बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश-धरासू महामार्ग (NH-94) पर घनी आबादी वाले चंबा शहर के नीचे सुरंग निर्माण में सफलता प्राप्त कर ली है. चलिए जानते हैं चम्बा टनल के बारे में और साथ ही साथ जानेंगे कि चारधाम परियोजना क्या है?
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चंबा टनल
- COVID-19 और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन होने के बाद भी BRO की टीम ने इस कार्य को अंजाम तक पहुँचाया. कोरोना जैसी महामारी के समय सीमा सड़क संगठन (BRO) के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों ने इस टनल के निर्माण से देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है. यदि गौर से देखा जाए तो यह भी आत्म निर्भर भारत का ही एक रूप है.
- जनवरी 20019 में प्रारम्भ हुआ था चंबा टनल को बनाने का कार्य शुरू किया गया था. निर्धारित तिथि जनवरी 2021 से तीन माह पहले ही यातायात के लिए यह सुरंग खुल जायेगी. मोटा-मोटी कह सकते हैं कि अक्टूबर 2020 से इस सुरंग के जरिये यातायात प्रारम्भ हो जाएगा.
- पूरी जानकारी ऊपर के विडियो में ही दी गई है.
चारधाम परियोजना क्या है?
- इस परियोजना के अंतर्गत 900 किलोमीटर का राजमार्ग बनाया जाएगा जो हिंदू तीर्थ –गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ– को जोड़ेगा. इस पर अनुमानित खर्च 12,000 करोड़ रु. होगा.
- इस राजमार्ग को चारधाम महामार्ग कहा जाएगा और इसके निर्माण की परियोजना का नाम चारधाम महामार्ग विकास परियोजना (Char Dham Highway Development Project) होगा.
- इस परियोजना के अन्दर वर्तमान सड़कों की चौड़ाई को 12 मीटर से बढ़ाकर 24 मीटर किया जाएगा. इसके अतिरिक्त कई स्थानों पर सुरंग, बाइपास, पुल, भूमिगत मार्ग एवं जल-निकास बनाए जाएँगे.
चारधाम तीर्थयात्रा परियोजना
- भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक मूर्धन्य परियोजना है उत्तराखंड में स्थित तीर्थस्थानों – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ – को जोड़ने वाला एक चार मार्गों वाला एक्सप्रेस वे का निर्माण करना.
- इस एक्सप्रेस वे की सम्पूर्ण लम्बाई 900 किलोमीटर की होगी.
- परन्तु कुछ पर्यावरणवादियों ने इस योजना का यह कहते हुए विरोध किया है कि इससे प्रदेश का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ जायेगा. इसके लिए इन पर्यावरणवादियों ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दे रखी थी.