्ड इरविन ने मध्यस्थता द्वारा गाँधीजी से समझौते की बातचीत प्रारम्भ कर दी. गाँधीजी 26 जनवरी, 1931 को जेल से रिहा कर दिए … Read More

चालुक्य वंश के बारे में जानकारी – कला एवं स्थापत्य

Sansar LochanCulture

आज हम चालुक्य वंश (Chalukya Dynasty) के बारे में जानेंगे in Hindi. इस पोस्ट के नीचे एक विडियो की लिंक दे गई है जिसमें तमिलनाडु टेक्स्टबुक की सहायता से चालुक्य वंश के बारे में समझाया गया है. उसे जरूर देखें. चालुक्य कौन थे? चालुक्य दक्षिण और मध्य भारत में राज करने वाले शासक थे जिनका प्रभुत्व छठी से बारहवीं शताब्दी तक रहा. … Read More

डॉ. अम्बेडकर की जीवनी, विचार और रचनाएँ

Sansar LochanBiography, Modern History

आज हम डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती, 2021 (birth anniversary of Baba Saheb) के अवसर पर उनकी जीवनी, विचार और रचनाओं के बारे में जानेंगे. चलिए पढ़ते हैं – Ambedkar Biography को हिंदी में. आप चाहें तो इसका PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं. Biography of B.R. Ambedkar दलितों के मसीहा, सामाजिक समानता के लिए संघर्षशील, समाज सुधारक एवं भारतीय … Read More

वीर सावरकर से सम्बंधित मुख्य तथ्य

Sansar LochanBiography, Modern History

28 मई, 2019 को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती मनाई गई. वीर सावरकर से सम्बंधित मुख्य तथ्य सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था. सावरकर ने 1904 में नासिक में ‘मित्रमेला’ नाम से एक संस्था आरंभ की थी जो शीघ्र ही मेजनी के ‘तरुण इटली’ की तर्ज पर एक गुप्त सभा ‘अभिनव भारत’ में परिवर्तित हो गयी. अभिनव … Read More

कैबिनेट मिशन योजना – 16 May, 1946

Sansar Lochan#AdhunikIndia, Modern History

cabinet_mission

द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हो गया था और इंगलैंड ने पहले आश्वासन दे रखा था कि युद्ध में विजयी होने के बाद वह भारत को स्वशासन का अधिकार दे देगा. इस युद्ध के फलस्वरूप ब्रिटिश सरकार की स्थिति स्वयं दयनीय हो गयी थी और अब भारतीय साम्राज्य पर नियंत्रण रखना सरल नहीं रह गया था. बार-बार पुलिस, सेना, कर्मचारी और श्रमिकों … Read More

Wavell योजना और शिमला Conference in Hindi

Sansar Lochan#AdhunikIndia, Modern History

wavell_yojna_simlaconference

1945 ई. के पूर्वार्ध तक भारत और विदेशों में घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा था. अक्टूबर, 1943 ई. में लॉर्ड लिनलिथगो (Lord Linlithgow) की जगह लॉर्ड वैवेल (Lord Wavell) भारत के नए वायसराय बने. जैसा कि आप जानते हो कि 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) ख़त्म हो चुका था. इंग्लैंड में नए चुनाव होने वाले थे. इंग्लैंड … Read More

भारत छोड़ो आन्दोलन – Quit India Movement in Hindi

Sansar Lochan#AdhunikIndia, Modern History

gandhi

भारत छोड़ो आन्दोलन – भूमिका भारत के इतिहास में 1942 की अगस्त क्रान्ति (August Revolution) एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है. इस क्रांति का नारा था “अंग्रेजों भारत छोड़ो (Quit India)“ और सचमुच ही एक क्षण तो ऐसा लगने लगा कि अब अंग्रेजों को भारत से जाना ही पड़ेगा. द्वितीय विश्वयुद्ध (Second Word War) में जगह-जगह मित्रराष्ट्रों की पराजय से … Read More

क्रिप्स योजना – Cripps Mission, 30 March 1942 in Hindi

Sansar Lochan#AdhunikIndia, Modern History

cripps _mission

द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रथम दो वर्ष ब्रिटिश साम्राज्य के लिए बहुत संकटपूर्ण थे. जर्मनी की निरंतर सफलता और इंग्लैंड पर आक्रमण की आशंका से इंग्लैंड अपनी रक्षा के लिए खुद प्रयत्नशील था. जापानी आक्रमण से भारतीय साम्राज्य पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे थे. इस प्रकार युद्ध की दोहरी मार से ब्रिटिश साम्राज्य की शांति और सुरक्षा खतरे में … Read More

द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं? Diarchy in Hindi

Sansar Lochan#AdhunikIndia, Modern History

Subhas_Chandra_Bose

1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रांतीय सरकार को मजबूत बनाया गया और द्वैध शासन (diarchy) की स्थापना की गई. 1919 के पहले प्रांतीय सरकारों पर केंद्र सरकार का पूर्ण नियंत्रण रहता था. लेकिन अब इस स्थिति में परिवर्तन लाकर प्रांतीय सरकारों को उत्तरदायी बनाने का प्रयास किया गया. इस द्वैध शासन का एकमात्र उद्देश्य था – भारतीयों को पूर्ण … Read More

द्वितीय गोलमेज सम्मेलन – Second Round Table Conference

Sansar Lochan#AdhunikIndia, Modern History

सरकार ने कांग्रेस को द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में सम्मिलित होने के लिए मनाने के प्रयास प्रारम्भ कर दिए. इसके तहत वाइसरॉय से वार्ता का प्रस्ताव दिया गया. इसके तहत वाइसरॉय से चर्चा के लिए आधिकारिक रूप से नियुक्त किया. गाँधी जी और वाइसरॉय इरविन की बातचीत 19 फरवरी, 1931 से शुरू हुई. 15 दिन की बातचीत … Read More