Clause 6 in Assam Accord Explained in Hindi
असम में रहने वाले बंगाल मूल के या बांग्ला बोलने वाले मुसलमानों (जिन्हें मियाँ कहा जाता है), बंगाली हिन्दुओं और गुरखाओं ने 1985 के असम समझौते के उपवाक्य 6 के कार्यान्वयन के विषय में गठित उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाओं पर चिंता व्यक्त की है.
इतिहास
असम समझौते, 1985 के उपवाक्य 6 के कार्यान्वयन के लिए एक 13 सदस्यीय समिति गठित हुई थी. इस समिति ने पिछले दिनों अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है.
चिंता का विषय क्या है?
यह समझा रहा है कि समझौते के उपवाक्य 6 के कार्यान्वयन के फलस्वरूप इन समुदायों को मूल समुदायों की सूची से बाहर होना पड़ेगा. जबकि इनमें से 80% असम में शताब्दियों से रहते आये हैं.
उपवाक्य 6 क्या है?
समझौते का उपवाक्य 6 कहता है कि असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषिक पहचान तथा विरासत को सुरक्षित, संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए समुचित संवैधानिक, कानूनी एवं प्रशासनिक उपाय किये जाएँगे. परन्तु किसी भी सरकार ने 1985 के उपरान्त इस दिशा में कोई कानून नहीं बनाया है.
असम समझौता क्या है?
यह समझौता 1985 में भारत सरकार और अखिल असम छात्र संघ (All Assam Students Union – AASU) के नेताओं के बीच में हस्ताक्षरित हुआ था. ये नेता बांग्लादेश से आने वाले अवैध आव्रजकों को राज्य से बाहर निकालने के लिए छह वर्षों से संघर्ष कर रहे थे. इस समझौते पर हस्ताक्षर होने से यह संघर्ष समाप्त हो गया था.
Tags : What is Clause 6 of Assam Accord? Concerns expressed over this clause, ways to address them.
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