Centre Cannot Brand Organisations ‘Political’: SC
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों यह व्यवस्था दी कि केंद्र सरकार किसी संगठन को “राजनीतिक” घोषित करके उसे किसी सार्वजनिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए विदेशी धन प्राप्त करने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकती है.
मामला क्या है?
इंडियन सोशल एक्शन फोरम (INSAF) ने एक याचिका दायर की थी जिसमें Foreign Contribution Regulation Act (FCRA), 2010 तथा विदेशी अंशदान (विनियमन) नियमावली, 2011 के कतिपय प्रावधानों को चुनौती दी गई थी.
याचिका के अनुसार, ये कानून केंद्र सरकार को यह अनियंत्रित शक्ति प्रदान करते हैं कि वह संगठनों को राजनीतिक करार देते हुए उन्हें विदेशी धन लेने से रोक सके.
विवादित प्रावधान
FCRA का अनुभाग 5(1) : आरोप है कि यह प्रावधान अस्पष्ट है और यह केंद्र को यह निर्णय की पूरी छूट देता है कि कौन संगठन राजनीतिक है अथवा अराजनीतिक.
FCRA का अनुभाग 5(4) : आरोप है कि यह प्रावधान स्पष्ट रूप से उस अधिकारी का नाम नहीं बताता जिसके पास कोई संगठन अपनी शिकायत लेकर जा सकता है.
2011 नियमावली का नियम 3 : इसमें उन राजनीतिक गतिविधियों का वर्णन है जिसके लिए सरकार किसी संगठन को विदेशी धन लेने से रोक सकती है.
सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियाँ
- यदि कोई संगठन अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले नागरिकों के हित का समर्थन करता है और इसके लिए उसका कोई राजनीतिक लक्ष्य नहीं है, तो उसे राजनीतिक संगठन घोषित करके दण्डित नहीं किया जा सकता.
- परन्तु यदि सिद्ध हो जाए कि वह संगठन किसी राजनीतिक लक्ष्य की पूर्ति के लिए ऐसा कर रहा है तो उसे विदेशी धन लेने से रोक दिया जाता है.
- कुछ संगठनों के राजनैतिक लक्ष्य होते हैं और इसका वर्णन उनके साहचर्य ज्ञापन (memorandum of association) अथवा उप-नियमों हुआ रहता है. ऐसे संगठनों को विदेशी धन लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.