भारतीय नागरिकता और संविधान में संशोधन

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

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नागरिकता मनुष्य की उस स्थिति का नाम है, जिसमें मनुष्य को नागरिक का स्तर प्राप्त होता है और नागरिक केवल ऐसे ही व्यक्तियों को कहा जा सकता है जिन्हें राज्य की ओर से सभी राजनीतिक और नागरिक अधिकार पदान किए गए हों, और जो उस राज्य के प्रति विशेष भक्ति रखते हों. नागरिक के उपर्युक्त लक्ष्ण को दृष्टि में रहते हुए ही … Read More

प्रमुख आयोग और समिति (List of Committees)

Sansar LochanBills and Laws: Salient Features, Polity Notes

नीचे प्रमुख आयोग/समिति (commission and committee) की लिस्ट दी गई है. ये भी जानेंगे कि इन committees/commissions के recommendations क्या थे. Important Commission/Committee संविधान की प्रारूप समिति (अध्यक्ष – डॉ. बी.आर. अम्बेडकर – संविधान को लिपिबद्ध करना) सरदार स्वर्ण सिंह समिति (1976) संवैधानिक सुधार (मूल कर्तव्यों के समावेश की संस्तुति) सीतलवाड़ी समिति (1966) राज्यों को अधिक स्वायत्तता प्रदान की संस्तुति … Read More

लोकसभा और राज्यसभा की तुलना और पारस्परिक सम्बन्ध

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

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लोकसभा और राज्यसभा का तुलनात्मक अध्ययन (comparative study) या दोनों के पारस्परिक सम्बन्धों (mutual relation) का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है. इस पोस्ट को पढ़ कर हम जानेंगे कि लोकसभा और राज्यसभा में क्या relation हैं? कौन-सी बातें इन दोनों में समान (common) हैं? नामकरण, प्रतिनिधित्व, सदस्य संख्या, निर्वाचन, कार्यकाल, साधारण विधेयक, संवैधानिक संशोधन, वित्तीय विधेयक, … Read More

NRC Draft 2017 और नागरिकता संशोधन विधेयक 2016

Sansar LochanBills and Laws: Salient Features, Polity Notes, Sansar Editorial 2018

भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ने National Register of Citizen (NRC) का पहला draft जारी किया है. इससे असम में रहने वाले कानूनी और गैर-कानूनी लोगों की पहचान हो सकेगी. असम देश का अकेला राज्य है जिसके पास NRC है. सरकार का दावा है कि NRC की पूरी प्रकिया 2018 के अन्दर तक पूरी कर ली जाएगी. … Read More

42nd संवैधानिक संशोधन (Forty-Second Amendment in Hindi)

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

आज हम 42nd संवैधानिक संशोधन के विषय में आपको बताने वाले हैं. यह भारतीय संविधान का व्यापक और सर्वाधिक विवादास्पद संवैधानिक संशोधन है. आज हम Forty-Second amendment के विभिन्न प्रावधानों (provisions) की भी चर्चा करेंगे in Hindi. 42nd Amendment – भूमिका 1971 के लोकसभा चुनावों के बाद से ही तत्कालीन शासन दल के एक वर्ग द्वारा इस बात का प्रतिपादन किया जा … Read More

स्वतंत्रता का अधिकार – अनुच्छेद 19 से 22 (Right to Freedom)

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

भारतीय संविधान का उद्देश्य विचार-अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वाधीनता सुनिश्चित करना है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 19 से लेकर 22 तक स्वतंत्रता के अधिकार (Right to Freedom)का उल्लेख किया गया है. इस सम्बन्ध में अनुच्छेद 19 सबसे अधिक जरुरी है. मूल संविधान के अनुच्छेद 19 द्वारा नागरिकों को 7 स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई थीं और इनमें छठी स्वतंत्रता “सम्पत्ति … Read More

वित्त आयोग (Finance Commission) – 1951

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

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वित्त आयोग (Finance Commission) को 22 नवम्बर, 1951 में संविधान के अनुच्छेद 280 के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा पहली बार संविधान लागू होने के दो वर्ष के भीतर गठित किया गया. इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष के.सी. नियोगी थे. प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर या उससे पहले ऐसे समय, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझे, एक वित्त आयोग को गठित करता है. राष्ट्रपति द्वारा … Read More

52nd Amendment – दल-बदल पर कानूनी रोक in Hindi

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

राजनीतिक दल-बदल लम्बे समय से भारतीय राजनीति का एक रोग बना हुआ था और 1967 से ही राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक (anti-defection law) लगाने की बात उठाई जा रही थी. अन्ततोगत्वा आठवीं लोकसभा के चुनावों के बाद 1985 में संसद के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से 52nd Amendment विधेयक पारित कर राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगा दी. इसे संविधान … Read More

संसद और विधान मंडल की तुलना : (विधेयक के सन्दर्भ में)

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

कई बार परीक्षाओं में संसद (राज्य सभा+लोक सभा) या विधान मंडल (विधान परिषद्+विधान सभा) से इतने पेचीदे सवाल आ जाते हैं कि दिमाग ख़राब हो जाता है. इसलिए मैंने कोशिश किया है कि संसद और विधानमंडल के बीच अंतर या यूँ कहें कि तुलना (comparison) स्थापित करके तथ्यों को आपके सामने रखूँ. धन विधयेक को छोड़कर अन्य विधेयकों (other bills) … Read More

अशोक मेहता समिति के बारे में जानें – Ashok Mehta Committee

Sansar LochanPatwari, Polity Notes

पंचायती राज को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए जनता सरकार ने 1977 में अशोक मेहता समिति का गठन किया था. अशोक मेहता समिति (Ashok Mehta Committee) ने 1978 में सरकार को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया.  इसकी निम्नलिखित अनुशंसा (recommendations) थीं – Recommendations of Ashok Mehta Committee इस committee ने recommend किया कि पंचायत राज संस्थाओं में तीन स्तर (three-tier) के … Read More