नौकरशाही की विशेषताएँ – Ethics Notes

RuchiraEthics

विभिन्न विद्वानों ने नौकरशाही (Bureaucracy) की विभिन्न विशेषताओं पर प्रकाश डाला है. उन विशेषताओं के आधार पर नौकरशाही की निम्नलिखित विशेषताओं का वर्णन किया जा सकता है –  

नौकरशाही की विशेषताएँ – Characteristics of Bureaucracy

निश्चित कार्यक्षेत्र

इसकी पहली विशेषता यह है कि इसका कार्यक्षेत्र निश्चित होता है. विधानमंडल द्वारा बनाए गए नियमों तथा कार्यपालिका द्वारा बनाए गए नियमों और अध्यादेशों के अनुसार प्रत्येक पदाधिकारी का कार्यक्षेत्र निश्चित कर दिया जाता है. वह इसी निश्चित दायरे के अंतर्गत कार्य करता है और अपने कार्यों के लिए कार्यपालिका के प्रति उत्तरदायी रहता है. उसके सहयोग के लिए अन्य कर्मचारियों की व्यवस्था रहती है.

पदसोपान-पद्धति के आधार पर नियुक्तियाँ

नौकरशाही-व्यवस्था में पदसोपान-पद्धति के आधार पर नियुक्तियाँ होती हैं. इसका अर्थ यह है कि आदेश ऊपर से नीचे की ओर प्रवाहित होता है और उत्तरदायित्व का क्रम नीचे से ऊपर की ओर चलता है. उच्चतर पदाधिकारियों के नियंत्रण और निदेशन में ही अधीनस्थ पदाधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य करना पड़ता है. परंतु, इसका अर्थ यह नहीं है कि उच्चतर पदाधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों को अनुचित कार्य करने के लिए बाध्य कर सकते हैं. वास्तविकता यह है कि दोनों के कार्य कानून द्वारा निश्चित कर दिए जाते हैं. पदसोपान-पद्धति का अर्थ सिर्फ यही है कि दोनों ही अधिकारियों को एक-दूसरे से संपर्क स्थापित करने के लिए कई सोपानों को पार करना पड़ता है.

पूर्वनिश्चित नियम

कर्मचारियों पर जनमत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, उनके कार्यो का संचालन पूर्वनिश्चित नियमों के अनुसार ही होता है. इस प्रकार, वे जनमत के प्रभाव से अछूते रह जाते हैं.

विशिष्ट संगठन

नौकरशाही में असैनिक कर्मचारियों का विशिष्ट संगठन होता है, जो जनता के प्रति उन्हें उत्तरदायी बनने के लिए प्रेरित नहीं करता. इसके विपरीत, उनमें शासन करने की इच्छा कूट-कूटकर भरी रहती है और वे सेवक नहीं रह कर स्वामी बन जाते हैं. प्रशिक्षित कर्मचारी अपने को साधारण जनता से उच्चतर मानते हैं. यही कारण है कि उन पर मनमाने ढंग से शासन करना वे अपना जन्मसिद्ध अधिकार मान बैठते हैं.

कागजी कार्यवाही

राज्य का कार्यक्षेत्र बढ़ जाने के कारण सरकारी कर्मचारियों का कार्य और भी बढ़ गया है. इसी कारण, ठीक ही कहा जाता है कि नौकरशाही में “कागजी कार्यवाही” की मात्रा बढ़ जाती है. उन्हें सरकार का कार्य पूरी क्षमता के साथ करना पड़ता है, चाहे उन्हें कितनी भी असुविधाओं का सामना करना पड़े. वास्तव में, नौकरशाही में कर्मचारियों के निजी व्यक्तित्व पर सरकारी व्यक्तित्व पूरे तौर से हावी रहता है.

व्यवस्थित रेकॉर्ड

नौकरशाही की अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें कागजों, अभिलेखों तथा फाइलों पर अधिक ध्यान दिया जाता है. इन सबको व्यवस्थित रूप से रखा जाता है, क्योंकि इनके बिना सरकार का कार्य भी अच्छे ढंग से नहीं चल सकता है. फाइलों में सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध भी यदि कोई बात है, तो उसके विरुद्ध उन्हें जाने का साहस नहीं होता. अधिकारी वर्ग द्वारा कागजी रेकॉर्डों को इतना अधिक महत्त्व दिया जाता है कि उसके समक्ष जनता के सुख-दुःख का भी ख्याल नहीं रखा जाता.

कुशल एवं मेधावी व्यक्तियों की नियुक्ति

नौकरशाही में सरकारी सेवा में केवल उन्हीं व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है, जो सामान्य रूप से सेवा करने की निर्धारित योग्यताएँ रखते हैं. उनका योग्य और कुशल होना आवश्यक है. अधिकारियों को कार्यकुशल होना आवश्यक है, जिससे वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यो का नियंत्रण एवं निरीक्षण कर सकने में समर्थ हो सकें. उनका आचरण ऐसा होना चाहिए कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी यह समझें कि उन पर कठोर दृश्टि रखी जा रही है. साथ ही, इसमें शक्ति और कार्यों की व्यवस्था इस तरह से की जाती है कि कोई भी एक पदाधिकारी अपने हाथों में ही सारी शक्तियों को केद्रित न कर ले.

सिद्धांत तथा व्यवहार में अंतर

नौकरशाही की अंतिम और महत्त्वपूर्ण विशेषता यह कही जा सकती है कि इसमें सिद्धांत और व्यवहार में बहुत बड़ा अंतर पाया जाता है. सिद्धांत में तो कर्मचारी यह दिखाने का प्रयत्न करते हैं कि वे जनता के बहुत बड़े सेवक हैं, परंतु व्यवहार में वे धन और शक्ति के भूखे हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें –

नौकरशाही की परिभाषा

Tags: Ethics notes in Hindi. Characteristics, bureaucracy, civil servants, GS Paper IV, GS Paper 4.

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]