भारतीय संविधान का उद्देश्य विचार-अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वाधीनता सुनिश्चित करना है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 19 से लेकर 22 तक स्वतंत्रता के अधिकार (Right to Freedom)का उल्लेख किया गया है. इस सम्बन्ध में अनुच्छेद 19 सबसे अधिक जरुरी है. मूल संविधान के अनुच्छेद 19 द्वारा नागरिकों को 7 स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई थीं और इनमें छठी स्वतंत्रता “सम्पत्ति … Read More
वित्त आयोग (Finance Commission) – 1951
वित्त आयोग (Finance Commission) को 22 नवम्बर, 1951 में संविधान के अनुच्छेद 280 के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा पहली बार संविधान लागू होने के दो वर्ष के भीतर गठित किया गया. इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष के.सी. नियोगी थे. प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर या उससे पहले ऐसे समय, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझे, एक वित्त आयोग को गठित करता है. राष्ट्रपति द्वारा … Read More
52nd Amendment – दल-बदल पर कानूनी रोक in Hindi
राजनीतिक दल-बदल लम्बे समय से भारतीय राजनीति का एक रोग बना हुआ था और 1967 से ही राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक (anti-defection law) लगाने की बात उठाई जा रही थी. अन्ततोगत्वा आठवीं लोकसभा के चुनावों के बाद 1985 में संसद के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से 52nd Amendment विधेयक पारित कर राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगा दी. इसे संविधान … Read More
संसद और विधान मंडल की तुलना : (विधेयक के सन्दर्भ में)
कई बार परीक्षाओं में संसद (राज्य सभा+लोक सभा) या विधान मंडल (विधान परिषद्+विधान सभा) से इतने पेचीदे सवाल आ जाते हैं कि दिमाग ख़राब हो जाता है. इसलिए मैंने कोशिश किया है कि संसद और विधानमंडल के बीच अंतर या यूँ कहें कि तुलना (comparison) स्थापित करके तथ्यों को आपके सामने रखूँ. धन विधयेक को छोड़कर अन्य विधेयकों (other bills) … Read More
शोषण के विरुद्ध अधिकार – Right Against Exploitation Art. 23 & 24
भारत में सदियों से किसी-न-किसी रूप में दासता की प्रथा विद्यमान रही है, जिसके अंतर्गत हरिजनों, खेतिहर श्रमिकों और स्त्रियों पर अत्याचार किए जाते रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 23 और अनुच्छेद 24 द्वारा सभी नागरिकों को शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation Explained in Hindi) प्रदान किया गया है. मौलिक अधिकारों में से एक शोषण के विरुद्ध अधिकार … Read More
44th संविधान संशोधन, 1978 में क्या प्रावधान हैं?
भारत देश में संकट की स्थिति का सामना करने के लिए संविधान द्वारा राष्ट्रपति को विशेष शक्तियाँ प्रदान की गई हैं. राष्ट्रपति को ये संकटकालीन शक्तियाँ या दूसरे शब्दों में संविधान के संकटकालीन प्रावधान अब तक बहुत अधिक संशोधन-परिवर्तन के विषय रहे हैं. 1975 में लागू आपातकाल में 42nd Amendment (1976) के आधार पर संकटकालीन प्रावधानों को और अधिक कठोर … Read More
संविधान के मूल ढाँचे या आधारभूत सिद्धांतों की धारणा
संविधान के मूल ढाँचे की धारणा का आशय यह है कि संविधान की कुछ व्यवस्थायें अन्य व्यवस्थाओं की तुलना में अधिक महत्त्वपूर्ण हैं, वे संविधान के मूल ढाँचे के समान हैं और समस्त संवैधानिक व्यवस्था उन पर आधारित है. आइये जानते हैं – Concept of the basic structure or the basic principles of the Constitution in Hindi. केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य … Read More
73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम का महत्त्व और विशेषताएँ
भारतीय संविधान में 73rd संविधान संशोधन अधिनियम (73rd Amendment Act) ने एक नया भाग IX सम्मिलित किया है. इसे The Panchayats नाम से उल्लेखित किया गया और अनुच्छेद 243 से 243(O) के प्रावधान सम्मिलित किये गए. इस कानून ने संविधान में एक नयी 11वीं अनुसूची भी जोड़ी. इसमें पंचायतों की 29 कार्यकारी विषय वस्तु हैं. इस कानून ने संविधान के … Read More
भारतीय संविधान की मूलभूत संरचना से सम्बंधित Landmark Cases
सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में बताया है कि संविधान के आधारभूत ढाँचे में कौन-कौन से तत्व उपस्थित हैं. यह सूची सर्व-समावेशी (all inclusive) या अंतिम (final) न हो कर सिर्फ examples के लिए हैं. न्यायालय समय-समय पर कुछ तत्वों को इस सूची में शामिल करता रहा है और भविष्य में भी कर सकता है. आज हम कुछ ऐसे ही … Read More
भारतीय संविधान के स्रोत – Sources of Indian Constitution
जब भारतीय संविधान सभा (Constituent Assembly) ने संविधान को बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की तो संविधान निर्माताओं ने सोचा कि जिन देशों में संविधान पहले से लिखे जा चुके हैं, क्यों न उन संविधानों के उपबंधों (appropriate provisions) का प्रयोग भारतीय संविधान के लिए किया जाए? फिर क्या था? संविधान निर्माताओं ने अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों के संविधानों … Read More