[Sansar Editorial] अटल टनल – सामरिक दृष्टि से मील का पत्थर

LochanSansar Editorial 2020

मास बर्फ के आगोश में कैद रहने वाले जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति के लोगों के लिये अटल टनल का अस्तित्व में आना दशकों पुराने सपनों का साकार बन जाने जैसा है. यह क्षेत्र प्रकृति के खजाने से समृद्ध है और बहुत ही मनमोहक एवं रमणीय है. इस क्षेत्र में इस टनल के बन जाने से पर्यटन का विस्तार तो होगा ही, … Read More

[Sansar Editorial] स्वामित्व योजना और प्रॉपर्टी कार्ड क्या है?

LochanGovt. Schemes (Hindi), Sansar Editorial 2020

केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनकी भू-संपत्ति को लेकर प्रॉपर्टी कार्ड मिलने प्रारम्भ हो गए हैं. इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक गाँव के घर और भूमि का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. गाँवों की सीमा के अन्दर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार होगा. इन प्रॉपर्टी कार्डों को राज्य सरकारों द्वारा … Read More

[Sansar Editorial] पराली जलाना कितना सही और कितना गलत?

LochanSansar Editorial 2020

निःसंदेह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या तब अधिक जटिल हो जाती है जब धान की फसल के पश्चात् किसान खेतों में पराली जलाने लगते हैं. गत मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने खेतों में पराली जलाने के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र व निकटवर्ती राज्यों हरियाणा, पंजाब, यूपी तथा दिल्ली सरकारों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया … Read More

आर्मेनिया और अजरबैजान विवाद – एक अवलोकन

LochanSansar Editorial 2020

आर्मेनिया और अजरबैजान इस समय युद्ध की आग में झुलस रहे हैं. विदित हो ये देश ईरान और तुर्की की सीमा से संलग्न दो छोटे देश हैं. युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के सैकड़ों सैनिक व कई नागरिक हताहत हो चुके हैं. तुर्की द्वारा अजरबैजान के पक्ष में सीरिया और लीबिया से आतंकी गुटों को युद्धग्रस्त क्षेत्र में भेजे … Read More

[Sansar Editorial] पत्रकारिता की नैतिकता पर प्रश्नचिह्न

LochanSansar Editorial 2020

भारत में प्रिंट मीडिया का व्यवस्थित इतिहास 200 वर्षों से अधिक का रहा है. हाल के सालों में टेलीविज़न पत्रकारिता का तेजी से विस्तार हुआ है. टीवी पत्रकारिता में ‘सबसे पहले खबर दिखाने’ और ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ के नाम पर ‘व्यावसायिक प्रतिबद्धता’ और ‘पेशे की बुनियादी नैतिकता’ के उल्लंघन का मामला बढ़ता ही जा रहा है और इस बढ़ती हुई संख्या … Read More

[Sansar Editorial] कृषि विधेयकों, 2020 का विश्लेषण

LochanSansar Editorial 2020

आप जानते होंगे कि हाल ही में लोकसभा में दो कृषि विधेयकों- ‘कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधाकरण) विधेयक, 2020’ और ‘कृषक (सशक्तिकरण और सरंक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं हेतु अनुबंध विधेयक 2020’ को बहुमत से पारित कर दिया गया है. विदित हो कि लोकसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020  [Essential Commodities (Amendment) Bill, 2020] को … Read More

[Sansar Editorial] कुवैत का अप्रवासी कोटा मसौदा विधेयक – भारतीय श्रमिकों पर संकट

LochanIndia and non-SAARC countries, Sansar Editorial 2020

कुवैत की नेशनल असेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने अप्रवासी कोटा मसौदा विधेयक (draft expat quota bill) को स्वीकृति दे दी है, जिसमें यह कहा गया है कि भारतीयों की आबादी वहाँ की कुल जनसंख्या से 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. अब इस विधेयक को संबंधित समिति में भेजा जाएगा ताकि एक व्यापक योजना बनाई जाए. नेशनल … Read More

[Sansar Editorial] QUAD देश और त्रिपक्षीय मालाबार नौसेना अभ्यास

LochanSansar Editorial 2020

भारत के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में इस वर्ष के अंत तक जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बंगाल की खाड़ी में त्रिपक्षीय मालाबार नौसेना अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा की है. हालांकि इस सन्दर्भ में अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, पर यह प्रतीत होता है कि ऑस्ट्रेलिया को जल्द ही हरी झंडी … Read More

[Sansar Editorial] सरकार द्वारा छोटे किसानों के लिए किये जा रहे प्रयास

LochanSansar Editorial 2020

हमारा देश कृषि प्रधान है। यहाँ के कृषक छोटे किसान अथवा छोटी जोत के किसान हैं। इनकी जनसंख्या हमारे देश की जनसंख्या का लगभग 48% है और ये ही देशभर के अन्नकोष को भरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सच मानिए तो यही एक कारण रहा है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम या एसेंसशियल कमोडिटी एक्ट (ईसीए) में संशोधन और … Read More

[Sansar Editorial] लद्दाख का अतीतः संक्षिप्त प्रदर्शिका

LochanSansar Editorial 2020

भारत के काश्मीर और बाल्टिस्तान के पूरब में तथा चीन के सिनकियांग के दक्षिण और चीन (तिब्बत) के पश्चिम में एक उच्च पर्वतीय प्रदेश लद्दाख नाम से है. लद्दाख में आज तिब्बती वंशों का बाहुल्य है पर पुराकाल में वहाँ मोन और दरद जातियों के समाजों का अधिकार था. उसके पूरब में शांगशुंग समाज का क्षेत्र था जिसे बाद में … Read More